मंत्रिमंडल विस्तार : बंगाल की हार का गम छिपाने और अगले साल के चुनावों को जीतने की ललक

बंगाल में दो महीने पहले अप्रत्याशित हार और अगले साल पांच विधानसभा चुनावों की बड़ी चुनौती। मंत्रिमंडल का विस्तार संकेत करता है कि भाजपा ने पूरा फोकस चुनाव पर रखा है। कई बड़े मंत्रियों के इस्तीफे ले लिए गए हैं जिनमें से कुछ संगठन में ‘एडजस्ट’ किये जाने वाले हैं। भाजपा विधानसभा चुनाव वाले राज्यों पर तो फोकस कर ही रही है, उसने 2024 के लोकसभा चुनाव को भी नजर में रखा है। साथ ही उसकी नजर राजस्थान, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों पर भी है, जहाँ कांग्रेस खुद या गठबंधन में या टीएमसी सरकार में है। आज कुल 43 मंत्रियों की शपथ हुई। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। पीएम नरेंद्र मोदी और उप राष्ट्रपति वैंकैया नायडू भी अन्य के साथ उपस्थित थे। उत्तर प्रदेश का भी ख़ास ख्याल रखा गया है जहाँ अगले साल के विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए बहुत बड़ी चुनौती हैं।
जेडीयू को एक ही मंत्री पद मिलना भी दिलचस्प है। हो सकता है इससे नीतीश कुमार की जेडीयू में हलचल हो। यह भी दिलचस्प है कि कई मंत्री राज्यसभा से बनाये गए हैं।   युवा चेहरे लेकर युवाओं को लुभाने का प्रयास है, लेकिन इसके लिए सरकार को उन्हें रोजगार भी देना होगा। दलित/पिछड़े पर मोदी ने मेहरबानी बरती है, जो यह संकेत  करता है कि भाजपा को इस वर्ग की नाराजगी का डर है।
आज सरकार ने जिस बड़े पैमाने पर मंत्रियों की छुट्टी की है उससे यह संकेत गया है कि प्रधानमंत्री मान रहे हैं कि इन मंत्रियों का काम संतोषजनक नहीं रहा है। हाल में कोरोना की दूसरी लहर में जिस तरह लोग आक्सीजन की कमी से सड़कों पर ही मर गए उससे मोदी सरकार ही नहीं, खुद पीएम मोदी की छवि को ठेस लगी है। यह मंत्रिमंडल विस्तार, जातिगत गुणाभाग, इलाका प्रतिनिधित्व इस ठेस पर कितना मरहम लगा पायेगा, इसकी कुछ झलक अगले साल के विधानसभा चुनावों में ही मिल जाएगी।
आज बड़ा मंत्रिमंडल विस्तार हुआ। कुल 15 तो केबिनेट मंत्री ही हैं। शायद हाल के दशकों में ऐसा कम ही हुआ है। जाहिर है नए मंत्री बनने से सरकार पर खर्चा भी बढ़ेगा। बेहद खराब आर्थिक स्थिति के बीच विपक्ष इसे लेकर सरकार की निंदा कर रहा है। कांग्रेस ने कहा है कि भाजपा सरकारी और जनता के पैसे से अगले चुनावों का प्रबंधन कर रही है।
आज के मंत्रिमंडल विस्तार में मोदी ने अपने गृह राज्य गुजरात के अलावा कर्नाटक से भी काफी मंत्री लिए हैं। इससे उनकी चिंता लोकसभा के 2024 के चुनाव की दिखती है। बड़े राज्यों, जहाँ से ज्यादा लोकसभा सदस्य आते हैं, उन राज्यों पर ख़ास नजर रखी गयी है। पश्चिम बंगाल से चार मंत्री बनाना जताता है कि भले भाजपा विधानसभा में हार गयी हो, जिस तरह उसके लोग टीएमसी में जा रहे हैं, उसकी भरपाई मंत्री बनाकर पीएम मोदी ने की है। तमिलनाड से भी एक मंत्री बनाया है।

मंत्रियों की पूरी सूची
आज मंत्री पद की शपथ लेने (या प्रोमोट होने) वालों में (सभी केबिनेट) नारायण राणे (भाजपा, महाराष्ट्र, राज्य सभा), सर्वानंद सोनोवाल (भाजपा, असम), वीरेंद्र कुमार (मध्य प्रदेश, भाजपा, लोकसभा),  ज्योतिरादित्य सिंधिया (मध्य प्रदेश, भाजपा, राज्यसभा), आरसीपी सिंह (जेडीयू, बिहार, राज्यसभा), अश्विनी वैष्णव (ओडिशा, राज्यसभा, भाजपा), पशुपति पारस (एलजेपी (पीपी गुट) लोकसभा), किरण रिजुजू (भाजपा, लोकसभा, अरुणाचल प्रदेश), राज कुमार सिंह (बिहार, भाजपा, लोकसभा), हरदीप सिंह पुरी (पंजाब, राज्यसभा, भाजपा), मनसुख मंडाविया (गुजरात, राज्यसभा, भाजपा), भूपेंद्र यादव (राजस्थान, भाजपा, राज्यसभा), परषोतम रूपला (भाजपा, गुजरात, राज्यसभा), जी किशन रेड्डी (भाजपा, लोकसभा, आंध्र प्रदेश), अनुराग सिंह ठाकुर (भाजपा, हिमाचल प्रदेश, लोकसभा), पंकज चौधरी (लोकसभा, यूपी, भाजपा), अनुप्रिया सिंह पटेल (अपना दल, लोकसभा, यूपी), एसपीएएस बघेल ( प्रदेश, लोकसभा, भाजपा)।
राज्यमंत्री : राजीव चंद्रशेखर (राज्यसभा, कर्नाटक, भाजपा), शोभा करदांलजय (लोकसभा, कर्नाटक, भाजपा), बीएपीएस वर्मा (लोकसभा, भाजपा, उत्तर प्रदेश), डीवी जरदोष (लोकसभा, गुजरात, भाजपा), मीनाक्षी लेखी (लोकसभा, दिल्ली, भाजपा), अन्नपूर्णा देवी (झारखंड, लोकसभा, भाजपा), ए नारायणसामी (लोकसभा, भाजपा, कर्नाटक), कौशल किशोर (लोकसभा, उत्तर प्रदेश, भाजपा), अजय भट्ट (उत्तराखंड, लोकसभा, भाजपा), बीएल वर्मा (उत्तर प्रदेश, भाजपा), अजय कुमार भट्ट (लोकसभा, उत्तर प्रदेश, भाजपा), देवू सिंह चौहान (गुजरात, लोकसभा, भाजपा),  भगवंथ खुबा (लोकसभा, कर्नाटक, भाजपा), कपिल मोरेश्वर पाटिल (लोकसभा,  महाराष्ट्र, भाजपा), प्रतिमा भौमिक (लोकसभा, त्रिपुरा, भाजपा), सुभास सरकार (लोकसभा, पश्चिम बंगाल, भाजपा), भगवंत कृष्ण राव कराड (राज्य सभा, महाराष्ट्र, भाजपा), राजकुमार रंजन सिंह (लोकसभा, मणिपुर, भाजपा), भारती प्रवीण पवार (लोकसभा, महाराष्ट्र, भाजपा), बिशेश्वर टुडू (लोकसभा, भाजपा, ओडिशा), शांतनु ठाकुर (लोकसभा, पश्चिम बंगाल, भाजपा),  मुंजापारा महेन्द्रभाई (लोकसभा, गुजरात, भाजपा), जॉन बारला (लोकसभा, पश्चिम बंगाल, ,भाजपा) और एल मुरुगन (वकील, तमिलनाड) और नीतीश प्रामाणिक (लोकसभा, बंगाल, भाजपा)।