राहुल गांधी का आरोप, 70 साल में बनी देश की पूंजी बेच रहे मोदी ; एनएमपी से बेरोजगारी पैदा होगी  

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार शाम मोदी सरकार पर अब तक के सबसे सख्त हमले में आरोप लगाया है पीएम देश के संसाधनों को बेच रहे हैं। एक दिन पहले ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार की राष्ट्रीय मौद्रीकरण योजना (एनएमपी) नीति की घोषणा की थी। अब राहुल गांधी ने इसका सख्त विरोध करते हुए देश के युवाओं को चेताया है कि इससे उनके बेरोजगार होने का रास्ता खुलेगा।

एक प्रेस कांफ्रेंस को सम्बोधित करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि इस योजना के जरिए मोदी सरकार देश के सरकारी संसाधानों को बेचने की तैयारी कर चुकी है। उन्होंने कहा कि भाजपा कहती रही है कि पिछले 70 साल में देश में कुछ नहीं हुआ लेकिन अब मोदी सरकार 70 साल में देश में जो पूंजी बनी, मोदी सरकार उसे बेच रही है।

गांधी ने कहा – ‘मोदी सरकार ने 1.6 लाख करोड़ का रोडवेज बेच दिया। देश की रीढ़ कही जाने वाली रेलवे को 1.5 लाख करोड़ में बेच दिया। गेल की पाइप लाइन, पेट्रोलियम की पाइपलाइन, बीएसएनल और एमटीएनल को भी केंद्र ने बेच दिया।  वेयरहाउसिंग को भी केंद्र सरकार बेच रही है।’

राहुल गांधी ने कहा – ‘रेलवे को निजी हाथों में बेचा जा रहा है। पीएम सबकुछ बेच रहे हैं। भाजपा का नारा था कि 70 साल में कुछ नहीं हुआ। कल वित्त मंत्री ने देश में जो भी 70 वर्षों में बना, उसे बेच दिया। देश के युवाओं से केंद्र ने रोजगार छीना, कोरोना में मदद नहीं की, किसानों के लिए तीन कृषक कानून बनाए जिससे किसानों का भविष्य खतरे में है।’

कांग्रेस नेता ने कहा कि रेलवे देश की रीढ़ है। गरीब आदमी एक शहर से दूसरे शहर रेलवे के बिना सफर नहीं कर सकता है। करीब 1.50 लाख करोड़ रुपये रेलवे, 400 स्टेशन, 150 ट्रेनें और रेलवे ट्रैक सरकार बेच रही है।’ रेलवे कर्मचारियों को अगाह करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि अगर ये रेलवे से छीनकर प्राइवेट कंपनी को दिया जाएगा तो आपका रोजगार भी खतरे में पड़ जाएगा।

राष्ट्रीय मौद्रीकरण योजना को लेकर राहुल गांधी ने आज सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने सब कुछ बेच दिया। केंद्र सरकार ने युवाओं के हाथों से रोजगार छीन लिया। मोदी अपने मित्रों की मदद कर रहे हैं।’
गांधी ने सवाल किया कि सड़क मार्ग, रेलवे, बिजली क्षेत्र, पेट्रोलियम पाइप लाइन, टेलिकॉम, वेयरहाउसिंग, खनन, एयरपोर्ट, पोर्ट, स्टेडियम ये सब किसको जा रहा है? इन सबको बनाने में 70 साल लगे हैं। ये तीन-चार लोगों को दिया जा रहा है। युवाओ आपका भविष्य बेचा जा रहा है। तीन-चार लोगों को तोहफे में दिया जा रहा है।

राहुल ने आंकड़ों के साथ दावा किया कि सरकार ने 400 स्टेशन, 150 ट्रेनें, पावर ट्रांसमिशन का नेटवर्क, पेट्रोलियम का नेटवर्क, सरकारी गोदामों, 25 एयरपोर्ट और 160 कोयला खदानों को बेच दिया। ईस्ट इंडिया कंपनी के समय भी एकाधिकार था।  हम गुलामी की तरफ बढ़ रहे हैं।

उन्होंने कहा – ‘हम निजीकरण के खिलाफ नहीं है। हमारा निजीकरण तार्किक था।  घाटे वाली कंपनी का निजीकरण करते थे न कि रेलवे जैसी महत्वपूर्ण विभाग की। अब निजीकरण मोनोपोली बनाने के लिए किया जा रहा है। मोनोपॉली से रोजगार मिलना बंद हो जाएगा।’

पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने इस मौके पर कहा कि सरकार बिना किसी लक्ष्य और पैमाना तय किए इतना बड़ा फैसला कर लिया। किसी से चर्चा भी नहीं की गई। नीति आयोग में सब कुछ तय हो गया। इस कार्यवाही के बाद सार्वजनिक क्षेत्र नहीं बचेगा।  उन्होंने कहा – ‘वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इससे 6 लाख करोड़ जुटाने की बात कही है। जबकि प्रधानमंत्री ने बीते तीन स्वतंत्रता दिवस को 100 लाख करोड़ के इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन की घोषणा कर चुके हैं। यह घोटाला है।’

याद रहे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को छह लाख करोड़ रुपये की ने एनएमपी की घोषणा की थी जिसके तहत यात्री ट्रेन, रेलवे स्टेशन से लेकर हवाई अड्डे, सड़कें और स्टेडियम का मुद्रीकरण शामिल हैं। इन बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में निजी कंपनियों को शामिल करते हुए संसाधन जुटाए जाएंगे और संपत्तियों का विकास किया जायेगा। निजी निवेश हासिल करने के लिए चेन्नई, भोपाल, वाराणसी और वडोदरा सहित भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण (एएआई) के करीब 25 हवाई अड्डे, 40 रेलवे स्टेशनों, 15 रेलवे स्टेडियम और कई रेलवे कॉलोनी की पहचान की गयी है।  इन्हें निजी क्षेत्र के निवेश से विकसित किया जाएगा।