बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण दिल्ली में जहरीली हवा

अजीब विडम्बना है कि समस्या के समाधान पर कोई बात ही नहीं हो रही है, पर आरोप-प्रत्यारोप कर अपनी-अपनी जिम्मेदारी से बचाव किया जा रहा है। ऐसा ही आलम दिल्ली में है। दिल्ली मेें वायु प्रदूषण को लेकर समाधान कम किए जा रहे है बल्कि राजनीति ज़्यादा हो रही है। पिछले कई सालों से सर्दी की दस्तक के साथ ही दिल्ली धुएं की चादर में ढकने लगती है। धुएं के चादर को हटाने के प्रयास कम हुए हैं, राजनीतिक दल एक दूसरे पर आरोप मढ़ कर अपनी जि़म्मेदारी से पल्ला झाड़ते रहे है। जिसके कारण दिल्ली वासी जहरीली सासें लेने को मज़बूर हो रहें और दमा, हार्ट रोगी अस्पतालों व घरों में जहरीली हवा के कारण मर-खप रहे हंै। इसी मुद्दे पर ‘तहलका’ संवाददाता ने राजनीतिक दलो व चिकित्सकों से सम्पर्क किया तो उन्होंने बताया कि जो भी हो रहा है उससे मानव जीवन को बड़ा खतरा है। सबसे गंभीर बात तो ये है कि दिल्ली में वायु प्रदूषण होने के कारण पड़ोसी राज्यों को जि़म्मेदार ठहराया जाता रहा है जिसमेें सबसे अधिक पंजाब राज्य को वहां पराली के जलने से दिल्ली में वायु प्रदूषण होता है। जबकि लगभग ऐसी ही स्थिति हरियाणा और उत्तर -प्रदेश की है यहां पर पराली भारी मात्रा में जलाई जाती है। परंतु हरियाणा और उत्तर-प्रदेश को जि़म्मेदार नहीं माना गया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली में वायु प्रदूषण से निपटने के समाधान में डेनमार्क के कोपनहेगन में आयोजित सी जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज दिल्ली में 25 फीसद वायु प्रदूषण कम हुआ है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में ऑड ईवन के लागू करने से दिल्ली वालों को वायु प्रदूषण से राहत मिली है। डीज़ल वाहनो पर रोक लगाई थर्मल और कोल आधारित पावर प्लांट को कम किया गया है। इंडस्ट्ी को सीएनजी आधारित किया गया है। जिसके लिए उन्हें मुआवज़ा दिया गया है।

दिल्ली मे वायु प्रदूषण को कम करने के लिये टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा। उन्होंने बताया टास्क फोर्स के गठन होने से दिल्ली सरकार के मंत्री और अधिकारी काम करेंगे। मुख्यमंत्री ने दिल्ली वालों से उनके साथ कनॉट पेलेस में दिवाली कार्यक्रम में भाग लेने की अपील की है और कहा कि पटाखें नहीं जलाएं । इस बार उनके साथ दिवाली का पर्व मनाएं और लोगों को जागरूक करने के लिये घर -घर जाकर मास्क बड़े पैमाने में बांटे जाएगें । विपक्ष के द्वारा उठाए गये सवालों पर उन्होंने कहा कि प्रदूषण से निपटने के लिये सभी का सहयोग ज़रूरी है। उन्होंने बताया कि मैं शुरू से कहता रहा हूँ कि प्रदूषण और क्लॉईमेंट चेंज के प्रयास तब तक परिणाम नहीं देंगे जब तक सभी लोग बढ़ चढकर इस मामले भाग न लें। मुख्यमंत्री ने पंजाब, हरियाणा और उत्तर-प्रदेश सभी प्रदेश सरकारों से अपील की है वे प्रदूषण को रोकने की कोशिश करें क्योंकि किसानों को दोष नहीं दिया जा सकता है । किसानों को तो अगली फसल की तैयारी करनी होती है

दिल्ली में वायु प्रदूषण के बढने के लिये दिल्ली सरकार को जि़म्मेदार ठहराते हुये दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अपनी कमियों के लिए दूसरे राज्यों को जि़म्मेदार मानते रहे है। आप पार्टी केजरीवाल सरकार हर मोर्चे पर असफल है। दिल्ली नगर निगम और लोक सभा चुनाव मेंं हार के बाद आप पार्टी बौखला गई है। ऐसे में केजरीवाल पुरानी हरकतें करने लगे है कि अपनी कमी को छिपाने के लिये दूसरे को जि़म्मेदार ठहरा दो। मनोज तिवारी ने कहा कि केजरीवाल दिल्ली वालों को गुमराह कर रहे है और 56 महीनों की नाकामी और असफलताओं के ढकने के लिये दूसरे राज्यों और सरकारों को जि़म्मेदार मान रहे हैं। ये सिर्फ केजरीवाल के हताशा और निराशा के कारण है। दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के कारण हार्ट, दमा और अर्थराइटिस रोगियों को काफी दिक्कत होती है। इंडियन हार्ट फाउडेशन के अध्यक्ष डॉ. आरएन कालरा व मैक्स अस्पताल के हार्ट रोग विशेषज्ञ डॉ. विवेका कुमार ने बताया कि वायु प्रदूषण शरीर के प्रत्येक अंग को क्षति पहुचाता है पर सबसे ज्य़ादा हार्ट और दमा रोगी को दिक्कत होती है। अगर वायु प्रदूषण से बचाव के पर्याप्त उपाय न किए गये तो हार्ट और दमा रोगी की जान को खतरा और बढ़ सकता है।