पूर्व राज्यपाल, पूर्व सीबीआई निदेशक अश्वनी कुमार ने शिमला में खुदकुशी की, सुसाइड नोट भी मिला घर से  

नागालैंड के पूर्व राज्यपाल, पूर्व सीबीआई निदेशक और हिमाचल के डीजीपी रहे  अश्वनी कुमार (70) ने बुधवार शाम शिमला स्थित अपने आवास में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। उनका शव शिमला स्थित ब्राक हास्ट में उनके आवास में लटका मिला है।

अभी तक यह पता नहीं चला है कि अश्वनी कुमार ने यह कदम क्यों उठाया।

जानकारी के मुताबिक एसपी शिमला मोहित चावला की अगुवाई में पुलिस टीम घटनास्थल पर मौजूद है और मामले में जांच कर रही है। पुलिस को घटनास्थल से सुसाइड नोट भी मिला है। इसमें लिखा गया है कि जिंदगी से तंग आकर अगली यात्रा पर निकल रहा हूं।

सिरमौर जिला में जन्में अश्विनी कुमार वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी थे। उनकी आत्महत्या की खबर मिलते ही शिमला के एसपी मोहित चावला टीम के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस टीम आत्महत्या के कारणों की जांच कर रही है। सुसाइड नोट बरामद होने के बाद इसे आत्महत्या ही माना जा रहा है, फिर भी पुलिस हर पहलू की जांच करेगी। अश्विनी कुमार जैसा व्यक्ति आखिर क्यों जीवन से तंग आ गया या उनके जीवन में तनाव के क्या कारण रहे, इसका खुलासा जांच के बाद ही हो पायेगा।

वैसे उनकी खुदकुशी से हर कोई स्तब्ध है। अश्वनी कुमार अपने जीवन में बड़े पदों पर रहे। हिमाचल के डीजीपी, सीबीआई के निदेशक रहने के बाद वे नागालैंड के राज्यपाल भी बने।

अश्विनी कुमार ने अपने करियर में सफलता के कई आयाम हासिल किए। उनका जन्म सिरमौर के नाहन में हुआ था और अगस्त 2008 से नवंबर 2010 के बीच वह सीबीआई के निदेशक रहे। मार्च 2013 में उन्हें नगालैंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया था, हालांकि वर्ष 2014 में उन्होंने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था। इसके बाद वह शिमला में एक निजी विश्वविद्यालय के वीसी रहे। उन्होंने कई विषयों में मास्टर डिग्री हासिल की थी।