मुख्य सचिव से मारपीट मामले में मुख्यमंत्री केजरीवाल समेत 10 आरोपी बरी

दिल्ली की एक अदालत ने 2018 में तत्कालीन मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मारपीट के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और नौ अन्य आप विधायकों को बरी कर दिया है। हालांकि, कोर्ट ने इस मामले में आप के दो विधायकों अमानतुल्लाह खान और प्रकाश जरवाल के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया है।

अदालत का फैसला आने के बाद मामले में मनीष सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसे सत्य की जीत बताया। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि आज न्याय और सच्चाई की जीत का दिन है। अदालत ने कहा कि इस मामले में सभी आरोप झूठे और आधारहीन थे। मुख्यमंत्री आज उस झूठे केस में बरी हुए। हम पहले भी कहते रहे हैं कि सभी आरोप झूठे थे। यह मुख्यमंत्री के खिलाफ एक षड्यंत्र रचा गया था।

मामले में आम आदमी पार्टी का कहना है कि उन्होंने ढाई लाख राशन कार्ड धारकों को राशन न मिलने के कारण मुख्य सचिव के साथ बैठक की थी। बैठक में जब मुख्य सचिव से इस बारे में जवाब मांगा गया तो वो बोले कि मैं सिर्फ उपराज्यपाल के आदेश लेता हूं, उन्हें ही जवाब दूंगा। प्रमुख सचिव के इस आरोप को आम आदमी पार्टी ने सिरे से खारिज कर दिया था। हालांकि पार्टी ने माना था कि आप विधायक और प्रमुख सचिव के बीच में गरमागरम बहस जरूर हुई थी, लेकिन उनसे किसी तरह की बदसलूकी की बात बेबुनियाद है।

बैठक का वीडियो व सीसीटीवी फुटेज की फॉरेंसिक जांच की गई तो उसमें वीडियो से कोई छेड़छाड़ नहीं  की गई थी। हालांकि अदालत ने मामले में आप के तेजतर्रार विधायक अमानतुल्लाह खान और प्रकाश जरवाल के खिलाफ मुकदमा चलेगा।