महगांई और भीतर घात के कारण भाजपा हारी

देश की जनता को विकास के साथ–साथ महगांई पर काबू पाने वाली सरकार चाहिये। ना कि जुमले बाजों की सरकार। हाल ही में हुये विधानसभा उप-चुनाव और लोकसभा चुनाव के परिणामों से साफ संकेत है। कि अब बहुत हो चुका है। किसान आंदोलन से किसानों का गुस्सा, महगांई से गरीबों का गुस्सा सामने फूट कर आया।

बताते चलें, भाजपा में भीतरघात इस कदर है कि आने वाले विधानसभा चुनाव भाजपा की ये लड़ाई कहीं सड़कों पर ना आ जाये। भाजपा के वरिष्ठ नेता ने नाम ना छापने पर बताया कि भाजपा के कुछ नेता आलाकमान की हां में हां मिला कर दलाली करने में लगें। जबकि हकीकत में जनता में दिन व दिन सरकार की नीतियों से नाराजगी बढ़ रही है। उनका कहना है कि महगांई को काबू तब तक नहीं किया जा सकता है।

जब तक डीजल-पेट्रोल के दामों को कम नहीं किया जा सकता है। पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोत्तरी होने से महगांई आयी है। वहीं बसों , आँटो और टैक्सी का भी किराया एकदम बढ़ गया है। जिससे जनमानस में भी सरकार के प्रति रोष बढ़ा है। जिसके कारण विधानसभा उप-चुनाव में और लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है।

दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अमरीष सिंह गौतम का कहना है कि आने वाले दिनों में भाजपा का सफाया निश्चित है। क्योंकि भाजपा हर मोर्चे पर असफल है। ये उप-चुनाव के परिणाम इसी ओर संकेत कर रहे है।

चौंकाने वाली बात तो ये सामने आयी है कि जिस अंदाज में भाजपा चुनाव में लड़ी है। लेकिन परिणाम कुछ और ही सामने आये है। उप-चुनावों के परिणामों से भाजपा में उथल-फुथल तो मचना तय है।