मुंबई हमले के महज १४ दिन बाद चीन लश्कर प्रमुख हाफिज सईद को वैश्विक आतंकी घोषित करने पर सहमत हो गया था : मनमोहन सिंह

''हमने कई सर्जिकल स्ट्राइक की, फायदा उठाने के लिए नहीं''

सम्भवता पहली बार पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुरूवार को कहा कि उनके कार्यकाल में भी कई बार सर्जिकल स्ट्राइक की कार्रवाई की गई थी, लेकिन उन्होंने कभी इसका चुनावी फायदा उठाने की कोशिश नहीं की। पूर्व पीएम ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का सैन्य कार्रवाइयों का चुनावी इस्तेमाल करना ‘शर्मनाक और अस्वीकार्य” है।
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा – ”कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के कार्यकाल में भी बाहरी खतरों से निपटने के लिए सेना को खुली छूट थी। उस दौरान भी कई सर्जिकल स्ट्राइक हुईं। हमने सैन्य अभियान भारत विरोधी तत्वों को जवाब देने के लिए किया न कि चुनावी लाभ लेने के लिए।”
सिंह ने कहा कि आर्थिक मोर्चे पर मोदी सरकार की आलोचना करते हुए उसे अक्षम्य रूप से असफल बताया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार अपनी आर्थिक मोर्चे की असफलता को छिपाने के लिए वे सैन्य बलों के शौर्य की आड़ ले रही है, जो शर्मनाक और अस्वीकार्य है। मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित होने का श्रेय पीएम मोदी को देने की भाजपा नेताओं की कोशिश पर मनमोहन ने कहा – ”मुंबई हमले के महज १४ दिन बाद चीन लश्कर प्रमुख हाफिज सईद को वैश्विक आतंकी घोषित करने पर सहमत हो गया था। यूपीए सरकार ने मुंबई हमले के उस मास्टरमाइंड पर अमेरिका से १० मिलियन डॉलर का इनाम भी घोषित करवाया। फर्क सिर्फ यह है कि हमने कभी इस तरह के ऑपरेशन के बारे में बातें नहीं कीं।”
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अंग्रेजी अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स से बातचीत में कहा कि भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता अस्वीकार्य है। ”पुलवामा आतंकी हमला हमारे सबसे सुरक्षित राजमार्ग पर हुआ जिसमें सीआरपीएफ के ४० जवान शहीद हो गए। यह खुफिया और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से चिंताजनक है। यह बात सामने आई है कि सीआरपीएफ और बीएसएफ जवानों को हवाई मार्ग के जरिये ले जाने का अनुरोध कर रहे थे जिसे मोदी सरकार ने खारिज कर दिया।”
मनमोहन सिंह ने कहा – ”सरकार ने खुफिया विभाग और जम्मू-कश्मीर पुलिस की उस जानकारी की भी अनदेखी की जिसमें आईईडी धमाके की संभावना जताई गई थी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक पूर्व प्रधानमंत्री से पूछा गया कि वे मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परमाणु हथियार को लेकर दिए हालिया बयान को कैसे देखते हैं, तो उन्होंने कहा कि हमारी न्यूक्लियर क्षमता हमारी ताकत और सुरक्षा है। ”पंडित नेहरू ने हमारी न्यूक्लियर क्षमताओं की नींव रखी थी। इंदिरा गांधी ने पहला परमाणु परीक्षण किया था। इसी का परिणाम था कि १३ दिन वाली वाजपेयी सरकार ने हमारे परमाणु हथियार का परीक्षण किया था। लेकिन परमाणु सुरक्षा और शांति इस ताकत से जुड़ी हमारे देश की दो बड़ी जिम्मेदारियां हैं।
इस बातचीत में मनमोहन सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में मोदी सरकार बिलकुल विफल रही है। उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल में अकेले जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले १७६ प्रतिशत बढ़ गए। ”सीमा पर पाकिस्तान द्वारा युद्धविराम उल्लंघन करने में १,००० प्रतिशत की वृद्धि हुई है। हमारे सुरक्षा केंद्रों पर १७ बड़े आतंकी हमले हुए हैं। जीडीपी के हिसाब से रक्षा क्षेत्र के लिए खर्च पिछले ५७ साल में सबसे कम रहा है। क्या यह इस सरकार के प्रदर्शन और प्राथमिकताओं के बारे में नहीं बताता?”