विश्व उच्च रक्तचाप दिवस

जागरूकता के अभाव में बढ़ रहे रोगी

उच्च रक्तचाप यानी हाइपरटेंशन एक ऐसी बीमारी है, जो शहरों में हर छठे इंसान को है। इसी बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए दुनिया में हर साल 17 मई को विश्व उच्च रक्तचाप दिवस मनाया जाता है। आजकल 16 साल से लेकर 70-80 साल तक के लोग उच्च रक्तचाप के शिकार हैं। उच्च रक्तचाप की वजह अनियमित दिनचर्या, उल्टासीधा खानपान और तनाव है। उच्च रक्तचाप में लोगों को ग़ुस्सा जल्दी आता है। शुरू-शुरू में किसी-किसी बात पर आने वाला ग़ुस्सा बाद में बात-बात पर आने लगता है, क्योंकि ऐसे लोगों को पता नहीं होता कि उनका ब्लड प्रेशर बढ़ चुका है, जो कि एक बीमारी है। अगर इस बीमारी को समय रहते ख़त्म नहीं किया जाए, तो इससे कई बीमारियाँ और पैदा होती हैं, जिसमें हार्ट अटैक, कम्पन, मस्तिष्काघात, पाचनतंत्र का बिगडऩा, सोचने की क्षमता का नाश, याददाश्त का कमज़ोर होना आदि शामिल है।

उच्च रक्तचाप के रोगियों की संख्या

लोगों को इस बीमारी से बाहर लाने के लिए कई दवाओं की बिक्री दुनिया भर में हो रही है; लेकिन यह जागरूकता के अभाव में बीमारी घटने की जगह लगातार बढ़ती जा रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 30 वर्षों  में उच्च रक्तचाप के क़रीब 97 फ़ीसदी मामले बढ़े हैं। आज दुनिया भर में क़रीब 128 करोड़ लोग उच्च रक्तचाप के शिकार हैं।

एक शोध रिपोर्ट में कहा गया है कि सन् 1990 में 30 से 79 की उम्र की क़रीब 33.1 करोड़ महिलाएँ और क़रीब 31.7 करोड़ पुरुष उच्च रक्तचाप से पीडि़त थे। जबकि 29 साल बाद यानी साल 2019 में 62.6 करोड़ महिलाएँ और 65.2 करोड़ पुरुष उच्च रक्तचाप से पीडि़त हो चुके थे। हिन्दुस्तान में भी पिछले 30 वर्षों में उच्च रक्तचाप के मरीज़ बढ़े हैं। हिन्दुस्तान में सन् 1990 में 28 फ़ीसदी महिलाएँ और 29 फ़ीसदी पुरुष उच्च रक्तचाप का शिकार थे। जबकि साल 2019 में 32 फ़ीसदी महिलाएँ 38 फ़ीसदी पुरुष इसकी चपेट में आ चुके थे। हालाँकि दुनिया भर में बढ़ रहे उच्च रक्तचाप में बढ़ोतरी की अपेक्षा हिन्दुस्तान में धीमी गति से यह रोग बढ़ रहा है।

अहमदाबाद में निजी सेवाएँ देने वाले डॉक्टर विमल कहते हैं कि उच्च रक्तचाप कोई बीमारी नहीं है, इसलिए इसकी दबा देना तब तक ठीक नहीं, जब तक कि रोगी को कोई ख़तरा न हो। इस बीमारी में रोगी को दवा खाने से बेहतर रहेगा कि वो योग करें और मनोचिकित्सक से सलाह लें। ज़्यादा ज़रूरत हो, तो अपने खानपान को ठीक करें। अगर फिर भी कोई दिक़्क़त आ रही हो, तो ही दवा के लिए किसी अच्छे डॉक्टर के पास जाएँ। क्योंकि अगर शुरू में ही उच्च रक्तचाप वाले रोगी ध्यान दें, तो वो आसानी से ठीक हो सकते हैं। उच्च रक्तचाप को कम करने का सबसे अच्छा तरीक़ा है कूल और हैप्पी रहें। इसके साथ ही नमक और गर्म व स्पाइसी चीज़ों का सेवन कम करें।

अक्सर देखा जाता है कि लोग तनाव में आकर नशा करने लगते हैं, जो कि रक्तचाप को और तेज़ी से बढ़ाता है। इसलिए धूम्रपान और शराब आदि से दूर रहें। विश्व उच्च रक्तचाप दिवस पर लोगों को जागरूक करने का काम किया जाता है। लेकिन लोग इस बीमारी के प्रति जागरूक होने के बजाय शुरू में इसे हल्के में लेते रहते हैं और बाद में गम्भीर रूप से बीमार हो जाते हैं। जहाँ डॉक्टर और दवाओं की ज़रूरत पड़ती-ही-पड़ती है। आज दुनिया में क़रीब एक करोड़ लोग उच्च रक्तचाप की दवा का सेवन कर रहे हैं।