याद आएँगे शेन वार्न

वार्न निश्चित ही सर्वकालिक महान् लेग स्पिनर थे

शेन वार्न क्रिकेट इतिहास की सबसे घातक गेंद फेंके जाने के लिए ही नहीं जाने जाते थे। वार्न की एक और ख़ूबी थी कि वह शीशे के ऊपर भी गेंद को स्पिन करा सकते थे। वार्न को इसीलिए दुनिया के सबसे बेहतर स्पिन्नर होने का ख़िताब दिया जाता है। उनके नाम क्रिकेट के असंख्य रिकॉर्ड बने तो विवाद भी कम नहीं जुड़े। क्रिकेट और ज़िन्दगी को पूरी तरह जीने वाले यही शेन वार्न दुनिया से अचानक चले गये। रिकॉर्ड बोर्ड पर 145 टेस्ट में दर्ज उनके 708 विकेट इस बात के गवाह हैं कि वार्न कितने आला दर्जे के स्पिनर थे। एक ऐसा जादूगर, जिसने लेग स्पिन जैसे मरती हुई कला को अचानक ही संजीवनी दी, उसे दूसरा जन्म दे दिया।

वार्न निश्चित ही सर्वकालिक महान् लेग स्पिनर थे। वॉर्न को साल 2000 में जब 20वीं शताब्दी के पाँच महानतम क्रिकेटर में शामिल किया गया, सबने इसका स्वागत किया था, क्योंकि वे इस सामान के हक़दार थे। सन् 1993 में ‘बॉल ऑफ द सेंचुरी’ फेंकने वाले वॉर्न ने सन् 1992 में भारत के ख़िलाफ़ सिडनी टेस्ट में अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर की शुरुआत की। हालाँकि यह शुरुआत बेहद फीकी रही, क्योंकि 150 रन देकर सिर्फ़ एक विकेट उनके हिस्से आयी। कुछ विशेषज्ञों ने उन्हें ख़ारिज करने की की कोशिश की। हालाँकि कुछ का कहना था कि वार्न में एक बड़ा स्पिनर बनने की क़ाबिलियत है और उन्हें इसके लिए वक्त की ज़रूरत है।

वार्न ने उनकी इस उम्मीद को मरने नहीं दिया और करियर आगे बढऩे के साथ अपनी घूमती गेंदों के साथ बल्लेबाज़ों में ख़ौफ़ भरना शुरू कर दिया। वॉर्न 2006 में टेस्ट क्रिकेट में सबसे पहले 700 विकेट लेने वाले गेंदबाज़ बने थे। इसके अलावा उनके नाम बिना शतक के सर्वाधिक रनों का रिकॉर्ड भी दर्ज है। वॉर्न ने अपने टेस्ट करियर में 145 मैच खेले थे। इस दौरान 3154 रन बनाये थे। उनका उच्चतम स्कोर रहा 99 रन।

इस महान् स्पिनर का करियर कोई 16 साल चला, जिसमें वार्न ने कुल 339 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 1,001 विकेट लिए। वह कितने महान् स्पिनर थे, यह इस बात से ज़ाहिर हो जाता है कि इनमें 38 बार पारी में पाँच या उससे ज़्यादा विकेट और 10 बार मैच में 10 या उससे ज़्यादा विकेट उन्होंने लिए। वार्न के नाम 708 टेस्ट विकेट हैं जो सबसे ज़्यादा विकटों के मामले में श्रीलंका के ऑफ स्पिनर

मुथैया मुरलीधरन के बाद दूसरे सबसे ज़्यादा हैं। मुरलीधरन ने पूरे 800 विकेट लिये थे।

जीवन के विवादों को लेकर एक बार वार्न ने कहा था- ‘मैंने ज़िन्दगी के हर पल को जीया है और नतीजों की परवाह नहीं की। इस लिहाज़ से मुझे बहुत फ़ायदा भी हुआ और साथ ही काफ़ी पीड़ा भी  मिली। यह उस पर निर्भर करता है कि वो पल कैसे थे। मैं उस लीजेंड की उम्मीदों पर खरा उतरने की कोशिश करता रहा, जो लोगों ने मुझे समझा। हालाँकि मुझे निजी तौर पर लगता है कि मुझे लेकर वह एक काल्पनिक छवि थी। और शायद यही ग़लती रही, क्योंकि मैंने मैदान के बाहर की अपनी ज़िन्दगी को सार्वजनिक बनने दिया। अपने बचाव में मैं सिर्फ़ यह कहना चाहता हूँ कि मैं कभी दूसरों की तरह होने का ढोंग नहीं कर सकता था, क्योंकि मैं वैसा था ही नहीं।’ बहुत कम लोगों को मालूम होगा कि मेरे जीवन पर एक दर्ज़न से ज़्यादा किताबें लिखी जा चुकी हैं। हरेक में उनके जीवन के अलग-अलग पहलुओं को दर्शाया गया है। एक पुस्तक की प्रस्तावना में तो वार्न ने स्वीकार किया था कि जीवन में उनसे कुछ बेवक़ूफ़ियाँ ज़रूर हुईं; लेकिन क्रिकेट में उन्होंने अपनी प्रतिभा के साथ कभी अन्याय नहीं होने दिया। ऐसे में अफ़सोस किस बात का?

शेन वॉर्न की मौत के बाद महान् लेग स्पिनर के सम्मान में क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने बड़ा क़दम उठाया। मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड की गिनती दुनिया के सबसे बेहतरीन मैदानों में होती है। अब इस स्टेडियम का ‘द ग्रेट साउथ स्टैंड’ शेन वॉर्न के नाम से पहचाना जाएगा। विक्टोरिया के खेल मंत्री विक्टर पकोला ने इसकी घोषणा की। उन्होंने सन् 1993 में 24 वर्ष की उम्र में ओल्ड ट्रैफर्ड में जिस गेंद पर इंग्लैंड के माइक गैटिंग को आउट किया था, उसे ‘बॉल ऑफ द सेंचुरी’ माना जाता है। गैटिंग उस लेग ब्रेक पर हैरान रह गये। यह गेंद 90 डिग्री की दिशा में घूम गयी थी। वॉर्न को सन् 1992 से 2007 के बीच उनकी अतुल्य उपलब्धियों के लिए विजडन ने शताब्दी के पाँच क्रिकेटरों में चुना गया था। क्रिकेट या दुनिया जब शेन वॉर्न का ज़िक्र करेगी, तो उनका आकलन एक करिश्माई खिलाड़ी के तौर पर ही होगा।

कैसे हुई मौत?

वार्न की मौत लेकर अभी रहस्य बना हुआ है। जब 4 मार्च को थाईलैंड में उनकी मौत हुई, सभी हैरान रह गये। सिर्फ़ 52 साल में उनका जाना सबको दु:ख से भर गया। थाईलैंड पुलिस ने शेन वॉर्न की मौत के मामले में जो बड़ा ख़ुलासा किया है, उसके मुताबिक उसके थाईलैंड पुलिस को विला की तलाशी के समय शेन वॉर्न के कमरे के फ़र्श और तौलियों पर कथित तौर पर ख़ून के धब्बे मिले थे। बता दें कि वार्न कोह समुई द्वीप पर छुट्टियाँ मनाने गये थे। थाई इंटरनेशनल अस्पताल में 4 मार्च की रात डॉक्टरों ने वॉर्न को मृत घोषित किया था। उनके दोस्तों ने लग्जरी विला में उन्हें सीपीआर दिया था। एक मीडिया रिपोर्ट में स्थानीय प्रांतीय पुलिस के कमांडर सतीत पोलपिनित को यह कहते हुए दिखाया गया कि कमरे में काफ़ी ख़ून फैला था। जब सीपीआर (कार्डियो पल्मनरी रिससिटेशन) शुरू हुआ था, तो वॉर्न की खाँसी से कुछ तरल पदार्थ निकाला था और ख़ून निकल रहा था। रिपोट्र्स में यह भी दावा किया गया है कि वॉर्न कुछ समय पहले एक हृदय रोग विशेषज्ञ से मिले थे। वैसे अभी तक वार्न की मौत को संदिग्ध नज़र से नहीं देखा गया है।

पुलिस को वार्न के एक दोस्त ने बताया था कि पूर्व क्रिकेटर शाम 5:00 बजे कोई जवाब नहीं दे रहा था। एम्बुलेंस का इंतज़ार करते हुए दोस्तों के ग्रुप ने वॉर्न का सीपीआर किया। वॉर्न के प्रबन्धन ने बाद में एक संक्षिप्त बयान जारी कर उनके निधन की पुष्टि की। अब इंतज़ार है कि जाँच का नतीजा सामने आये, ताकि उनकी मौत के सही कारण का पता चल सके।

शेन वॉर्न का करियर

टेस्ट 145, 708 विकेट, श्रेष्ठ 8/71

वनडे 194, 293 विकेट, श्रेष्ठ 5/33

 

विवादों में भी आगे

शेन वॉर्न जितने महान् गेंदबाज़ रहे, उतने ही विवादों ने उन्हें सुर्ख़ियों में रखा। सन् 1994 में शेन वॉर्न सट्टेबाज़ी को लेकर विवाद में फँस गये थे। श्रीलंका दौरे के दौरान वॉर्न और मार्क वॉ पर एक भारतीय सट्टेबाज़ के साथ साँठगाँठ करने और पिच और मौसम के बारे में जानकारी देने का आरोप लगा। इसके बाद सन् 2003 में शेन वॉर्न तब एक और बड़े विवाद में घिरे, जब उन पर क्रिकेट खेलने का एक साल का प्रतिबंध लग गया। उन पर प्रतिबंधित पदार्थ का सेवन करने का आरोप था। विश्व कप के दौरान पाकिस्तान के ख़िलाफ़ मैच से पूर्व वार्न का डोप टेस्ट हुआ, जिसमें पॉजिटिव आने के बाद उन्हें वल्र्ड कप से बाहर कर दिया गया। उन पर एक साल तक क्रिकेट खेलने का प्रतिबंध लगा। सन् 2000 में वे एक और विवाद में फँस गये, जब एक ब्रिटिश नर्स ने शेन वॉर्न पर अश्लील हरकत करने का आरोप लगाया। नर्स का दावा था कि वॉर्न ने उनके साथ फोन पर अश्लील बातें कीं और उन्हें गंदे सन्देश भेजे। इसकी वार्न को यह सज़ा मिली कि उन्हें ऑस्ट्रेलिया टीम की उप कप्तानी से हाथ धोना पड़ा। वार्न मोहब्बत के मामले में भी ख़ूब सुर्ख़ियों में रहे। उन्होंने सन् 1995 में सिमोन कैलाहन से विवाह किया। कुछ साल के बाद दोनों अलग हो गये। इन दोनों के तीन बच्चे हैं। वॉर्न का मशहूर हॉलीवुड एक्ट्रेस लिज़ हर्ले के साथ सम्बन्ध काफ़ी सुर्ख़ियों में रहा। दोनों की सगाई तक हुई; लेकिन वार्न के अन्य महिलाओं से  सम्बन्ध की बात सामने आने के बाद उन्होंने वार्न से किनारा कर लिया। सन् 2017 में शेन वॉर्न पोर्न स्टार वैलेरी फॉक्स के साथ हाथापाई करने के आरोप के बाद फिर चर्चा में आये। क्लेरी फॉक्स ने एक फोटो अपने सोशल मीडिया पर शेयर की थी, जिसमें उनकी आँखों पर चोट दिख रही थी। कैप्शन में फॉक्स ने लिखा था- ‘आप मशहूर हस्ती हैं, इसका मतलब यह क़तई नहीं कि किसी औरत पर हाथ उठाया जा सकता है।’