राफेल पर फैसला सुरक्षित रखा सुप्रीम कोर्ट ने

सर्वोच्च न्यायालय ने राफेल लड़ाकू विमान सौद्दे की जांच को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई के बाद बुधवार को फैसला सुरक्षित रख लिया। न्यायालय ने केंद्र को थोड़ी राहत देते हुए यह भी कहा है कि जब तक हम तय नहीं करते, तब तक सरकार को याचिकाकर्ताओं को राफेल की कीमतों के बारे में जानकारी देने की जरूरत नहीं।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने सुनावी के दौरान सरकार से २०१५ में ऑफसेट दिशानिर्देश बदलने पर सवाल किया। सरकार की तरफ से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि ऑफसेट कॉन्ट्रेक्ट मुख्य सौदे के साथ-साथ चलता है। एयर वाइस मार्शल चेलापति ने कहा कि वायुसेना को पांचवीं पीढ़ी के विमानों की जरूरत बताते हुए सरकार के राफेल खरीदने के फैसले को सही कहा। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि राफेल की कीमत पर कोई बहस तभी होगी जब यह अदालत तय करेगी कि ये चीजें सार्वजनिक करने की जरूरत है।
बुधवार को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण ने अपनी दलील में कहा कि राफेल सौद्दे में परिवर्तन किया गया, क्योंकि पीएम नरेंद्र मोदी चाहते थे कि इसे अंबानी की कंपनी को दिया जाए। याचिकाकर्ता के वकील एमएल शर्मा ने कोर्ट से कहा कि सरकार की ओर से अदालत में पेश की गई रिपोर्ट से खुलासा होता है कि यह एक गंभीर घोटाला है। उन्होंने इस मामले को पांच जजों की पीठ  के पास ट्रांसफर करने की अपील की।
आज की सुनवाई में अटॉर्नी जनरल ने कहा कि गोपनीयता एयरक्राफ्ट की कीमतों को लेकर नहीं है बल्कि हथियारों और विमान की तकनीक को लेकर है। सरकार ने विमान और हथियारों की कीमतें सुप्रीम कोर्ट से साझा की हैं। यह एक रक्षा खरीद है, राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है। ऐसे में अदालत इसकी समीक्षा नहीं कर सकती। इसके खुलासे में सरकारों के बीच हुए समझौते जैसी बाधाएं हैं।
उधर प्रशांत भूषण ने दलील दी कि सरकार की दलील है कि राफेल की कीमत सार्वजनिक होने से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है। सरकार संसद में दो मौकों पर खुद इसकी कीमत बता चुकी है। ऐसे में यह कहना कि कीमत बताने से गोपनीयता की शर्तों का उल्लंघन होगा, गलत दलील है। नई डील में राफेल की कीमत पहले से ४० फीसद ज्यादा है लिहाजा इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए।
अरुण शौरी ने कहा कि नई डील में राफेल की औसत कीमत १,६६० करोड़ है और पहले के सौदे की औसत कीमत करीब ६७० करोड़ थी। आप इसे कैसे जस्टिफाई कर सकते हैं? अटॉर्नी जनरल ने कहा कि अगर मूल्य निर्धारण समेत राफेल सौदे की जानकारी सार्वजनिक की जाती है तो इससे हमारे प्रतिद्वंद्वियों को फायदा होगा।