राहत सामग्री के बहाने निजी प्रचार!

कोरोना वायरस (कोविड-19) के मद्देनज़र देश भर में लॉकडाउन के दौरान तरकरीबन हर राज्य की सरकार लोगों को राहत सामग्री मुहैया करा रही है। इस बीच इन राहत सामग्री के पैकेट्स पर राजनीतिक हित साधने की कोशिशें हो रही हैं। यही कोशिश पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमङ्क्षरदर सिंह और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी कर रहे हैं। एक तरफ जहाँ पंजाब में बाँटे जा रहे राहत सामग्री के बैगों पर कैप्टन अमङ्क्षरदर सिंह की तस्वीर लगी है, तो दूसरी ओर हरियाणा में बाँटे जा रहे सैनिटाइजर की बोतलों पर मनोहर लाल खट्टर की। दोनों सरकारों की इस आत्म प्रचार की मुहिम की कड़ी निंदा हो रही है।

पंजाब सरकार 15 लाख बैग लोगों को राहत देने के लिए बाँट रही है, जिसके लिए सरकारी खज़ाने से 70 करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं। प्रत्येक बैग में 10 किलो गेहँ का आटा, दो किलो दाल और दो किलो चीनी है। यह सब सामग्री एक बैग में पैक है, जिस पर कैप्टन अमङ्क्षरदर सिंह की एक तस्वीर छपी हुई है। इस बैग पर तस्वीर के ऊपर लिखा है- ‘कोविड-19 से निपटने के लिए पंजाब सरकार का छोटा-सा प्रयास।’ इन बैगों से 15 लाख परिवारों तक पहुँचाने का लक्ष्य रखा गया है, जो कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएफ) के तहत कवर नहीं है।

लॉकडाउन के समय राहत सामग्री बाँटना निस्संदेह एक अच्छा और सराहनीय प्रयास है, लेकिन इस बात से भी इन्कार नहीं किया जा सकता कि यह सब राजनीतिक फायदे के लिए किया गया जा रहा है। बता दें कि इन दिनों पंजाब में कांग्रेस की सरकार है। यह वही पार्टी है, जिसने भाजपा-अकालीदल की पंजाब सरकार के शासनकाल में सरकारी एम्बुलेंस पर लगी पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की तस्वीरों का जमकर विरोध किया था और चुनाव में बड़ा मुद्दा बनाया था।

अब मुसीबत के समय में खुद कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री कैप्टन अमङ्क्षरदर सिंह राहत बैग पर अपनी तस्वीर लगाकर लोगों तक पहुँचा रहे हैं। यही कहानी पंजाब के पड़ोसी राज्य हरियाणा की भी है। यहाँ लोगों को हरियाणा सरकार द्वारा जो सैनिटाइजर की बोतलें दी जा रही हैं, उन पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की तस्वीरें लगी हुई हैं। जब यह मामला भाजपा सरकार की ङ्क्षनदा का विषय बनने लगा, तो मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने ट्वीट किया कि सैनिटाइजर पर मेरी तस्वीर का मामला मेरी जानकारी में आया है। कोरोना वायरस जैसी आपदा के समय में जब समाज एकजुट होकर लड़ रहा है, तब ऐसे विषय पर चर्चा करने का कोई औचित्य नहीं है। इस प्रकार के कार्यों को मैं उचित नहीं समझता। सतर्क रहें, सुरक्षित रहें।

वहीं हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने कहा कि न तो मैंने इसे देखा है और न ही मेरे पास इस बारे में कोई जानकारी है कि इसे बनाया किसने है? मुझे इस विषय मे कोई जानकारी नही है।

इधर, राहत बैगों पर छपी कैप्टन अमङ्क्षरदर सिंह की तस्वीर पर पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता और आप विधायक हरपाल सिंह चीमा ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल के सभी सहयोगी पिछले तीन वर्षों से सभी मोर्चों पर विफल हो रहे हैं और अब वह कोविड-19 मामले से लाभ लेने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने सरकार पर गाँवों में राहत सामग्री के वितरण में भेदभाव का भी आरोप लगाया है। चीमा का कहना है कि राज्य सरकार द्वारा बड़ी संख्या में ज़रूरतमंद परिवारों को अनदेखा किया जा रहा है। चीमा ने कहा कि जहाँ विपक्षी विधायकों को घर से बाहर जाने की अनुमति तक नहीं है, वहीं कांग्रेस के मंत्री और विधायक अपने समर्थकों को मुख्यमंत्री की तस्वीर लगी राहत सामग्री के बैग बाँटने में लगे हुए हैं। यह कोई सामाजिक सेवा नहीं है, बल्कि करदाताओं के पैसों से खरीदी गयी सामग्री के ज़रिये महामारी के समय में भी मुख्यमंत्री के द्वारा खुद का ही प्रचार है। शिरोमणि अकाली दल ने भी मुख्यमंत्री कैप्टन अमङ्क्षरदर सिंह की तस्वीर वाले बैग बाँटने को बहुत दुर्भाग्यपूर्ण कहा है।

शिरोमणि अकाली दल के नेता दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि हमारे पास इतना समय नहीं है कि हम इस बहुमूल्य समय में लोगों तक पहुँचाने वाले सभी ज़रूरी सामान के पैकेटों पर मुख्यमंत्री की तस्वीर लगाकर उसे नष्ट करें। हमें विभिन्न वस्तुओं पर मुख्यमंत्री की तस्वीर लगाने के बहुत-से मौके मिलेंगे, लेकिन अभी के हालातों मे ऐसा करना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि इस तत्काल ज़रूरत के समय में राहत सामग्री के बैगों और सैनिटाइजर पर मुख्यमंत्री की तस्वीर छापने का मतलब समय की बर्बादी करना है। ऐसा करने से केवल यह स्पष्ट होता है कि सरकार का इरादा लोगों कि मदद करना नहीं, बल्कि मदद के नाम पर राजनीति करना है।

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री भारत भूषण आशु ने इस मामले पर सफाई देते हुए कहा कि कोविड-19 राहत बैग सामग्री में अन्तर करने के लिए मुख्यमंत्री की तस्वीर लगाना ज़रूरी है, क्योंकि पीडीएस के द्वारा भी राज्य में आटा-दाल  का वितरण किया जा रहा है। डीसी मुख्यमंत्री राहत कोष से जारी किये गये धन से राशन वितरित कर रहे हैं। इसलिए भी कोविड-19 राहत सामग्री पर तस्वीर ज़रूरी है, ताकि इसका उपयोग पीडीएस के तहत न हो। यदि सभी सामग्री एक ही जैसे पैकेट में बाँटे जाएँगे, तो कोई भी व्यक्ति गोलमाल कर पीडीएस के तहत इस सामग्री के बिल बढ़ा सकता है।

डिस्टिलेरी द्वारा निर्मित हैंड सेनिटाइज़र के साथ नेताओं के चित्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने अपने ट्वीटर पर हैंड सैनिटाइजर की तस्वीरें पोस्ट कर कहा- ‘आदरणीय खट्टर जी और दुष्यंत जी! कोरोना वायरस की वजह से बने हुए संकट के समय भी आप सस्ती राजनीति और स्व-प्रचार से परे नहीं देख सकते।’ वहीं कोविड-19 की वजह से हैंड सैनिटाइजर की बढ़ती माँग को देखते हुए खट्टर सरकार ने कुछ डिस्टिलेरीस को सैनिटाइजर का निर्माण करने को कहा है।

इधर, नवनिर्वाचित राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा ने हरियाणा में भाजपा-जेजेपी सरकार पर आरोप लगाया कि कोविड-19 महामारी के चलते सोशल मीडिया पर हैंड सैनिटाइजर की बोतलों पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की तस्वीरों का इस्तेमाल कर वह सत्ता का फायदा उठाने की कोशिश कर

रही है। हुड्डा ने कहा- ‘राष्ट्रीय स्वास्थ्य आपातकाल के दौरान भी राज्य के ये नेता अपने राजनीतिक उद्देश्य के लिए इसका फायदा उठाने में व्यस्त हैं। सैनिटाइजर की बोतलों पर खट्टर और चौटाला के लेबल लगाने के निर्णय से लोगों तक सैनिटाइजर पहुँचने में देरी हुई। खासतौर से तब, जब लोग सैनिटाइजर की कमी की गम्भीर समस्या से जूझ रहे थे।’ उन्होंने यह भी कहा कि मेरे पास विश्वसनीय सूचना है कि सैनिटाइज़र बनाने वालों को उसकी बोतलों पर इन तस्वीरों के स्टीकर लगाने के लिए मजबूर किया गया और उन्हें धमकी भी दी गयी कि यदि वे ऐसा नहीं करेंगे, तो उनके स्टॉक नहीं उठाये जाएँगे। वो भी खासतौर पर तब, जब इस समय प्रींटिग प्रेस भी बन्द थी। सरकार के इस दबाव कि वजह से तीन से चार दिन की देरी हुई।’

हुड्डा ने कहा कि जब से यह संकट हमारे देश मे आया, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश को इस महामारी के विरुद्ध एक-साथ खड़े होने को कहा है। आप कांग्रेस पार्टी और मेरी अपनी प्रतिक्रिया देख सकते हैं। हम सरकार का साथ देने, संसाधन जुटाने, लोगों में जागरूकता फैलाने में और सरकार द्वारा जारी किये गये प्रत्येक दिशा-निर्देश का अनुकरण करने में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। लेकिन स्वास्थ्य आपातकाल के दौरान इस प्रकार का राजनीतिक प्रचार सही नहीं है। बीजेपी-जेजेपी सोचते हैं कि यह कोई स्वास्थ्य आपातकाल नहीं, बल्कि कोई राजनीतिक रैली है। वे इस स्वास्थ्य आपातकाल के बाहर राजनीतिक लाभ देख रहे हैं। हैंड सैनिटाइजर के बाद अब राजनेताओं की तस्वीरें मास्क पर चिपकायी जाएँगी? कांग्रेस के एक नेता ने ट्वीट कर एक हैंड सैनिटाइजर की तस्वीर टैग की, जिस पर खट्टर और दुष्यंत की तस्वीर थी। राज्यसभा सदस्य ने कहा कि खुद की तरक्की के लिए बीमारी का सहारा लेना राजनीति का कुरूप चेहरा है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या नेताओं कि तस्वीरें फेस मास्क पर भी होंगी? दीपेंद्र ने ट्वीट कर कहा- ‘यह सैनिटाइजर की बोतलों के ज़रिये लोगों को भाजपा और जेजेपी की असंवेदनशीलता वर्षों तक याद रहेगी। यह समय राजनीति करने का नहीं है, बल्कि सेवा का है।