पीएम के साथ जम्मू कश्मीर के नेताओं की बैठक में भविष्य में राज्य में चुनाव होने के संकेत

जम्मू कश्मीर के नेताओं के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बुलाई बैठक ख़त्म हो गयी है। इसमें मुख्यता परिसीमन को लेकर ही चर्चा हुई। बैठक के संकेत यही लगते हैं कि परिसीमन का काम ख़त्म होने के बाद मोदी सरकार जम्मू कश्मीर में चुनाव करवा सकती है। वहां पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा या नहीं, यह अभी स्पष्ट नहीं है। कांग्रेस ने बैठक में कहा कि जिस तरह से राज्य का विशेष दर्जा ख़त्म हुआ वो नहीं होना चाहिए था। पार्टी ने अपनी पांच बड़ी मांगों में जम्मू कश्मीर को जल्दी स्टेटहुड देने की भी मांग की है। पीएम ने बैठक के अंत में कहा कि दिल्ली की दूरी और दिल की दूरी कम होगी।
साढ़े तीन घंटे चली बैठक में जम्मू-कश्मीर के 8 राजनीतिक दलों के 14 नेता शामिल हुए। दिल्ली में प्रधानमंत्री आवास में यह बैठक हुई। जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ हुई बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए वचनबद्ध हैं। दिल्ली की दूरी और दिल की दूरी कम होगी। परिसीमन की प्रक्रिया के बाद चुनाव होगा।
बैठक के बाद पीडीपी की मुखिया महबूबा मुफ्ती ने कहा – ‘बहुत ही अच्छे माहौल में बात हुई। 5 अगस्त, 2019 के बाद से जम्मू-कश्मीर के लोग बहुत मुश्किल में हैं। धारा 370 को गैरकानूनी तरीके से हटाया गया। जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 बहाल हो। मैं फिर कह रही हूं कि पाकिस्तान से बातचीत हो। लोगों की भलाई के लिए पाकिस्तान से भी बात हो।’
पूर्व मुख्यमंत्री और एनसी नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा – ‘जम्मू-कश्मीर को जो केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया वो चाहे जम्मू के लोग हों या कश्मीर के, इसे पसंद नहीं करते हैं। वहां के लोग चाहते हैं कि फौरी तौर पर जम्मू-कश्मीर को रियासत का दर्जा दिया जाए। पाकिस्तान पड़ोसी देश है, उससे भी बातचीत होनी चाहिए। मुझे लगता है कि पाकिस्तान से बातचीत हो रही है। बंद कमरे में ही पाक से बातचीत हो रही है। एक मुलाकात से दिल की दूरी कम नहीं होगी। दिल्ली और दिल की दूरी कम करने की पहल अच्छी जरूर है।’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा – ‘हमने चर्चा के दौरान बताया कि जिस तरह से स्टेस डिजॉल्व हुआ वो नहीं होना चाहिए था। चुने गए प्रतिनिधियों से पूछे बगैर ये किया गया। लेकिन सभी चीजें कहने के बाद हमने पांच बड़ी मांगें सरकार के सामने रखीं। हमने मांग रखी कि स्टेटहुड जल्दी देना चाहिए। हमने ये भी मांग की कि कश्मीर के पंडितों को वापस लाएं और उनके पुर्नवास में मदद करें। राजनीति से जुड़े हुए जो लोग (पॉलिटिक प्रिजनर्स) बंद हैं उन्हें छोड़ने की मांग की। हमने सरकार से कहा कि ये पूर्ण राज्य का दर्जा देने का माकूल वक्त है। विधानसभा चुनाव तत्काल करवाने की मांग भी रखी।’ कश्मीरी नेता अल्फात बुखारी ने कहा – ‘जम्मू-कश्मीर के परिसीमन पर बात हुई।’
इस बीच जम्मू-कश्मीर पर पीएम मोदी की बैठक के बीच विदेश मंत्रालय का बयान सामने आया है। विदेश मंत्रालय ने कहा – ‘कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है।  पाकिस्तान से संबंधों को लेकर हम पुराने रुख पर कायम हैं। बातचीत के लिए पाकिस्तान को आतंकवाद पर लगाम लगाना होगा। पाकिस्तान बातचीत के लिए माहौल बनाए।’