यह भारतीय लोकतंत्र की परीक्षा, क्या मुझे संसद में आरोपों का जवाब देने दिया जाएगा – राहुल गांधी

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने गुरुवार को  दिल्ली में प्रेस वार्ता को संबोधित कर कहा कि, “मैंने सदन में बोलने के बारे में लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला को अपना संदेश दिया कि मैं संसद में बोलना चाहता हूं, अपनी बात रखना चाहता हूं। किंतु मुझे ऐसा लगता है कि उन्हें संसद में बोलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। जैसा कि सरकार के चार मंत्रियों ने संसद में मेरे ऊपर आरोप लगाया है और मुझे हक है कि मैं संसद में अपनी बात रख सकता हूं।“

सांसद राहुल गांधी ने आगे कहा कि, “आज संसद में मेरे आने के एक मिनट बाद उन्होंने हाऊस को स्थगित कर दिया। विचार ये है कि जो मैंने कुछ दिन पहले संसद में भाषण दिया और अडानी जी व मोदी जी के रिश्ते के बारे में मैंने सवाल पूछे किंतु उस भाषण को संसद में एक्सपंज (हटा दिया) कर दिया गया। और उस भाषण में ऐसी कोई चीज नहीं थी जो पब्लिक रिकॉर्ड से मैंने नहीं निकाली, अखबारों से मैंने अपना भाषण तैयार किया था किंतु उसे स्पंज कर दिया गया।“

राहुल गांधी ने कहा, “ये पूरा मामला बस ध्यान भटकाने का हैं क्योंकि सरकार और प्रधानमंत्री अडानी जी के मुद्दे से डरे हुए है। इसलिए उन्होंने ये पूरा तमाशा तैयार किया है।  और मुझे लगता है कि वे मुझे संसद में नहीं बोलने देंगे। क्योंकि जो महत्वपूर्ण सवाल है वो ये है कि अडानी-मोदी जी का रिश्ता क्या है? ये सवाल अभी भी टेबल पर है। जो रक्षा ठेके अडानी जी को क्यों दिए जा रहे है? श्रीलंका और बांग्लादेश में जो बात हुई है वो क्यों हुई? किसने की? ऑस्ट्रेलिया में पीएम जी और स्टेट बैंक की चेयरमैन, अडानी जी के साथ उनकी मीटिंग क्यों हुई? उस मीटिंग में क्या चर्चा हुई? ये सब महत्वपूर्ण बात है जिसके जवाब पीएम मोदी जी नहीं दे रहे है।“

“क्योंकि मैं सांसद हूं तो मेरी पहली जिम्मेदारी संसद में जवाब देने की है और मैं चाहता हूं कि पहले मैं संसद में जवाब दें उसके बाद आपसे मैं डिटेल में बात करूंगा।”

बता दें, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में लंदन के कैंब्रिज विश्वविद्यालय में अपने एक व्याख्यान के दौरान कहा था कि, “हर कोई जानता है और यह खबरों में भी बहुत है कि भारतीय लोकतंत्र दबाव में है। मैं भारत में एक विपक्षी नेता हूं, हम उस स्थान को नेविगेट कर रहे है। उन्होंने आगे कहा कि, एक लोकतांत्रिक संसद, स्वतंत्र प्रेस, न्यायपालिका के लिए आवश्यक संस्थागत ढाँचा, सिर्फ लामबंदी का विचार, सभी के चारों ओर घूमना विवश हो रहा है। इसलिए, हम भारतीय लोकतंत्र के आधार ढांचे पर हमले का सामना कर रहे हैं।“

आपको बता दें, संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण जारी है। और आज चौथा दिन है। संसद के दोनों सदनों में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के लंदन वाले बयान और विपक्षी दलों की तरफ से अडाणी-हिंडनबर्ग मामले में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच की मांग को लेकर जमकर हंगामा हो रहा है। भाजपा आक्रामक रुख अपनाए हुए है। और लगातार यह मांग कर रही है की राहुल गांधी माफी मांगे। भाजपा का कहना है कि विदेशी धरती पर राहुल गांधी द्वारा भारत विरोधी बयानों के लिए देश से माफी मांगे। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस मसले पर कहा है कि – ‘जो माफ़ी की मांग कर रहे हैं, मैं उन लोगों से पूछना चाहता हूं कि पीएम मोदी जी पांच-छह देशों में गए, और वहां उन्होंने यह कहकर देश का अपमान किया कि भारत में जन्म लेना पाप है, और अब यही लोग बोलने की आजादी पर पाबंदी लगा रहे हैं।’