योगी मंत्रिमंडल: सरकार के कई फैसलों का विरोध बना कारण, दिनेश शर्मा को मौका न मिलना

उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार हो चुका है। लेकिन इस बार मंत्रिमंडल विस्तार में डॉ दिनेश शर्मा को जगह नहीं मिली है। जबकि 2017 में योगी सरकार में डॉ दिनेश शर्मा को उप मुख्यमंत्री बनाया गया था। जबकि 2022 के विधानसभा के चुनाव में डॉ शर्मा चुनाव भी जीते है। वहीं केशव मोर्या 2022 का विधानसभा चुनाव हार गये है। लेकिन इस बार योगी सरकार में उनको फिर उपमुख्यमंत्री बनाया गया है।
बताते चलें 2017 में उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा और केशव मौर्य को मुख्यमंत्री बनाया गया था। ऐसा क्या हुआ कि जीते हुए विधायक को उपमुख्यमंत्री पद तो छोड़ो किसी अन्य पद से भी नहीं नवाजा गया है। जबकि हारे हुए विधायक केशव मोर्या को उपमुख्यमंत्री पद से ज्यो का त्यों नवाजा गया है।
जातीय समीकरण को दूसरी बार बनी योगी सरकार में साधा गया है। जो सियासत में होता भी है। क्योंकि ब्राह्मण नेता डॉ दिनेश शर्मा की जगह बृजेश पाठक को मौका दिया है। ताकि ब्राह्मण समाज में कोई गलत मैसेज न जाये और साथ ही विरोधियों को कोई मौका न मिल सकें। 
वहीं जानकारों का कहना है कि दिनेश शर्मा बड़े ही मिलनसार नेता है। वो लखनऊ के लम्बे समय तक मेयर भी रहे है। ऐसे में उनको मंत्रिमंडल में जगह न मिलने का करण एक है। वो है प्रदेश सरकार के कई फैसलों पर अपनी राय में विरोध व्यक्त कर देते थे। जिससे मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के बीच तनाव का कारण बन जाता था।इस बार योगी बार सरकार के नाम पर चुनाव लडा गया और योगी को जीत मिली है।
ऐसे में योगी का इस बार काफी दबदबा देखा जा रहा है। उनके मुताबिक मंत्रीमंडल में किसको लेना है और किस को नहीं लेना है। यानि मंत्रीमंडल में योगी की जमकर चली है। सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में भाजपा-विधायक को किसी अन्य विभागों में जगह देकर उनका सम्मानित किया जा सकता है।