विधानसभा में एक-दूसरे पर जमकर बरसे सीएम नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव

बिहार विधानसभा में शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार काफी उखड़े हुए नजर आये। उन्होंने सदन में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के भाषण के जवाब में कई बार कड़वे शब्दों का इस्तेमाल करने से परहेज नहीं किया। सीएम, तेजस्वी के आरोपों से काफी बोखलाए हुए दिखे और उन्होंने तेजस्वी पर ताबड़ तोड़ हमले किये। हाल के विधानसभा के चुनाव में नीतीश को क्षेत्रीय दल के तौर पर तेजस्वी  उनकी आरजेडी से न केवल तगड़ी चुनौती मिली बल्कि तेजस्वी की पार्टी सबसे ज्यादा सीटें में भी सफल रही।

विधानसभा में आज पहले तेजस्वी यादव ने नीतीश यादव पर जबरदस्त हमले किये और जवाब में नीतीश उनपर खूब बरसे। नीतीश ने कहा कि ‘हम अब तक चुप थे। यह हमारे बेटे के समान हैं। इनके पिताजी (लालू प्रसाद) हमारी उम्र के हैं। तुमको डिप्टी सीएम किसने बनाया था? आप चार्जशीटेड हो, तुम क्या करते हो, हम सब जानते हैं।’

अब यह बता देते हैं कि तेजस्वी यादव ने विधानसभा में क्या कहा था। तेजस्वी ने कहा कि ‘मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी अपनी चुनावी सभाओं में लालू को 9 बच्चों की बात करते थे। कहते थे बेटी पर भरोसा नहीं था, बेटा के लिए 9 बच्चे हुए। क्या नीतीश जी को लड़की पैदा होने का डर था, इसलिए उन्होंने दूसरा बच्चा नहीं पैदा किया? वह (नीतीश) 1991 में हुई एक हत्या के मामले में शामिल हैं।’

यही नहीं तेजस्वी ने नीतीश पर कंटेंट चोरी के मामले में उन पर लगे 25 हजार रुपये जुर्माने का भी जिक्र किया। इसके अलावा तेजस्वी ने सृजन घोटाले से भी नीतीश कुमार का नाम जोड़ा। राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान नीतीश कुमार पर तेजस्वी की टिप्पणी के बाद सदन में जमकर हंगामा हुआ। एक मौके पर स्पीकर विजय कुमार सिन्हा ने नेता प्रतिपक्ष से संयमित भाषा का इस्तेमाल करने और निजी बातों की बजाए विकास की बातों पर चर्चा करने का आग्रह किया।

अब बारी नीतीश कुमार की थी। तेजस्वी के आरोपों से बौखलाये नीतीश कुमार ने सदन में कहा ‘कि हम अब तक चुप थे। यह हमारे बेटे के समान हैं। इनके पिताजी हमारी उम्र के हैं। ये झूठ बोलते हैं। जो चार्जशीटेड हैं, वो हम पर सवाल उठा रहे हैं। मेरे खिलाफ हत्या के एक मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट लोग गए, लेकिन वहां से भी हार का सामना करना पड़ा। भला बताइए क्या हम यह काम कर सकते हैं।’

मुख्यमंत्री ने कहा कि नियमों का उल्लंघन कर काम नहीं होना चाहिए। अध्यक्ष महोदय को भी चाहिए कि नियमों का उल्लंघन नहीं हो, ताकि सदन की गरिमा बनी रहे। नीतीश कुमार ने कहा एक वोट से भी जीत जीत होती है। किसी को कोई परेशानी है तो कोर्ट जाए।