बुलंदशहर हिंसा में २ लोग गिरफ्तार

इन्स्पेक्टर के बेटे ने कहा धर्म की हिंसा की विरोधी थे पिता

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के स्याना में सोमवार को कथित तौर पर गोहत्‍या की अफवाह फैलने के बाद हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है जबकि चार लोग हिरासत में लिए गए हैं। इस बीच हिंसा का शिकार हुए इन्स्पेक्टर के बेटे ने कहा है कि उनके पिता धर्म के नाम पर हिंसा के सख्त खिलाफ थे और हिन्दू-मुस्लिम विवाद ने ही उनकी जान ले ली।
बुलंदशहर में सोमवार की रात पुलिस ने बड़े पैमाने पर छापेमारी शुरू की थी जो यह खबर लिखे जाने तक भी जारी थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिस ने कुल २७ नामजद और ६० अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया  है। इस मामले में पुलिस ने बजरंग दल के जिला संयोजक योगेश राज को पुलिस की एफआईआर में मुख्य आरोपी बनाया गया है।
इस  मामले में अब हिंसा में अपनी जान  गंवाने वाले इंस्पेक्टर सुबोध कुमार के बेटे का बयान मीडिया में आया है। उन्होंने कहा कि ”उनके चाहते थे कि मैं एक अच्छा नागरिक बनूं। वे धर्म के नाम पर समाज में हिंसा को बढ़ावा देने के खिलाफ थे। आज मेरे पिता ने हिंदू-मुस्लिम विवाद में अपना जीवन खो दिया, कल किसके पिता अपना जीवन खोएंगे?”
इस बीच मेरठ जोन के एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया है कि हिंसा मामले में दो लोग गिरफ्तार किये गए हैं और चार अन्य हिरासत में लिए गए हैं। मामले की जांच के लिए सोमवार को ही एसआईटी का गठन कर दिया गया था। इसकी रिपोर्ट ४८ घंटे में माँगी गयी है।
जांच में यह पता लगाया जाएगा क्‍यों हिंसा हुई और क्‍यों पुलिस अधिकारी इंस्‍पेक्‍टर सुबोध कुमार को अकेला छोड़कर भाग गए। शहीद एसएचओ सुबोध कुमार के परिवारवाले गम और गुस्‍से में हैं। उनका रो-रोकर बुरा हाल है।
परिवार ने आरोप लगाया है कि राज्‍य सरकार ने शहीद सुबोध कुमार को पूरा राजकीय सम्‍मान नहीं दिया। सुबोध को पुलिस लाइन में अंतिम सलामी दी गई। शव अंतिम संस्‍कार के लिए उनके गृह जनपद एटा के लिए ले जाया जा रहा है। बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुलंदशहर में गोकशी की अफवाह के बाद हुई हिंसा पर दुख व्यक्त किया और उस हिंसा में मारे गए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की पत्नी को ४० लाख रुपये और माता-पिता को १० लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की थी। इंस्पेक्टर के आश्रित परिवार को असाधारण पेंशन और परिवार के एक सदस्य को मृतक आश्रित के तौर पर सरकारी नौकरी देने का भी ऐलान किया। एडीजी के मुताबिक इंस्पेक्टर सुबोध की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उनको गोली लगने (बुलेट इंजरी) की पुष्टि हुई है।