मजदूरों की मौत की जांच के आदेश

दिल्ली में सफाई करने गए ५ मजदूरों की हो गयी थी मौत

ज़रूरी मास्क न होने के कारण राजधानी दिल्ली के मोती नगर थाना क्षेत्र में पड़ने वाली डीएलएफ कैपिटल ग्रीन सोसायटी में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) में सफाई के लिए उतरे पांच मजदूरों की जान चली गयी। इन मजदूरों के पास ज़रूरी मास्क और कपडे नहीं होने के कारण सफाई का जिम्मा संभालना इनकी मौत का कारण बन गया। पांच मजदूरों की जान जाने को लेकर दिल्ली सरकार में  श्रम मंत्री गोपाल राय ने तीन दिन में रिपोर्ट तालाब की है। उन्होंने घटना की पूरी जांच के आदेश दिए हैं।

संभावना जताई जा रही है कि इन मजदूरों की जान जहरीली गैस से हुई है। जान गवाने वालों में पंकज, राजा, विशाल, मोहम्मद सरफराज और उमेश तिवारी बताई गयी है। घटना रविवार दोपहर की है। आरोप लगाया गया है कि इन मजदूरों  के पास मास्क और ऐसे काम के लिए पहने जाने वाले जरूरी वस्त्र नहीं थे। आशंका जताई गयी है कि भीतर जहरीली गैस के चलते इन मजदूरों का दम घुट गया होगा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से सही कारण का पता चल सकेगा। अग्निशमन विभाग के सहायक मंडल अधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि एसटीपी की सफाई के लिए सुरक्षा से जुड़े उपकरण अगर इन लोगों ने पहने होते तो ये हादसा नहीं होता।

रिपोर्ट्स के मुताबिक पी टावर के बेसमेंट में एसटीपी सफाई के लिए पांच मजदूरों को उतारा गया लेकिन कुछ देर बाद सोसायटी के कर्मचारी मौके पर पहुंचे तो उन्हें कोई हलचल नहीं दिखी। उन्होंने सोसायटी अधिकारियों को सूचित किया। बाद में पुलिस और अग्निशमन टीम ने एक घंटे की मशक्कत के बाद बचाव टीम ने अंदर फंसे पांचों मजदूरों को बाहर निकाला। उन्हें नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया। अस्पताल में डॉक्टरों ने चार मजदूरों को मृत घोषित कर दिया। पांचवें की राममनोहर लोहिया अस्पताल में इलाज के बीच मौत हो गई।