मन की बात में डिसलाइक और मोदी का डर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रसिद्ध कार्यक्रम मन की बात को सोशल मीडिया प्लेटफार्म यूट्यूब पर लाइक ज़्यादा डिसलाइक मिलने की खबर तो सभी ने सुनी होगी। लेकिन इससे भाजपा और प्रधानमंत्री खुद बहुत ज़्यादा डर सकते हैं, यह बात शायद ही किसी ने सोची होगी। यह डर इस हद तक प्रधानमंत्री के मन में घर कर गया कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने मन की बात वाले वीडियो में डिसलाइक और कमेंट का ऑप्शन ही बन्द कर दिया है। विदित हो कि प्रधानमंत्री ने इसी 30 अगस्त को अपने पसंदीदा रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के ज़रिये देश को सम्बोधित किया था। लेकिन उनके इस कार्यक्रम को तकरीबन दोगुने से अधिक डिसलाइक मिले। इससे परेशान होकर पीएमओ ने यूट्यूब पर इस वीडियो में डिसलाइक और कमेंट का ऑप्शन ही बन्द कर दिया है।

दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र्र मोदी के नाम से बने यूट्यूब अकाउंट ‘हृड्डह्म्द्गठ्ठस्रह्म्ड्ड रूशस्रद्ब’ पर ‘प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र मोदी मन की बात विद नेशन’ शीर्षक से उनके वीडियो अपलोड होते हैं। इसमें रेडियो के ज़रिये हर महीने के आखिर में प्रसारित होने वाले उनके प्रसिद्ध कार्यक्रम मन की बात का वीडियो भी अपलोड होता है, जिसे अब तक काफी पसन्द किया जाता रहा है। लेकिन अगस्त महीने वाले मन की बात कार्यक्रम को दोगुने से अधिक डिसलाइक मिलने पर हडक़म्प मच गया।

इस वीडियो को पहले ही दिन तकरीबन 35 हज़ार लाइक मिले, तो 90 हज़ार लोगों ने इसे डिस्लाइक कर दिया। इससे भी अधिक चौंकाने वाली बात यह है कि साढ़े छ: लाख से अधिक व्यूज के बावजूद लाइक और डिसलाइक कम ही मिले। प्रधानमंत्री के इस वाले मन की बात कार्यक्रम के डिसलाइक ऑप्शन के बन्द होने से पहले तक के आँकड़ों को देखने पर पता चलता है कि यूट्यूब पर लाइक करने वाले से करीब दो गुना अधिक लोगों ने इस वीडियो को डिसलाइक किया। इसके अलावा निगेटिव कमेंट की भी भरमार इस वीडियो में है। बता दें कि इस बार के मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देसी खिलौने बनाने के लिए युवाओं को प्रोत्साहित किया था। उन्होंने कहा था- ‘अब सभी के लिए लोकल खिलौनों के लिए वोकल होने का समय है। आइए हम अपने युवाओं के लिए कुछ नये प्रकार के अच्छी क्वालिटी वाले खिलौने बनाते हैं। उन्होंने कहा कि खिलौना वो हो, जिसकी मौज़ूदगी में बचपन खिले भी, खिलखिलाए भी।’

पार्टी के चैनल पर मिले सबसे ज़्यादा डिसलाइक

हैरत की बात यह है कि प्रधानमंत्री के यूट्यूब चैनल पर ही नहीं, बल्कि भारतीय जनता पार्टी यानी भाजपा के चैनल पर अपलोड मन की बात कार्यक्रम को भी लोगों ने बहुत अधिक नापसंद किया है। यहाँ पर तो इस कार्यक्रम को प्रधानमंत्री के यूट्यूब चैनल से भी ज़्यादा तकरीबन आठ गुना डिसलाइक मिले हैं।

इसी दौरान भाजपा के यूट्यूब चैनल पर नज़र डाली गयी, तो पता चला कि मन की बात कार्यक्रम को यहाँ 1,312,602 व्यूज मिले, जिसमें 52 हज़ार लाइक, तो इससे तकरीबन आठ गुना ज़्यादा 392 हज़ार डिसलाइक मिले।

क्या विदेशियों को भी पसंद नहीं मोदी

यह बात हम नहीं कह रहे, बल्कि भाजपा का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम को यूट्यूब पर 98 फीसदी विदेशियों के डिसलाइक मिले हैं। भारतीयों में डिसलाइक का बटन दबाने वाले केवल दो फीसदी ही हैं। हालाँकि भाजपा का यह भी कहना है कि इसके पीछे कांग्रेस का हाथ है। भाजपा का कहना है कि यह जेईई और नीट परीक्षा के खिलाफ कांग्रेस के कैंपेन का हिस्सा है। वहीं कांग्रेस ने इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि इसके लिए प्रधानमंत्री खुद ज़िम्मेदार हैं। गौरतलब है कि कांग्रेस सहित कई राजनीतिक दल मोदी सरकार से परीक्षा को एक बार फिर टालने की माँग कर रहे हैं।

क्या प्रधानमंत्री की गरिमा हुई है धूमिल

ऐसा माना जा रहा है कि नरेंद्र मोदी जबसे प्रधानमंत्री बने हैं, तबसे प्रधानमंत्री पद की गरिमा धूमिल हुई है। कई बार यह बात सामने आयी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पसंद करने वाले लोग काफी हैं; लेकिन उन पर तंज करने वालों की भी कमी नहीं रही है। उन्हें अब तक कई ऐसे नाम लोगों ने दिये हैं, जो एक प्रधानमंत्री की गरिमा का धूमिल करते महसूस होते हैं। इतना ही नहीं, देश में जब प्रधानमंत्री पद के लिए योग्य चेहरे की बात होती है, तो राहुल गाँधी उनको टक्कर देते दिखते हैं। नाम न छापने की शर्त पर एक राजनीति के जानकार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी छवि खराब करने के लिए खुद ज़िम्मेदार हैं; वरना 2014 में ही नहीं, बल्कि 2019 में भी लोगों ने उन्हें बड़ी उम्मीद के साथ भारी बहुमत दिया था।