मायावती ‘खफा’ ब्राह्मणों को साधेंगी, बसपा के ब्राह्मण सम्मेलन का अयोध्या से होगा आगाज

उत्तर प्रदेश में मिशन-2022 के लिए जोर आजमाइश चालू हो चुकी है। सभी प्रमुख दल अपने-अपने पत्ते खोलने लगे हैं। पिछले दिनों जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी पहुंचे तो उसके अगले दिन ही प्रियंका गांधी वाड्रा भी यूपी में डेरा डाले हुए हैं। इसके अलावा अखिलेश यादव भी जल्द इसका आगाज करने वाले हैं।

इस बीच, सबसे पीछे माने जाने वाली बसपा सुप्रीमो मायावती ने बड़ा कार्ड खेला है। उन्होंने ककहा कि ब्राह्मण और बनिया समुदाय भाजपा सरकार से दुखी और नाराज है। दलित-ब्राह्मण गठजोड़ के लिए वे राजय के 18 मंडलों में ब्राह्मण सम्मेलन का आयोजन करेंगी। इसकी शुरुआत अयोध्या से की जाएगी। मायावती ने रविवार को इसका ऐलान किया।

बसपा सुप्रीमो ने कहा कि 23 जुलाई से प्रदेश के 18 मंडलों में बसपा की तरफ से ब्राह्मण सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। पार्टी के महासचिव सतीश चंद्र मिश्र को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। मायावती ने कहा कि जनता, देश और प्रदेश के बहुत से मुद्दों पर केंद्र की मोदी सरकार और यूपी की योगी सरकार से जवाबदेही चाहती है। जिन पर सभी विपक्षी पार्टियों को एकजुट और गंभीर होकर सरकार को कटघरे में खड़ा करना चाहिए। जनता भी यही चाहती है। यह समय की भी मांग है।

मायावती ने कहा कि केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर किसान लंबे समय से दिल्ली की सीमाओं के साथ ही देश के कई अन्य हिस्सों में धरना दे रहे हैं। मगर केंद्र सरकार का रुख पूरी तरह उदासीन है। यह दुखद है। मानसून सत्र में इस संवेदनशील मुद्दे पर संसद में हर प्रकार का दबाव बनाना जरूरी है।

ईंधन के दामों में इजाफे के साथ ही बढ़ती महंगाई पर मायावती ने कहा, ‘केंद्र सरकार की गलत नीतियों की वजह से देश में बेरोजगारी बढ़ रही है। आर्थिक संकट पैदा हो चुका है। पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस आदि की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। महंगाई आसमान छूने लगी है। केंद्र सरकार की लापरवाही से जनता बुरी तरह त्रस्त है।