बाजारों में बढ़ती भीड़ चिंता का कारण-डब्ल्यू एच ओ

World Health Organization leaders at a press briefing on COVID-19, held on March 6 at WHO headquarters in Geneva. Here's a look at its history, its mission and its role in the current crisis.

भारत में कोरोना के मामलें जरूर कम हो रहे है।
लेकिन मौतों के आंकड़े हर रोज चौकानें वाले सामने आ
रहे है। वहीं भारत देश में कोरोना की रोकथाम के लिये
तामाम पाबंदियों को लगाया था। लेकिन व्यापारियों के
दाबाव के कारण पाबंदियों को हटा दिया गया है।
जिससे बाजारों में फिर से भीड़ बढ़ने लगी है। जिससे
कोरोना के मामलें और बढ़ने की संभावनाओं को बल
मिल रहा है।बाजारों में बढ़ती भीड़ को देखते हुये विश्व
स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू एच ओ)ने चिंता व्यक्त करते
हुये आगाह किया है। जिस अंदाज में तामाम पाबंदियों
पर लगी रोक को हटा दिया गया है। वो घातक साबित
हो सकती है। इसलिये जो भी पाबंदियों को लगाया था।
उसको शनैः शनैः खोलना था।बताते चलें देश में लगभग
दो लाख कोरोना के मरीज हर रोज सामने आ रहे है।
जो किसी प्रकार से कम मामलें नहीं कहें जा सकते

है।इस बारे में दिल्ली स्टेट प्रोग्राम आँफीसर
(एनसीसीएचएच) डाँ भरत सागर का कहना है कि
कोरोना का वायरस अभी पूरी तरह से गया नहीं है। गत
तीन दिनों से 8 सौ से अधिक मौतें कोरोना से हो रही
है। जो अपने आप में ज्यादा है। उनका कहना है कि
अगर ऐसा ही सिलसिला चलता रहा है। तो फिर
परिणाम चौकानें वाले साबित होगें।एम्स के कोरोना
विरोधी अभियान के सदस्य डाँ आलोक कुमार का
कहना है कि कोरोना की रोकथाम को लेकर जो गाईड
लाईन बनायी गयी है ।उसको लेकर लोगों में गंभीरता
का अभाव है। सोशल डिस्टेसिंग का पालन नहीं हो रहा
है। दिल्ली जैसे शहर में लोग दिखावे के तौर पर मुंह में
मास्क लगा रहे है। जो कोरोना के बढ़ने कारण हो
सकता है।डाँक्टरों का कहना है कि कोरोना को
जागरूकता से हराया और हटाया जा सकता है।