मुज़फरनगर दंगों में ७ को उम्रकैद

साल २०१३ के मुजफ्फरनगर दंगों के मामले में शुक्रवार को वहां की स्थानीय अदालत ने सात लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इससे पहले छह फरवरी को अदालत ने सातों को दोषी माना था।

गौरतलब है कि २७ अगस्त, २०१३ को कवाल गांव में हुई शाहनवाज, सचिन और गौरव की हत्या के बाद जिले में दंगे भड़क गए थे। इस दौरान दंगों में ६० से ज्यादा लोग मारे गए थे।

अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश हिमांशु भटनागर ने २७ अगस्त, २०१३  को गौरव और सचिन की हत्या करने और दंगे के जुर्म में मुजम्मिल मुज्जसिम, फुरकान, नदीम, जांगीर, अफजल और इकबाल को दोषी करार दिया। सरकारी वकील अंजुम खान ने बताया कि बुलंदशहर जेल में बंद मुजम्मिल वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश हुआ। पर्याप्त सुरक्षा नहीं मिल पाने के कारण उसको अदालत में पेश किया नहीं जा सका।

मृतक गौरव के पिता रविंद्र कुमार ने सात लोगों को दोषी ठहराए जाने के बाद कहा कि हमें कोर्ट पर भरोसा था और यह भी पता था कि इसमें कई साल लग जाएंगे। अब देखते हैं कि आगे क्या होता है। केवल हम जानते हैं कि हमने उसे हमेशा के लिए क्या खो दिया।

गौरतलब है कि जनसठ थाने के तहत आने वाले कवाल गांव के दो युवकों की हत्या कर दी गई थी। कोर्ट ने अभियोजन के १० गवाहों और बचाव में उतरे ६  गवाहों की जिरह के बाद सात लोगों को दोषी ठहराया। अभियोजन वकील द्वारा दिए गए आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक २०१३ के दंगे के बाद ६०००  से ज्यादा मामले दर्ज किए गए और दंगे में कथित भूमिका के लिए १४८०  संदिग्ध आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।