लेह में पत्रकारों को रिश्बत देने के मामले में घिरी भाजपा

शुरुआती जांच में सही पाए गए आरोप

पीएम मोदी के राजीव गांधी पर ”भ्रष्टाचारी” वाले विवादित ब्यान के बीच लेह में भाजपा के पत्रकारों को पैसे बांटने वाला मामला तूल पकड़ गया है। लेह प्रेस क्लब ने आरोप लगाया है कि भाजपा ने क्लब के सदस्यों को ”पैसों से भरे लिफाफों” की पेशकश कर रिश्वत देने की कोशिश की। इस आरोप वाले वीडियो के सामने आने के बाद भाजपा चारों और से घिर गयी है। शुरुआती जांच में इस आरोप को सही पाया गया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक लेह के पत्रकारों को प्रेस क्लब में रिश्वत दिए जाने का मामला शुरुआती जांच में सही पाया गया है। इस संबंध में लेह प्रेस क्लब ने भाजपा नेताओं के खिलाफ शिकायत की थी। अब जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद लेह की चुनाव अधिकारी अवनी लवासा ने मामले में एफआईआर दर्ज कराने के बात कही है।
मीडिया रिपोर्ट्स में लावासा क कहते बताया गया है – ”हमने मंगलवार को पुलिस के जरिए कोर्ट से संपर्क किया। हम लोग इस मामले में एफआईआर दर्ज किए जाने के निर्देश का इंतजार कर रहे हैं। इस मामले में कोर्ट से अभी कोई आदेश नहीं आया है।” लेह की चुनाव अधिकारी के मुताबिक ”भाजपा नेताओं के खिलाफ आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत आई है और ये दंडनीय अपराध के दायरे में आता है”।
उधर नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी)  के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने भी इस मसले पर ट्वीट किया है – ”लेह में बीजेपी नेताओं की तरफ से पत्रकारों को घूस देने की कोशिश की जा रही है। मैं प्रेस क्लब लेह द्वारा शिकायत के पत्र को फिर से रीट्वीट कर रहा हूं। बीजेपी नेताओं पर जरूर कार्रवाई होनी चाहिए।”
गौरतलब है कि लेह प्रेस क्लब ने चुनाव अधिकारी और एसएचओ के पास अलग-अलग शिकायतें दर्ज कराई थीं जिसमें प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रविंद्र रैना, एमएलसी विक्रम रंधावा समेत कई नेताओं पर मीडियाकर्मियों को घूस देने का आरोप लगा था। ऐसा पांचवें चरण के मतदान से पहले भाजपा के पक्ष में रिपोर्टिंग करने के लिए किया गया था। उधर रविंद्र रैना ने इन आरोपों को खारिज किया है। लेकिन सोशल मीडिया पर वायरल हो रही वीडियो क्लिप में देखा जा सकता है कि कुछ भाजपा नेता ४-५  मीडियाकर्मियों को लिफाफे पकड़ा रहे हैं।