भारतीय फ़िल्में और ऑस्कर

किसी भी देश के फ़िल्म जगत के लिए अपनी किसी भी फ़िल्म पर ऑस्कर अवॉर्ड जीतना फ़िल्म की सबसे बड़ी कामयाबी का मापदण्ड होता है। हालाँकि ऑस्कर देने वाली अमेरिकी संस्था एकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर आट्र्स एंड साइंसेस (एएमपीएएस) पक्षपात के आरोपों से घिरी रही है। इस बार 24 जनवरी को 95वें ऑस्कर अवॉर्ड की घोषणा होगी। भारतीय फ़िल्म जगत की कई फ़िल्में अब तक ऑस्कर में शामिल हो चुकी हैं, पर कोई फ़िल्म ऑस्कर जीत नहीं सकी हैं। पर ऐसा भी नहीं है कि भारत के हिस्से में ऑस्कर अवॉर्ड नहीं आये हैं। भारतीय फ़िल्म जगत में कुछ डायरेक्टर, लेखक, कॉस्ट्यूम डिजाइनर, एक्टर ऑस्कर अवॉर्ड अपने नाम कराने में सफल रहे हैं। सबसे ज़्यादा ऑस्कर अवॉर्ड हॉलीवुड फ़िल्मों ने जीते हैं। इस बार ऑस्कर में 10 भारतीय फ़िल्में शामिल की गयी हैं। इनमें से दो फ़िल्मों- छेल्लो शो को इंटरनेशनल फीचर फ़िल्म कैटेगरी में और आरआरआर को म्यूजिक (ओरिजनल सॉन्ग) की कैटेगरी में शामिल कर लिया गया है। इसके अलावा दो डॉक्यूमेंट्री फ़िल्मों- ऑल दैट ब्रीद्स को डॉक्यूमेंट्री फीचर फ़िल्म की कैटेगरी में और द एलीफेंट विस्परर्स को डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट फ़िल्म की कैटेगरी में लिस्टिड किया गया है। इसके चलते भारतीय फ़िल्म को ऑस्कर मिलने की उम्मीद बढ़ी है। ऑस्कर अवॉर्ड जीतने के लिए किसी भी फ़िल्म को हर एंगल से देखा जाता है और इसके लिए ऑस्कर अवॉर्ड में शामिल हर फ़िल्म को फ़िल्म जगत की बड़ी-बड़ी हस्तियों और एएमपीएएस की विशेष टीम की पैनी नज़रों से परखा जाता है।

ऑस्कर अवॉर्ड को ऑस्कर अकादमी पुरस्कार भी कहा जाता है। फ़िल्म जगत के इस सबसे बड़े अवॉर्ड से फ़िल्म जगत से जुड़े प्रोफेशनल्स को उनके बेहतरीन काम के लिए सम्मानित किया जाना अपने आप में गर्व की बात है। सन् 1927 में एमजीएम स्टूडियो में दुनिया के कुछ प्रतिष्ठित लोगों ने फ़िल्म उद्योग को बढ़ावा देने के लिए संगठन बनाने की योजना बनायी, ताकि फ़िल्म उद्योग के मुख्य क्रिएटिव कामों से जुड़े लोगों को प्रोत्साहित किया जा सके। 11 जनवरी, 1927 को लॉस एंजिल्स के एंबेसेडर होटल में एक डिनर पार्टी में शामिल सभी 36 प्रतिष्ठित लोगों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया। मार्च, 1927 में डॉग्लास फेयरबैंक्स की अध्यक्षता में संगठन के अधिकारी चुने गये। 11 मई, 1927 को बिल्ट मोर होटल में एकेडमी में 300 लोगों को दावत दी गयी, जिनमें से 230 ने 100 डॉलर की फीस देकर एएमपीएएस की सदस्यता ली। एकेडमी की अलग-अलग शाखाएँ बनायी गयीं। इस सफलता के लिए थॉमस एडीसन को एकेडमी की पहली मानद सदस्यता से सम्मानित किया गया। इसके दो साल बाद 16 मई, 1929 को पहले ऑस्कर अवॉर्ड में सिर्फ़ हॉलीवुड फ़िल्मों को शामिल किया गया। इसके लिए रूजवेल्टू होटल के ब्लॉसम रूम 270 लोग 5-5 डॉलर का टिकट लेकर शामिल हुए। इस दौरान सन् 1927 से सन् 1928 तक बनी फ़िल्मों से जुड़े लोगों को ऑस्कर अवॉर्ड दिया गया। इस पहले ऑस्कर अवॉर्ड की कोई ख़ास चर्चा नहीं हुई। पर अब दुनिया भर में इस अवॉर्ड की चर्चा होती है और हर डायरेक्टर का सपना होता है कि उसकी फ़िल्म ऑस्कर जीत सके।

ऑस्कर अवॉर्ड के लिए भारतीय फ़िल्मों का चयन करने की ज़िम्मेदारी फ़िल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया की होती है। फ़िल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया की टीम उसी फ़िल्म को ऑस्कर अवॉर्ड के लिए भेजती है, जो पिछले एक साल के दौरान देश के किसी भी सिनेमा हॉल में रिलीज हुई हो। ऑस्कर अवॉर्ड 2023 के लिए इस बार 10 भारतीय फ़िल्मों और दो डॉक्यूमेंट्री फ़िल्मों को भेजा गया है। इसमें से आठ फ़िल्मों को पुनर्विचार के लिए भेजा गया, जो रिमाइंडर लिस्ट में हैं। भारतीय सिनेमा घरों में साउथ फ़िल्म आरआरआर इस साल सुपर-डुपर हिट रही, पर उसे पछाडक़र गुजराती फ़िल्म छेल्लो शो ऑस्कर अवॉर्ड में आगे चल रही है। आरआरआर फ़िल्म का नाटू-नाटू गाना ही शॉर्टलिस्ट किया गया है।

एएमपीएएस ने फाइनल राउंड से ठीक पहले ऑस्कर अवॉर्ड की रिमांइडर लिस्ट में इस साल 301 फ़िल्मों को शामिल किया है। फाइनल में ऑस्कर के 6,000 जूरी मेंबर इन फ़िल्मों को देखते हैं। ये जूरी मेंबर हर फ़िल्म के लिए वोटिंग करते हैं। वोटिंग के हिसाब से ही फ़िल्मों की अलग-अलग कैटेगरी बनायी जाती हैं। इसमें डॉक्यूमेंट्री फीचर फ़िल्म, डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट फ़िल्म, इंटरनेशनल फीचर फ़िल्म, मेकअप एंड हेयर स्टाइलिंग, म्यूजिक (ओरिजिनल स्कोर), म्यूजिक (ओरिजिनल सॉन्ग), एनिमेटेड शॉर्ट फ़िल्म, लाइव एक्शन शॉर्ट फ़िल्म, साउंड और विजुअल इफेक्ट्स कैटेगरी होती हैं। इन 10 कैटेगरी में से हर एक कैटेगरी में पाँच सिलेक्टेड फ़िल्मों को फाइनल लिस्ट में जगह मिलती है। वोटिंग के आधार पर पाँच सर्वश्रेष्ठ फ़िल्मों के अलावा फ़िल्म जगत के हर क्षेत्र के टॉप कलाकारों का चयन भी किया जाता है। फ़िल्मों को देखने के बाद हर साल 11 से 17 जनवरी तक वोटिंग होती है और 24 जनवरी को पाँच फ़िल्मों और कलाकारों को शॉर्टलिस्ट किया जाएगा। 12 मार्च, 2023 ऑस्कर अवॉर्ड के लिए चयनित एक फ़िल्म और कलाकारों के नाम की घोषणा लॉस एंजिल्स के डॉल्बी थियेटर में होगी। इस घोषणा के अगले दिन 13 मार्च को 95वीं ऑस्कर सेरेमनी के दौरान विजेता फ़िल्म और कलाकारों को ऑस्कर अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा।

ऑस्कर अवॉर्ड में ट्रॉफी के रूप में 13.5 इंच (34 सेमी) लम्बी, 8.5 पाउंड (3.85 किलो) की ताँबे से बनी और सोने की परत चढ़ी आर्ट डेको में बनी पाँच तिल्लियों वाली फ़िल्म रील पर तलवार लेकर खड़े एक योद्धा की मूर्ति दी जाती है। ऑस्कर अवॉर्ड में किसी भी विजेता फ़िल्म या कलाकार को नकद पुरस्कार नहीं दिया जाता। लेकिन चयनित फ़िल्म के डायरेक्टर, प्रोड्यूसर और अन्य कलाकारों, दूसरी फ़िल्मों के चयनित कलाकारों की फ़िल्म जगत में अहमियत बहुत बढ़ जाती है।

 

किसी फ़िल्म के ऑस्कर अवॉर्ड में शामिल होने के लिए निर्धारित शर्तें :-

  1. फ़िल्म 40 मिनट से ज़्यादा की होनी चाहिए।
  2. फ़िल्म को अमेरिकी मेट्रोपॉलिटन क्षेत्रों- लॉस एंजिल्स, न्यूयॉर्क, शिकागो, इलिनोयस, मियामी, फ्लोरिडा या अटलांटा, जॉर्जिया में से किसी एक में कम-से-कम एक बार दिखाया गया हो।
  3. फ़िल्म एक साल में यानी 1 जनवरी से 31 दिसंबर के बीच शोकेस की गयी हो।
  4. फ़िल्म एक ही थियेटर में कम-से-कम लगातार सात दिन तक चली हो।
  5. किसी देश के फ़िल्म जगत की हिट अथवा सुपरहिट फ़िल्म को भी हर साल ऑस्कर के लिए फ़िल्म जगत को भेजना पड़ता है।
  6. फ़िल्म देश की किसी भी आधिकारिक भाषा में भी होनी चाहिए।
  7. फ़िल्म के सबटाइटल्स अंग्रेजी में होने चाहिए।
  8. इस अवॉर्ड के फाइनल राउंड में दुनिया की टॉप पाँच फ़िल्में जाती हैं, जिनमें से एक को ऑस्कर अवॉर्ड से सम्मानित किया जाता है।

 

ऑस्कर अवॉर्ड-2023 में शामिल भारतीय फ़िल्में

फिल्म का नाम       डायरेक्टर

छेल्लो शो           पान नलिन

आरआरआर          एसएस राजामौली

गंगूबाई काठियाबाड़ी   संजय लीला भंसाली

 

रॉकेट्री : द नंबी इफेक्ट आर. माधवन

विक्रांत रोणा   अनूप भंडारी

द कश्मीर फाइल्स    विवेक अग्निहोत्री

इराविन निझल आर. परथीवन

मी वसंतराव   निपुन अविनाश धर्माधिकारी

तुझ्या साठी काही ही  डॉ. संजय माधवराव गायकवाड

दो डाक्यूमेंट्री फ़िल्में

ऑल दैट ब्रीद्स शौनक सेन

द एलीफेंट व्हिस्परर्स  कार्तिक गोन्जाल्विस