ममता का ‘मास्टर स्ट्रोक’ – नंदीग्राम से भी लड़ेंगी चुनाव, भाजपा में जाने वाले सुवेंदु का माना जाता है गढ़

भाजपा को उसके ही अंदाज में जवाब देते हुए सोमवार को बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नंदीग्राम से विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर ‘मास्टर स्ट्रोक’ चला है। ममता के करीबी सुवेंदु अधिकारी ने हाल में भाजपा ज्वाइन की थी और ममता ने उनके ‘गढ़’ में ही उन्हें ललकार दिया है। सुवेंदु के मजबूत किले नंदीग्राम में एक बड़ी रैली में ममता ने यह ऐलान कर सुवेंदु ही नहीं, भाजपा को भी बैकफुट पर ला दिया है।

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) छोड़ने और भाजपा में शामिल होने के बाद सुवेंदु ने ममता पर कई आक्रमण किये थे। लेकिन ममता ने एक ऐसी चाल चल दी है जिसके सामने सुवेंदु के लिए बड़ी दिक्क्तें खड़ी हो सकती हैं। ममता ने हज़ारों लोगों की भीड़ में जब यह ऐलान किया था तो रैली में आये लोगों ने तालियां बजाकर इसका स्वागत किया।

ममता ने कहा कि वे विधानसभा चुनाव भवानीपुर के साथ-साथ नंदीग्राम से भी चुनाव लड़ेंगी। ममता के ऐलान के बाद सुवेंदु अधिकारी खेमे में हड़कंप मच गया है। अधिकारी पिछले महीने ही ममता का साथ छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। ममता ने रैली में कहा – ‘नंदीग्राम मेरे लिए लकी है। नंदीग्राम से शुरुआत की है। मैं नंदीग्राम को भूली नहीं हूं। रक्त से सने उस दिन को कैसे भुलूंगी।’

ममता ने इस मौके पर कहा – ‘कुछ लोग इधर-उधर कर रहे हैं। उतना चिंता करने की बात नहीं है। तृणमूल का जब जन्म हुआ था, उस समय वे नहीं थे। कोई-कोई जा ही सकते हैं। अच्छा ही किया है। राजनीति में तीन लोग होते हैं। लोभी, भोगी, त्यागी। किसी दिन त्यागी मां का गोद नहीं छोड़ेंगे। भाजपा के नेता दिल्ली से बोल रहे हैं या तो जेल या घर में रहें। भाजपा वॉशिंग मशीन और वॉशिंग पाउडर है। काला होकर घुसेगा और सादा होकर निकलेगा। बंगाल को बिक्री करने नहीं देंगे। जिंदा रहने पर बंगाल को बिक्री करने नहीं देंगे। यह मेरा चैलेंज है।’

सुभेंदु का नाम लिए बिना ममता ने कहा – ‘आप देश के प्रधानमंत्री हों या उपराष्ट्रपति हों या राष्ट्रपति हों, आप देश के नेता बने, लेकिन जब तक जिंदा रहूंगी, बंगाल को बिक्री करने नहीं दूंगी।’

शिव सेना की ताल
भाजपा के लिए परेशानी बढ़ाने की बात करते हुए शिव सेना ने सोमवार को ऐलान किया कि वह पूरे बंगाल में विधानसभा चुनाव लड़ेगी। यह आरोप रहा है कि असदुदीन ओवैसी से भाजपा बंगाल में चुनाव लड़वा रही है, ताकि सेक्यूलर वोट बांटे जा सकें। हालांकि, भाजपा और ओवैसी दोनों इसे गलत बताते रहे हैं। अब शिव सेना की घोषणा से भाजपा के हिन्दू वोट बाँटने का खतरा पैदा हो सकता है।

उधर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और वाममोर्चा गठबंधन के बीच सीटों और कुछ अन्य मुद्दों पर तकरार के चलते साझी बैठक में कोई नतीजा नहीं निकला। बैठक में दोनों दलों के वरिष्ठ नेता मौजूद थे। कांग्रेस ने 120 से 130 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। वाममोर्चा इस पर सहमत नहीं हो रहा। यह भी चर्चा है कि वाम मोर्चा-कांग्रेस बात नहीं बनी तो टीएमसी से भी कांग्रेस का समझौता हो सकता है।