महाराष्ट्र सरकार प्रवासियों को उनके गांव पहुंचाना चाहती है – सीएम उद्धव ठाकरे

साढे तीन लाख प्रवासी फंसे, महाराष्ट्र चीफ सेकेट्री ने अन्य राज्य प्रमुखों से प्रवासियों को वापस ले जाने की अपील की!

महाराष्ट्र चीफ सेकेट्री अजय मेहता ने अन्य राज्यों के प्रमुखों से अपने राज्य के लोगों को वापस ले जाने की अपील की है। देशव्यापी लॉकडाउन के बीच महाराष्ट्र के नांदेड़ स्थित गुरुद्वारा हुजूर साहिब से सौ सिखों के पहले जत्थे के पंजाब , हरियाणा और नई दिल्ली वापस पहुंचने के बाद मेहता ने यह अपील की है।

मेहता के अनुसार महाराष्ट्र सरकार दूसरे राज्यों के लोगों को उनके राज्यों के बॉर्डर तक छोड़ने के लिए तैयार है। खबरों के मुताबिक अजय मेहता ने इस मसले का जिक्र यूनियन कैबिनेट सेकेट्री की बैठक में भी किया । हालांकि सीएम उद्धव ठाकरे ने इस मसले को केंद्र सरकार और राज्य का दौरा करने पहुंची केंद्रीय टीम के सामने भी उठाया है, लेकिन दोनों ही तरफ से फिलहाल कोई जवाब नहीं मिला है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र में फिलहाल यूपी, एमपी, बिहार, राजस्थान, गुजरात और छत्तीसगढ़ के साढे तीन लाख प्रवासी फंसे हुए हैं। और वे किसी भी हालात में अपने गांव पहुंचना चाहते हैं। दरअसल लॉक डाउन शुरू होने के बाद से ही इन प्रवासी मजदूरों के सामने रहने खाने और कमाने की समस्या मुंह बाए खड़ी है। लॉकडाउन की घोषणा के पहले भी झुंड के झुंड लोग मुंबई के बांद्रा कुर्ला टर्मिनस तिलक नगर अन्य रेलवे स्टेशनों पर जमा हो गए थे गाड़ियां रद्द होने के चलते इन्हें यहीं पर रुकना पड़ा, कई लोग पैदल व अन्य बस गाड़ियों के जरिए अपने मलूक रवाना होने के लिए निकल पड़े। कई लोग जैसे-तैसे अपने गंतव्य स्थान पर पहुंच गए लेकिन ऐसे कई मजदूर है जो बीच में ही फंसे हुए हैं वह लोग जो मुंबई से नहीं निकल पाए उन्हें इस बात का बेसब्री से इंतजार है कि उनके लिए कोई एक ऐसा जरिया निकाला जाए जिससे वह अपने गांव पहुंच जाएं।

तकरीबन 2 सप्ताह पहले 15 अप्रैल को करीब 1500 प्रवासी मजदूर मुंबई उपनगर के बांद्रा स्टेशन पर इकट्ठा हो गए थे। उन्हें यह गलत जानकारी मिल गई थी कि इस दिन उनके लिए लंबी दूरी वाली ट्रेन शुरू कर दी जाएंगी। उस दिन हालात बिगड़ते देख पुलिस को लाठियां भांजनी पड़ी जिसके चलते महाराष्ट्र सरकार की बड़ी किरकिरी हुई थी। हांलाकि महाराष्ट्र सरकार के पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे ने ट्वीट करते हुए इसकी जिम्मेदारी पीएम मोदी पर डाल दी थी।चीफ मिनिस्टर उद्धव ठाकरे का भी कहना था कि उन्होंने केंद्र से यहां के प्रवासियों को उनके गांव तक पहुंचाने दरखास्त की थी जिसे केंद्र द्वारा अनदेखा कर दिया गया और उसकी वजह से मुंबई के बांद्रा व ठाणे से सटे मुंब्रा आदि इलाकों में हड़बड़ी मच गई थी।