कृषि कानून वापसी बिल संसद में ध्वनिमत से पास, अब राष्ट्रपति करेंगे मंजूर

कृषि कानून वापसी बिल सोमवार को संसद के दोनों सदनों में ध्वनिमत से पास हो गया है। अब इसे मंजूरी के लिए राष्ट्रपति को भेजा जाएगा। संसद में आज कृषि कानूनों को लेकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों की तरफ से जबरदस्त हंगामा किया गया. इसके चलते लोक सभा और राज्य सभा दोनों की कार्यवाही दो बार स्थगित की गर्इ।

अब संसद के दोनों सदनों में पास होने के बाद बिल को मंजूरी के लिए राष्ट्रपति को भेजा जाएगा। विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच लोक सभा और राज्य सभा में कानून वापसी बिल पास हुए।

विपक्ष चाहता था कि बिल पर चर्चा हो लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया। इसके विरोध में कांग्रेस सहित विपक्ष ने जबरदस्त हंगामा किया। बिल ध्वनि मत से पारित हुआ। इसके आज ही राज्यसभा में भी पेश करने की संभावना है।

इससे पहले सुबह संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार को हंगामे से शुरू हुआ। विपक्ष के हंगामे के बीच लोकसभा और राज्य सभा को 12 बजे तक स्थगित कर दिया गया। उधर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में पार्टी के सांसदों ने कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग के साथ महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास विरोध प्रदर्शन किया।

बता दें सरकार की सत्र के पहले ही दिन लोकसभा में कृषि कानूनों की वापसी के लिए बिल पेश करने की तैयारी है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर लोकसभा में तीन मौजूदा कानूनों की वापसी का प्रस्ताव पेश करेंगे। उधर सदन शुरू होने से पहले कांग्रेस ने विपक्ष की बैठक कर इस मसले पर चर्चा की।

विपक्ष के कृषि कानूनों को लेकर हंगामा करने के बाद लोकसभा की कार्यवाही को 12 बजे तक स्थगित कर दिया गया है। लोकसभा में किसानों के मुद्दे पर विपक्ष के हंगामें पर स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि पहला दिन है जनता देख रही है।

शीतकालीन सत्र के पहले दिन विपक्ष ने कृषि कानूनों पर चर्चा की मांग को लेकर लोकसभा में हंगामा किया। उधर बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में विपक्ष ने कहा कि अगर चर्चा नहीं हुई तो संसद नहीं चलने देंगे, जिसपर सरकार ने कहा कि हम कानून खत्म कर रहे हैं तो फिर चर्चा क्यों।

उधर संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वरिष्ठ मंत्रियों  रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमार, कॉमर्स मिनिस्टर पीयूष गोयल और संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी के साथ बैठक की।  पीएम मोदी ने कहा कि देश आजादी के अमृत महोत्सव मना रहा है। देश में चारों ओर इस आजादी के अमृत महोत्सव के निमित्त रचनात्मक, सकारात्मक, जनहित और राष्ट्रहित के लिए, सामान्य नागरिक, अनेक कार्यक्रम कर रहे हैं।

पीएम ने कहा कि आजादी के दीवानों ने जो सपने देखे थे उन सपनों को पूरा करने के लिए सामान्य नागरिक भी इस देश का दायित्व निभाने का प्रयास कर रहा है। ये खबरें अपने आप में भारत के भविष्य के लिए शुभ संकेत हैं। मोदी ने कहा कि सरकार हर विषय पर चर्चा के लिए तैयार है। विपक्ष के हर सवाल को शांति से जवाब देने को सरकार तैयार है। पीएम मोदी ने कहा कि संसद में सवाल भी हो और शांति भी बनी रहे। सदन में देशहित और राष्ट्रहित को लेकर अधिक से अधिक चर्चा हो।

मीडिया को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि  संसद का ये सत्र अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा – ”पिछले दिनों संविधान दिवस भी नए संकल्प के साथ संविधान की स्पिरिट को पेश करने के लिए दायित्व के संबंध में पूरे देश ने एक संकल्प किया है। ऐसे में हम चाहेंगे कि भारत का संसद का ये सत्र और आगे आने वाले भी सत्र आजादी के दीवानों की भावनाओं के अनुरुप चले। उसके अनुकूल संसद में देशहित की चर्चाएं हों, देश की प्रगति के लिए रास्ते खोजे और उसके लिए ये सत्र बहुत ही विचारों की समृद्धि वाला, दूरगामी प्रभाव पैदा करने वाले सकारात्मक निर्णय लेने वाला बने। मैं उम्मीद करता हूं कि भविष्य में संसद को कैसा चलाया जाए। कितना योगदान किया जाए। इसलिए एक मापदंड स्थापित करें।’

मोदी ने कहा – ”हम सभी को कोरोना से सतर्क रहने की जरूरत है। पिछले सत्र के बाद कोरोना की एक विकट परिस्थिति पैदा हुई थी। देश ने 100 करोड़ से अधिक टीकाकरण कर लिया है अब हम 150 करोड़ की ओर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। मैं संसद के सभी साथियों से सतर्क रहने की प्रार्थना करता हूं, क्योंकि आप सबका उत्तम स्वास्थ्य ऐसी संकट की घड़ी में हमारी प्राथमिकता है।’