मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार फिर टला

मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार को पलटने और अपनी सरकार बनाने के बाद भाजपा अभी तक पूरे मंत्रियों का शपथ ग्रहण नहीं करवा पाई है। कई दिन से कवायद चल रही है, उसमें भी बार-बार पेंच फंस रहा है। अब यह शपथ ग्रहण फिर टल गया है और इसके बुधवार को होने की बात कही जा रही है। चार महीने पहले कांग्रेस से दलबदल कर भाजपा में आया सिंधिया खेमा पदों को लेकर असंतुष्ट बताया जा रहा है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर दो बार दिल्ली के चक्कर मार चुके हैं। पीएम और अमित शाह के अलावा भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिल चुके हैं। लेकिन मामला सेटल नहीं हो रहा। मंगलवार को होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार भी अब टाल दिया गया है। चौहान, भाजपा में आये ज्योतिरादित्य सिंधिया और भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेताओं के भोपाल वापस आने का कार्यक्रम भी स्थगित हुआ है।

कहा जा रहा है है कि सिंधिया खेमा ज्यादा पद चाहता है। लेकिन मध्य प्रदेश भाजपा में कई ऐसे नेता हैं जो सिंधिया को बहुत ज्यादा मजबूत नहीं होने देना चाहते। इन नेताओं के अपनी महत्वकांक्षाएँ हैं। इनमें कई तो ऐसे हैं जो सिंधिया के भाजपा में आने से खुश ही नहीं हैं, लिहाजा सीएम चौहान के लिए भी काफी दिक्क्तें पेश आ रही हैं।

अब कहा जा रहा है कि बुधवार को मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है।

सिंधिया जब दलबदल कर भाजपा में आये थे तो उनके साथ 22 विधायक भी आये थे जिनमें से सिर्फ दो को अभी तक मंत्री बनाया गया है। सभी विधायक मंत्री बनना चाहते हैं। माना जा कि सिंधिया आठ और विधायकों को मंत्री बनाने पर जोर दे रहे हैं। जब सिंधिया कांग्रेस में थे तो उनके 6 समर्थक मंत्री थे, लिहाजा वे उनसे ज्यादा मंत्री बनवाना चाहते हैं। इसी में पेंच फंसा हुआ है।

सिंधिया को खुश करने के चक्कर में भाजपा को अपने लोगों के नाराज होने का खतरा सता रहा है। उपचुनाव से पहले यह नाराजगी भाजपा को बड़ी महंगी पड़ सकती है। यही नहीं, सिंधिया खेमे में मंत्री बनने की चाहत रखने वालों की संख्या 8 से ज्यादा है। खुद सिंधिया को चिंता है कि मंत्री पद कहीं उनके खेमे में ही टूट न करवा दे। भाजपा में तो कई वरिष्ठ नेता सिंधिया का कद बढ़ने से भी खफा हैं। कहते हैं सिंधिया ,खुद मोदी सरकार में रेल मंत्रालय चाहते हैं, लेकिन भाजपा के कई बड़े नेता उन्हें यह मंत्रालय देने के खिलाफ हैं।

उधर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, जो मध्य प्रदेश के राज्यपाल का अतिरिक्त कार्यभार संभाल रही हैं, भी भाजपा की इस ”खींचतान” के कारण भोपाल आज नहीं आ रही हैं।