राज्य सरकारों का बजट 2022-23

केंद्र सरकार के बजट के बाद हमारे देश में राज्य सरकारें अपना-अपना बजट पेश करती हैं। इस साल के केंद्रीय बजट से मध्यम और निम्न वर्ग ख़ुश नहीं हुआ; क्योंकि उसे सरकार ने कोई राहत नहीं दी।

हालाँकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बजट को 25 साल आगे का अमृत-काल का बजट बताया, जो कि किसी के गले नहीं उतरता। लेकिन सरकार का कहना है कि इस बजट में आधारभूत संरचना और आर्थिक विकास पर ज़ोर दिया गया है। इस साल के कुल 39.45 लाख करोड़ रुपये के बजट में सरकार ने क्रिप्टो करेंसी की बात भी कही। हालाँकि यह एक बीती हुई बात हो गयी है और लोगों का ध्यान अब इस बजट पर से तक़रीबन हट चुका है। लेकिन ख़ास बात यह है कि केंद्र सरकार के वित्तीय वजट के बाद राज्य सरकारें भी अपना-अपना बजट पेश करती हैं, जो कि केंद्रीय बजट से काफ़ी प्रभावित होता है। लेकिन इस बार पाँच राज्यों के विधानसभा चुनाव होने के चलते, कई राज्य सरकारों ने अपने बजट में जनता को उतना नज़रअंदाज़ नहीं किया है, जितना कि केंद्र सरकार ने अपने बजट में किया। अब तक देश की कई राज्य सरकारें अपना बजट पेश कर चुकी हैं और 31 मार्च तक कई राज्य सरकारें अपना बजट पेश भी करेंगी।

चुनावी राज्यों में चुनाव बाद बजट

1 फरवरी से लेकर अब तक कई राज्य सरकारें अपने-अपने राज्यों का बजट पेश कर चुकी हैं। लेकिन इनमें एक भी राज्य ऐसा नहीं है, जहाँ विधानसभा चुनाव चल रहे हैं। ख़ास बात यह है कि इन पाँच राज्यों में से चार में भाजपा की सरकार है। वहीं एक में कांग्रेस की सरकार है। जिन राज्यों में अभी चुनाव नहीं हैं, उनमें से राजस्थान, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, हरियाणा आदि राज्यों में बजट पेश कर दिया गया है। ख़ास बात यह है कि केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारों का इस वित्त वर्ष का बजट कोरोना महामारी की तीसरी लहर के बीच का बजट है, जिसे लेकर केंद्र सरकार तो लोगों को हताश कर चुकी है। लेकिन राज्यों के लोगों में अपनी-अपनी सरकारों से काफ़ी उम्मीदें हैं। उन्हें क्या मिलेगा और बजट पेश करने वाली सरकारों ने क्या दिया? यह देखने वाली बात है।

उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश सरकार ने अपना 2022-23 का बजट पेश नहीं किया है। हालाँकि इस बजट को पेश करने की तैयारी सरकार ने कर ली है। उत्तर प्रदेश सरकार 01 अप्रैल से सभी तरह की वित्तीय स्वीकृतियाँ ऑनलाइन जारी करने का विचार कर चुकी है। लागू करने जा रही है। वित्त विभाग की सहमति से जारी होने वाली इन स्वीकृतियों के प्रस्ताव वित्त विभाग को ई-ऑफिस से ऑनलाइन भेजे जा रहे हैं। हालाँकि इन वित्तीय स्वीकृतियों के लिए आलेख प्रस्ताव के साथ न भेजकर पीडीएफ के रूप में भेजे जा रहे हैं। इनका वित्तीय प्रबन्धन भी ठीक नहीं बताया जा रहा है। वित्त वर्ष 2022-23 से बजट पुनर्विनियोग (विभाग के अन्दर एक मद का बजट दूसरे मद में हस्तांतरण) के प्रस्ताव भी ऑनलाइन बजट एलॉटमेंट सिस्टम के ज़रिये वित्त विभाग को भेजे जाएँगे। बजट प्रबन्धन प्रणाली का प्रशिक्षण 21 फरवरी से शुरू हो चुका है।

उत्तराखण्ड : उत्तराखण्ड की सरकार ने भी बजट पेश नहीं किया है। वहाँ भी विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद ही बजट पेश किया जाएगा।

गोवा : गोवा सरकार ने भी इस वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश नहीं किया है। वहाँ भी चुनावों के परिणाम घोषित होने के बाद बजट पेश किया जाएगा।

मणिपुर : मणिपुर सरकार ने भी अभी अपना बजट पेश नहीं किया है। ज़ाहिर है वहाँ भी नयी सरकार बनने के बाद ही बजट पेश होगा।

पंजाब : पंजाब सरकार भी मार्च के अन्त में बजट पेश करेगी। हालाँकि पंजाब अकेला ऐसे राज्य है, जहाँ दो बजट पेश किये जाते हैं। एक बजट सरकार पेश करती है और एक बजट शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी पेश करती है। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी (एसजीपीसी) की ओर से भी 31 मार्च तक एसजीपीसी के जनरल हाउस में बजट पेश किया जाएगा। इसके लिए एसजीपीसी कार्यकारिणी कमेटी की ओर से बैठक 8 मार्च को हो चुकी है। अनुमान है कि वर्ष 2022-23 के लिए गोलक आमदनी 715 करोड़ रुपये और बजट 970 करोड़ रुपये रखे जाने की सम्भावना है। यह बजट गुरुद्वारों की देखरेख, लंगर, लोगों की सेवा आदि के लिए पेश किया जाता है।

दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में दिल्ली सरकार इसी महीने के आख़िर में अपना बजट पेश करेगी। इसके लिए दिल्ली सरकार ने आम जनता से सुझाव भी माँगे हैं, जिसके लिए रिपोर्ट लिखे जाने तक क़रीब 6,000 सुझाव आ चुके थे। बता दें कि दिल्ली सरकार पहली ऐसी सरकार है, जो बजट में आम लोगों की राय को शुमार करती है और उस पर काम भी करती है। इसी साल अप्रैल में दिल्ली नगर निगम के चुनाव होने वाले हैं।

चुनावी राज्यों को केंद्र ने क्या दिया?

पाँच राज्यों के विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र जीत के लिए केंद्र सरकार ने चुनावी राज्यों के लिए कुछ ख़ास घोषणाएँ इस बार अपने बजट में कीं। ख़ास बात यह है कि इन पाँचों राज्यों में से चार राज्यों, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, गोवा, मणिपुर में भाजपा की सरकार पिछले पाँच साल रही है और पंजाब में कांग्रेस की। ऐसे में यह देखना चाहिए कि इस चुनावी दौर के मद्देनज़र किस राज्य पर केंद्र सरकार कितनी मेहरबान रही है?

केंद्र सरकार उत्तर प्रदेश में अतिरिक्त 30,000 करोड़ ख़र्च करेगी। केंद्र सरकार ने अपने बजट में 1 फरवरी को पेश अपने बजट में उत्तर प्रदेश के लिए कई घोषणाएँ कीं, जिसके अनुसार उत्तर प्रदेश को कर (टैक्स) के रूप में 146,498.76 करोड़ रुपये की प्राप्ति होगी। इसमें से वित्त आयोग द्वारा अनुदान के रूप में 15,003 करोड़ रुपये, स्वच्छ भारत मिशन के तहत गाँवों के लिए 1,900 करोड़ रुपये, जल जीवन मिशन के लिए 12,000 करोड़ रुपये, शिक्षा अभियान के लिए 6,241.06 करोड़ रुपये, नदी विकास और गंगा कायाकल्प के कार्यक्रमों के लिए 957 करोड़ रुपये और राष्ट्रीय राजमार्ग की योजनाओं के लिए 16,350 करोड़ रुपये का आवंटन किये जाने की बात कही गयी। इसके अलावा किसानों को एमएसपी सीधे खातों में दी जाएगी, जो कि सभी राज्यों में लागू होगी।

उत्तराखण्ड में रोपवे विकास और रेल कनेक्टिविटी बढ़ाने की बात इस बजट में कही गयी है। बजट में 60 किमी की आठ रोपवे परियोजनाओं के अलावा रेलवे विस्तार और सीमांत प्रदेश में नये एक्सप्रेस-वे के निर्माण करने को कहा गया है। तीन प्रमुख रोपवे में रुद्रप्रयाग ज़िले में सोनप्रयाग-गौरीकुठ से केदारनाथ मन्दिर तक, चमोली ज़िले में गोविंदघाट-घांघरिया से हेमकुंड साहिब तक और नैनीताल में रानीबाग़ से हनुमान मन्दिर तक रोपवे लिंक शामिल हैं।

वहीं गोवा, मणिपुर और पंजाब के लिए केंद्रीय बजट में कुछ ख़ास नहीं दिखा। इन राज्यों के हिस्से मिले-जुले विकास की योजनाएँ आएँगी, जिसमें सडक़ों का विकास, किसानों के लिए एमएसपी आदि कॉमन है। वैसे पूर्वोत्तर राज्यों, जिनमें मणिपुर शामिल है; के विकास के लिए केंद्र सरकार ने 2022 में हर घर में जल का लक्ष्य पूरा करने की बात कही है।

बजट पेश करने वाले राज्य

अभी तक कई राज्य बजट पेश कर चुके हैं, इनमें से कुछ के चुनाव इस साल के अन्त में और अगले साल के शुरू में होंगे। देखते हैं, इन राज्यों ने किस तरह का बजट पेश किया है।

हिमाचल प्रदेश : हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपना पाँचवाँ बजट में कई बार नयी योजनाएँ शुरू करने का जोखिम उठाया है। उन्होंने पहला बजट 41,440 करोड़ रुपये का, दूसरा बजट 36,089 करोड़ रुपये का, तीसरा बजट 49,131 करोड़ रुपये का, चौथा बजट 50,192 करोड़ रुपये का और अब साल 2022-23 का पाँचवाँ अनुमानित बजट 51,365 करोड़ रुपये का पेश किया। नये बजट में उन्होंने प्रदेश में सभी वर्गों के लिए कुछ-न-कुछ देने की घोषणा की, जिसमें 30,000 से अधिक नौकरियाँ, मेडिकल डिवाइस पार्क का निर्माण, न्यूनतम दिहाड़ी 350 रुपये करने, क़रीब डेढ़ लाख कर्मियों, श्रमिकों, पैरा वर्करों आदि का मानदेय बढ़ाने और 60 साल के बाद सभी ज़रूरतमंदों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन दिलाने जैसी घोषणाएँ शामिल हैं। इस बजट में आउटसोर्स कर्मचारियों की दिहाड़ी न्यूनतम 4,200 रुपये प्रति माह बढ़ाकर 10,500 रुपये महीना करने, पंचायत चौकीदारों को 6,500 रुपये महीना देने, आँगनबाड़ी कार्यकताओं का मानदेय 9,000 रुपये महीना, आँगनबाड़ी कार्यकताओं का मानदेय 6,100 रुपये महीना, आँगनबाड़ी सहायिकाओं और आशा वर्कर्स का मानदेय 4,700 रुपये महीना, सिलाई अध्यापिकाओं का मानदेय 7,950 रुपये महीना और मिड-डे मील वर्कर्स का मानदेय 3,500 रुपये महीना करने का निर्णय लिया गया है।

राजस्थान  : राजस्थान सरकार ने भी अपना 2022-23 का बजट पेश कर दिया है। 23 फरवरी, 2022 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा में पेश किये बजट 2,38,465.79 करोड़ रुपये के राजस्व के व्यय का अनुमान जताया। राजस्थान में 2022-23 के बजट अनुमानों में राजस्व घाटा 23,488.56 करोड़ रुपये है। वहीं राजकोषीय घाटा जीडीपी का 4.36 फ़ीसदी यानी 58,211.56 करोड़ रुपये है। लेकिन सरकार ने शहरी क्षेत्र में रोज़गार हेतु इंदिरा गाँधी शहरी रोज़गार गारंटी योजना लागू करने, पुरानी पेंशन योजना लागू करने, घरेलू उपभोक्ताओं को 100 यूनिट प्रति माह मुफ़्त उपभोग करने पर 50 यूनिट बिजली मुफ़्त देने, चिरंजीवी योजना में प्रति परिवार का सालाना चिकित्सा बीमा पाँच लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने, मुख्यमंत्री चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना के तहत पाँच लाख रुपये का कवर लागू करने, रोड सेफ्टी अधिनियम लाने, राजस्थान पब्लिक ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी का गठन करने, जयपुर में स्टेट रोड सेफ्टी इंस्टीट्यूट स्थापित करने, कृषि बजट के तहत समेकित निधि, राज्य की स्वायत्तशाषी, सहकारी एवं अन्य संस्थाओं के स्वयं के संसाधनों सहित कुल राशि 78,938.68 करोड़ रुपये का कृषि विकास एवं किसानों के कल्याण हेतु योजनाओं को परवान चढ़ाने, मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना की राशि 2,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 5,000 करोड़ रुपये करने, 100 करोड़ रुपये का ईडब्लूएस कोष बनाने को कहा है।

झारखण्ड : झारखण्ड सरकार ने अपने 2022-23 के बजट में 1.01 लाख करोड़ रुपये की राशि राज्य के विकास कार्यों के लिए निर्धारित की है। झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने इसके तहत 59 फ़ीसदी पूँजीगत व्यय की वृद्धि करने का प्रस्ताव रखा है। सरकार का कहना है कि आगामी वित्त वर्ष में झारखण्ड के छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए गुरुजी क्रेडिट कार्ड स्कीम, ग़रीब और किसानों पर बिजली का बोझ कम करने के लिए ऐसे प्रत्येक परिवारों को मासिक 100 यूनिट बिजली मुफ़्त देने, स्टेट फंड से एक अतिरिक्त कमरे के निर्माण के लिए 50,000 रुपये प्रति आवास उपलब्ध कराने, शिक्षकों के मानदेय मद में 600 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान करने, कृषि और उससे जुड़े क्षेत्र में 4,091.37 करोड़ रुपये ख़र्च करने का प्रावधान है। इसके अलावा राज्य में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा में शिक्षकों के रिक्त पड़े 1,363 पदों पर नियुक्तियाँ करने, कुल 33 नये डिग्री कॉलेजों / महिला कॉलेजों में सभी प्रकार के पदों के सृजन करने गोला में डिग्री कॉलेज के निर्माण करने की बात भी कही गयी है।

गुजरात : गुजरात सरकार ने भी 2022-23 के लिए 2,43,965 करोड़ रुपये का बजट पेश कर दिया है। इस वित्त वर्ष में गुजरात सरकार ने तीन नये मेडिकल कॉलेज खोलने, कोई नया टैक्स नहीं लगाये जाने, 80 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए 1,250 और 60 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए 1,000 रुपये पेंशन दिये जाने, 4,000 गाँवों को मुफ़्त वाईफाई देने, सुरेंद्रनगर में आयुर्वेदिक कॉलेज, नवसारी ज़िले के बिलिमोरा में सरकारी आयुर्वेदिक अस्पताल की स्थापना करने, मोरबी में 400 करोड़ रुपये की लागत से विश्व स्तरीय अंतरराष्ट्रीय सिरेमिक पार्क स्थापित करने, पीएचडी छात्रों को एक लाख रुपये की सहायता देने, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को 1,000 दिनों तक हर महीने एक किलो तुअरदाल, दो किलो चना और एक किलो खाद्य तेल मुफ़्त देने, मुख्यमंत्री गोमाता पोषण योजना के लिए 500 करोड़ रुपये के आवंटन करने, उत्कृष्ट विद्यालय का शुभारम्भ करने के लिए 10,000 करोड़ रुपये का आवंटन करने, कच्छ में बड़े चेक डैम के निर्माण के लिए 65 करोड़ रुपये का आवंटन करने, बनासकांठा में सिंचाई के लाभ के लिए 70 करोड़ रुपये का आवंटन करने, धरोई बाड़े को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए 200 करोड़ रुपये का आवंटन करने, अहमदाबाद ज़िले के नलकांठा क्षेत्र के गाँवों की सिंचाई के लिए 25 करोड़ रुपये का आवंटन करने, कृषि विभाग के लिए 7,737 करोड़ रुपये का आवंटन करने, प्रदेश में प्राकृतिक कृषि विकास बोर्ड का गठन करने, जल संसाधन विभाग के लिए 5,339 करोड़ रुपये का आवंटन करने, जलापूर्ति विभाग के लिए 5451 करोड़ रुपये का आवंटन करने, स्वास्थ्य विभाग के लिए 12,240 करोड़ रुपये का आवंटन करने की बात कही है।

बिहार : बिहार सरकार ने भी 2022-23 के लिए बजट पेश कर दिया है। बिहार के उप मुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कुल 2,37,691.19 करोड़ रुपये का बजट पेश किया है, जिसमें स्कीम मद में 1,00,230.25 व स्थापना मद में 1,37,460.94 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इस बजट में वेतन-भत्ता भुगतान के लिए 79.10 करोड़ रुपये, 25 नयी इलेक्ट्रिक बसों का परिचालन करने, रोज़गार सृजन करने, ग़रीबों का कल्याण करने जैसी योजनाएँ हैं।

मध्य प्रदेश : मध्य प्रदेश सरकार ने इस वित्त वर्ष का बजट काफ़ी हंगामे के बीच पेश किया। राज्य के वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने 2 लाख 79,237 करोड़ रुपये के इस बजट में कई घोषणाएँ कीं, जिनमें लाडली लक्ष्मी योजना का विस्तार, साढ़े सात लाख सरकारी कर्मचारियों का महँगाई भत्ता 20 फ़ीसदी से बढ़ाकर 31 फ़ीसदी करने, पीपीपी मॉडल के तहत 217 इलेक्ट्रॉनिक व्हिकल चार्जिंग स्टेशन बनाने, उच्च शिक्षा के लिए भी वित्तीय सहायता देने, मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना फिर से शुरू करने जैसी योजनाओं की घोषणा की। इसी तरह तेंदुपत्ता संग्रह करने वालों को पारिक्षमिक 70 फ़ीसदी से बढ़ाकर 75 फ़ीसदी करने, 4,000 किलोमीटर सडक़ें बनाने जैसी घोषणाएँ भी की हैं।

हरियाणा : हरियाणा सरकार ने 8 फरवरी को अपना बजट 2022-23 1.77 लाख करोड़ रुपए का रखा है। यह वित्त वर्ष 2021-22 से 0.24 लाख करोड़ रुपये ज़्यादा रहा।

हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में मनोहर लाल खट्टर ने अपना इस कार्यकाल का तीसरा बजट हरियाणा विधानसभा में पेश करते हुए महिलाओं के लिए सुषमा स्वराज पुरस्कार की घोषणा की। यह पुरस्कार राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किसी भी क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन के लिए दिया जाएगा। इसी तरह उद्यमी बनने में सहायता देने के लिए हरियाणा मातृशक्ति उद्यमिता योजना शुरू की जाने की बात भी इस बजट में की गयी है।