रेपो रेट में बदलाव नहीं, आरबीआई ने आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 7.2 फीसदी किया  

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को चालू माली साल की पहली द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करते हुए इसे चार फीसदी के न्यूनतम स्तर पर कायम रखा है। यह लगातार 11वीं बार है जब  आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है।

उधर मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 7.2 फीसदी कर दिया है जबकि फरवरी की बैठक में उसने इसके 7.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया था। हालांकि, मुद्रास्फीति बढ़ने का अनुमान जताया है।

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से बढ़ती महंगाई के बीच आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने के लिए अपने रुख को यथावत रखा है। नीतिगत दर यथावत रहने का मतलब है कि बैंक कर्ज की मासिक किस्त में कोई बदलाव नहीं होगा। छह सदस्यीय एमपीसी ने रेपो दर को चार प्रतिशत पर कायम रखने के पक्ष में मत दिया। साथ ही केंद्रीय बैंक ने रिवर्स रेपो दर को भी 3.35 फीसदी पर कायम रखा है।

दास ने मौद्रिक नीति समिति की बैठक के नतीजों की घोषणा करते हुए कहा कि आरबीआई ने चालू माली साल के लिए आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान घटा दिया है जबकि मुद्रास्फीति के अनुमान में बढ़ोतरी की है।

उन्होंने कहा – ‘एमपीसी ने चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 7.2 फीसदी कर दिया है। फरवरी की मौद्रिक समीक्षा बैठक में एमपीसी ने आर्थिक वृद्धि दर 7.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया था। इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष में मुद्रास्फीति के 5.7 फीसदी के स्तर पर रहने की संभावना जतायी है जो पहले 4.5 फीसदी पर रहने का अनुमान था।