बंगाल में टीएमसी विधायक की हत्या

एफआईएआर में भाजपा नेता मुकुल रॉय का भी नाम

पश्चिम बंगाल में चुनाव के नजदीक हिंसा का दौर शुरू हो गया है। वहां सत्तारूढ़ टीएमसी के विधायक सत्यजीत बिस्वास की हत्या कर दी गयी है। वे नदिया जिले में कृष्णागंज हलके से तृणमूल कांग्रेस के विधायक थे। इस घटना को लेकर जो एफआईआर दर की गयी हैं उसमें भाजपा के नेता मुकुल रॉय का भी नाम है जो पहले टीएमसी के नेता थे।

फिलहाल पुलिस टीएमसी विधायक सत्यजीत बिस्वास की हत्या के मामले की जांच कर रही है और दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं हंसखाली पुलिस स्टेशन  के इंचार्ज को सस्पेंड कर दिया गया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक बिस्वास की शनिवार रात अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या की। जब यह घटना हुई, बिस्वास पत्नी और सात महीने के पुत्र  के साथ क्षेत्र में सरस्वती पूजा के कार्यक्रम में थे। हमलावरों ने उनपर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं।

यह पहली ऐसी घटना जब किसी विधायक की हत्या हुई है। घटना के बाद दर्ज एफआईआर में भाजपा नेता मुकुल रॉय का भी नाम है। इस घटना के बाद राजनीति शुरू हो गयी है। टीएमसी ने इसे भाजपा का गन्दा खेल बताया है जबकि भाजपा का कहना है कि यह टीएमसी के भीतर की लड़ाई का नतीजा है।

इस बीच राज्य के जेल मंत्री उज्जवल बिस्वास ने टीएमसी विधायक की हत्या के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा को जिम्मेदार ठहराया है।  नादिया की कृष्णागंज से विधायक सत्यजीत बिस्वास प्रभावशाली मटुआ समुदाय से ताल्लुक रखते थे। मटुआ समुदाय पचास के दशक में पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) से भारत आए थे। राज्य में इस समुदाय की आबादी करीब ३० लाख है। उत्तर और दक्षिण २४ परगना की पांच लोकसभा सीटों पर समुदाय का काफी असर है।

यह माना जाता है कि भाजपा लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इस समुदाय के लोगों को लुभाने की कोशिश कर रही थी। पीएम मोदी ने भी कुछ रोज पहले २४ परगना के ठाकुरनगर में मटुआ समुदाय के एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे।

गौरतलब है कि पिछले साल दिसंबर में दक्षिण २४ परगना जिले के जयनगर से तृणमूल कांग्रेस के विधायक बिस्वनाथ दास की कार पर कुछ नकाबपोश हमलावरों ने अंधाधुंध फायरिंग की घटना सामने आई थी। इस घटना में तीन लोगों की जान चली गयी थी। बंगाल सरकार ने इस हमले की जांच सीआईडी को सौंपी है।