पीएम ने खाली पेज दिया, देखते हैं सीतारमण इसमें क्या भर्ती हैं : चिदंबरम

पीएम मोदी की तरफ से मंगलवार को घोषित २० लाख करोड़ रूपये की आर्थिक पैकेज को लेकर वरिष्ठ पी चिदंबरम ने बुधवार को कहा कि पीएम ने हेडलाइन दी और खाली पेज दे दिया। आज देखना होगा कि इस सादे पेपर पर वित्त मंत्री इसमें क्या भरती हैं ?

चिदंबरम ने कहा कि पीएम मोदी ने २० लाख करोड़ का आर्थिक पैकेज देने की घोषणा की। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि इसमें कितना पैसा कहां और किस लिए खर्च होगा। लेकिन उन्होंने इतना जरूर बताया कि इस पैकेज से किसान, मध्यमवर्गीय समेत दूसरे वर्गों की भी मदद की जाएगी।

कांग्रेस नेता ने कहा कि इस पैकेज को लेकर कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने पीएम पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा – ”बड़ी ही देर से इस पैकेज की घोषणा की गई। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पीएम ने हेडलाइन दी और पेपर सादा दिया, आज देखना होगा कि इस सादे पेपर पर वित्त मंत्री क्या भरती हैं।”

एक ट्वीट कर चिदंबरम ने कहा – ”कल पीएम ने एक हैडलाइन दी और एक खाली पेज। स्वाभाविक है, मेरी प्रतिक्रिया भी खाली थी! आज, हम उस खाली पेज को भरने के लिए वित्त मंत्री को देखेंगे, ध्यान देंगे कि हर अतिरिक्त रुपया सरकार अर्थव्यवस्था में ही डालेगी।”

चिदंबरम ने दूसरे ट्वीट में कहा – ”पहली चीज यह है कि गरीब, भूखे और तबाह प्रवासी मजदूर सैकड़ों किलोमीटर चलने के बाद क्या उम्मीद कर सकते हैं? हम यह भी जांचेंगे कि निचले हिस्से की जनसंख्या (१३ करोड़ परिवारों) को वास्तविक धन के मामले में क्या मिलेगा?”

इतना ही नहीं पी चिदंबरम ने केंद्र सरकार पर सवालिया हमला भी किया। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन में फंसे मजदूरों को ट्रेनों और बसों से उनके घर पहुँचाने का वादा किया था तो फिर ये मजदूर सड़कों पर पैदल क्यों चल रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि महामारी ने सभी मंत्री और अधिकारियों की बोलती बंद कर दी है।

चिदंबरम का ट्वीट –

@PChidambaram_IN
कल, पीएम ने हमें एक हेडलाइन और एक खाली पेज दिया। स्वाभाविक रूप से, मेरी प्रतिक्रिया भी खाली थी! आज, हम उस खाली पन्ने को भरने के लिए वित्त मंत्री की तरफ देख रहे हैं। हम ध्यान से हर अतिरिक्त रुपए को गिनेंगे जो सरकार वास्तविक रूप से अर्थव्यवस्था में डालेगी। हम यह भी ध्यान से जांच करेंगे कि किसे क्या मिलता है? पहली चीज यह है कि गरीब, भूखे और तबाह प्रवासी मजदूर सैकड़ों किलोमीटर चलने के बाद क्या उम्मीद कर सकते हैं? हम यह भी जांचेंगे कि निचले हिस्से की जनसंख्या (13 करोड़ परिवारों)  को वास्तविक धन के मामले में क्या मिलेगा?