मणिपुर में भाजपा ने पुराने सहयोगी जनता दल (यू) के 5 विधायक तोड़े

भाजपा ने विरोधी दलों की पार्टियां तोड़ने का सिलसिला जारी रखते हुए अब उत्तर पूर्वी राज्य मणिपुर में जनता दल (यू) के 5 विधायकों को अपने पाले में कर लिया है। जेडीयू के वहां कुल छह ही विधायक थे। अपनी प्रतिक्रिया में जेडीयू के नेता ललन सिंह ने कहा एक बार फिर बीजेपी का नैतिक आचरण सबके सामने है।

मणिपुर में जेडीयू के विधायकों के भाजपा में शामिल होने का फैसला नीतीश कुमार के उस ऐलान के बाद किया है जिसमें उन्होंने मणिपुर में बीजेपी सरकार से अपना समर्थन वापस लेने की बात कही थी। जाहिर है सरकार को स्थिर रखने के लिए भाजपा ने जेडीयू के विधायक ही तोड़कर अपने पाले में कर लिए हैं, भले उसके पास पूरा बहुमत था।

उधर जेडीयू नेता राजीव रंजन ललन सिंह ने ने कहा – ‘मणिपुर में एक बार फिर बीजेपी का नैतिक आचरण सबके सामने है। आपको तो याद होगा 2015 में प्रधानमंत्री जी ने 42 सभाएं कीं, तब जाकर 53 सीट ही जीत पाए थे। साल 2024 में देश जुमलेबाजों से मुक्त होगा…इंतजार कीजिए।’

नीतीश के समर्थन वापस लेने के ऐलान के बाद भाजपा ने हालांकि, कहा था कि इससे बीरेन सिंह सरकार को कोई खतरा नहीं होगा। इस समय 60 सीटों वाली मणिपुर विधानसभा में भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन को 55 विधायकों का समर्थन है। इसमें जदयू के छह सदस्य शामिल थे जिनमें से 5 भाजपा में चले गए हैं। पार्टी समर्थन वापस ले भी लेती तो भी उसके पास 48 विधायक होते जबकि बहुमत का आंकड़ा 31 है।

साल के शुरु में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा-जेडीयू गठबंधन में नहीं था। तब एनडीए का हिस्सा होने के नाते जदयू के सात विधायकों ने बीरेन सिंह सरकार को समर्थन दिया था।