फिर टली निर्भया दोषियों की फांसी

निर्भया रेप-मर्डर मामले में चार दोषियों की फांसी की सजा फिर टल गयी है। अब यह फांसी कमसे कम १४ दिन तक नहीं हो पाएगी। इन चारों की फांसी के लिए ३ मार्च का डेथ वारंट जारी किया गया था, लेकिन सोमवार को पटियाला हाउस कोर्ट ने इसपर रोक लगाते हुए इस पर अब अगले आदेश तक अमल नहीं हो पायेगा।
एक दोषी पवन की दया याचिका यह रिपोर्ट लिखे जाने तक अभी राष्ट्रपति के पास लंबित है। इससे पहले सुबह सर्वोच्च न्यायालय ने निर्भया गैंगरेप मामले में दोषी पवन गुप्ता की क्यूरेटिव याचिका खारिज कर दी थी जिसमें उसने मंगलवार को होने वाली फांसी पर रोक लगाने की गुहार लगाई थी। यह क्यूरेटिव याचिका खारिज होने के बाद अब उसके पास राष्ट्रपति के यहाँ आया याचिका लगाने का विकल्प ही बचा था जो उसने कर दिया है।
याद रहे निर्भया के चार दोषियों का ३ मार्च सुबह ६ बजे के लिए डेथ वारंट जारी हो चुका है। देखना है कि क्या कल इन दोषियों को फांसी हो पाती है या नहीं। जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने उसकी क्यूरेटिव याचिका खारिज कर दी और  मंगलवार को होने वाली उसकी फांसी पर रोक से इनकार कर दिया। सर्वोच्च अदालत की पांच जजों की पीठ ने चेंबर में इसपर विचार कर फैसला किया।  पीठ में जस्टिस एमवी रमना, जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस आरएफ नरीमन, जस्टिस आर बानुमति और जस्टिस अशोक भूषण हैं।
पीठ ने इस मामले की खुली अदालत में सुनवाई की उसकी मांग को भी ठुकरा दिया है। पीठ ने कहा कि याचिका के लिए कोई आधार नहीं क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की पीठ ने चेंबर में विचार कर फैसला किया है। दोषी पवन ने मंगलवार को होने वाली फांसी पर भी रोक लगाने की मांग की थी।
गौरतलब है कि ३ मार्च को निर्भया के चारों दोषियों को फांसी होनी है। अन्य तीन दोषियों अक्षय, विनय, मुकेश की क्यूरेटिव और राष्ट्रपति के समक्ष दायर की गई दया याचिका पहले ही खारिज हो चुकी है। पवन के पास अभी दया याचिका का विकल्प है। इसके अलावा पटियाला कोर्ट में एक और दोषी अक्षय ने २९ फरवरी को दोबारा याचिका लगाई है।