भारतीय नौसेना की पहली महिला पायलट

महिलाएँ दिन-ब-दिन इतिहास रच रही हैं। वे अब रक्षा क्षेत्र में भी अपना लोहा मनवा रही हैं। रक्षा क्षेत्र को अपना करियर चुनने वाली ये महिलाएँ हर मोर्चे पर पुरुषों से कमतर नज़र नहीं आना चाहतीं। इसी कड़ी में 2 दिसंबर को कोच्चि के नैवल बेस पर सर्विलांस एयरक्राफ्ट उड़ा भारतीय नौसेना में देश की पहली महिला पायलट बनने का गौरव सब लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह को मिला। वाइस एडमिरल एके चावला ने जून, 2018 में औपचारिक तौर पर उन्हें कमीशन किया था। शिवांगी जिस सर्विलांस विमान को उड़ाएँगी, वह छोटी दूरी के समुद्री मिशन पर भेजे जाते हैं, जो एडवांस सर्विलांस रडार, इलेक्ट्रॉनिक सेंसर और नेटवॄकग जैसे कई अहम उपकरणों से लैस होते हैं। नैवी से पहले भारतीय वायुसेना के लिए इसी साल फाइटर विमान मिग-21 उड़ाने वाली महिला पायलट बनने का गौरव भावना कान्त के नाम दर्ज है।

केरल के कोच्चि के नैवल बेस पर ऑपरेशनल ड्यूटी के दौरान शिवांगी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के तैयार किये गये ड्रोनियर 228 एयरक्राफ्ट उड़ाएँगी। तमाम अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस यह प्लेन भारतीय समुद्र क्षेत्र पर निगरानी रखेगा। भारतीय सेना में 100 महिला सैनिकों का पहला बैच 2021 में शामिल हो सकता है। इन महिला सैनिकों को भारतीय सेना के कोर ऑफ मिलिट्री पुलिस में कमीशन किया जाएगा।

नौसेना दिवस यानी 4 दिसंबर को महज 24 साल की उम्र में शिवांगी को बैज दिया गया। फिक्स्ड विंग एयरक्राफ्ट पायल और डॉर्नियर विमान को नियंत्रित करेंगी। नौसेना में पायलट के 735 पदों में से 91 खाली हैं, रक्षा मंत्रालय के अनुसार, नौसेना में महज 6.7 प्रतिशत महिला अफसर हैं।

बचपन का सपना पूरा

बिहार के मुजफ्फरपुर के तिलहर की रहने वाली हैं शिवांगी सिंह। इन्होंने अपनी पढ़ाई डीएवी पब्लिक स्कूल बखरी से की है। 2010 में उन्‍होंने सीबीएसई से 10वीं की परीक्षा 10 सीजीपीए से पास की थी। इसके बाद साइंस स्‍टूडेंट के तौर पर उन्‍होंने 12वीं की पढ़ाई

पूरी की। शिवांगी ने स्कूली पढ़ाई के बाद सिक्किम मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से बीटेक की डिग्री हासिल की। इसके बाद 2017 में जयपुर के मालवीय नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमएनआइटी) में एमटेक की पढ़ाई के लिए एडमिशन भी ले लिया; लेकिन इसी बीच सेलेक्‍शन एसएसबी में हो गया। और नेवी में सब लेफ्टिनेंट के रूप में चयनित हुईं। शिवांगी ने कन्नूर के एझीमाला में भारतीय नौसेना अकादमी (आईएनए) में नैवल ओरिएंटेशन कोर्स किया।

ट्रेनिंग लेने के बाद उन्हें नेवी की पहली महिला पायलट के रूप में चयनित की गयीं। शिवांगी  जून, 2018 में वाइस एडमिरल एके चावला के नेतृत्त्व में औपचारिक तौर पर नेवी में कमीशंड हुई थीं। प्रशिक्षण के बाद शिवांगी कोच्चि में डोर्नियर ट्रेनिंग स्क्वाड्रन आईएनएएस  550 (लाइंग फिश) से डॉर्नियर कन्वर्जन कोर्स पूरा करने के लिए चली गयी थीं। शिवांगी ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को दिया। पिता हरि भूषण सिंह सरकारी स्कूल में प्रिंसिपल और माँ प्रियंका गृहिणी हैं। बचपन में ही जब उसने अपने घर के पास एक हेलीकॉप्टर उड़ते दखा था, तभी से मन में पायलट बनने का सपना संजो लिया था। उसने ठाना था कि एक दिन फाइटर पायलट ज़रूर बनेंगी।