मौत से हार गया ‘बार्डर’ का हीरो

१९७१ की जंग के महावीर चांदपुरी का निधन

महावीर चक्र से सम्मानित १९७१ के भारत-पाकिस्तान युद्ध के हीरो ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह चांदपुरी का निधन हो गया है। उनकी बहादुरी से प्रेरित होकर ही जेपी दत्ता ने १९९७ में ब्लॉकबस्टर ”बार्डर” बनाई थी और अपने हीरो का करेक्टर चांदपुरी को केंद्र में बना कर रखा था।

चांदपुरी को राजस्थान की लोंगेवाला पोस्ट पर लाजवाब बहादुरी के लिए याद किया जाता है।  उनका निधन मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में हुआ। बे ७७ साल के थे। फोर्टिस अस्पताल में उनका कैंसर का इलाज चल रहा था। राजस्थान के लोंगेवाला में भारत-पाक बॉर्डर पर बहादुरी के लिए चांदपुरी को महावीर चक्र से भी सम्मानित किया गया।

गौरतलब है कि दत्ता की बॉर्डर मूवी  लोंगेवाला की लड़ाई पर ही आधारित थी। इसमें सनी देओल ने ब्रिगेडियर चांदपुरी का रोल निभाया था। जंग के समय चांदपुरी मेजर के रैंक पर थे। लोंगेवाला में ब्रिगेडियर चांदपुरी ने करीब ९० जवानों की मदद से पाकिस्‍तान के २१०० सैनिकों और दुश्मन के ३८  टैंकों को रोके रखा था और यही पकिस्तान की हार का कारण बना था।

चांदपुरी का जन्म अविभाजित पंजाब में २२ नवंबर, १९४० को हुआ था हालांकि विभाजन के बाद उनका परिवार चांदपुर रुड़की (बलाचौर) आ गया। चांदपुरी माता-पिता की इकलौती संतान थे और उन्होंने  साल १९६२ में होशियारपुर के सरकारी कॉलेज से ग्रेजुएशन की। वे एनसीसी में सक्रिय थे और यही जज्बा उन्हें सेना में ले गया। वे १९६२ में सेना में भर्ती हो गए और चेन्‍नई के ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी से कमीशन हासिल करने के बाद पंजाब रेजीमेंट की २३वीं बटालियन का हिस्सा बने।

उन्होंने १९६५ और १९७१ के युद्धों में हिस्सा लिया और वीरता के प्रयाय बने।  यही नहीं वे संयुक्त राष्ट्र संघ  (तब यूएनओ) की इमरजेंसी फ़ोर्स में एक साल से ज्यादा तक रहे और गाजा पट्टी में मोर्चे पर रहे। दो बार मध्‍यप्रदेश के महू इन्फैंट्री स्कूल में इन्स्ट्रक्टर भी रहे।