पांच लाख आमदन तक टैक्स नहीं

चुनावी साल में मोदी सरकार की मिडल क्लास को साधने की कोशिश

चुनावी साल में मोदी सरकार ने बजट के जरिये अपने प्रति नाराजगी वाले वर्गों को साधने की कोशिश की है। इसमें सबसे बड़ी राहत आयकर दाताओं को मिली जिनके लिए अब आयकर छूट की सीमा ढाई से लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दी है। स्वर्ण आरक्षण में ८ लाख की सीमा रखने के बाद मोदी सरकार पर दवाब था कि वह आयकर की सीमा कमसे काम ५ लाख करे। यह लाभ ६३० करोड़ में से ३ करोड़ आयकर दाताओं को मिलेगा क्योंकि इसकी सीमा सालाना ५ लाख तक की आय की को ही रखा गया है।

इसे चुनाव की दृष्टि से मध्यम वर्गीय नौकरी-पेशा वर्ग को खुश करने वाला बजट कहा जाएगा। लोकसभा में अंतरिम बजट पेश करते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने आयकर छूट बढ़ाने की घोषणा मुस्कुराते हुए की है हालांकि कहा जा रहा है कि जिनकी कमाई ५ लाख तक है उन्हें ही इसका लाभ मिलेगा। इस घोषणा के वक्त मोदी-मोदी के नारे भाजपा सदस्यों ने लगाए।

अभी तक ओवरऑल इनकम टैक्स में आयकर छूट का दायरा ढाई लाख रुपये तक है।

कांग्रेस सरकार में वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने २०१२ में आयकर छूट सीमा १.८ लाख रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये की थी। इसके बाद २०१४ में आयकर छूट की सीमा दो लाख से बढ़ाकर २.५  लाख रुपये की गई।

वर्तमान में २.५ लाख रुपये तक की इनकम पर आयकर छूट है जबकि २.५ से ५ लाख रुपये के बीच की सालाना आय पर ५ फीसदी कर लगता है।  ५ से १०  लाख रुपये की सालाना आय पर २० फीसदी और १० लाख रुपये से अधिक की सालाना आय पर ३० फीसदी कर लगता है।

बजट की कुछ ख़ास बातें – पांच लाख रुपये तक की व्यक्तिगत आय को पूरी तरह कर से छूट दी जाएगी, परिवहन क्षेत्र की क्रांति में ई-वाहनों के जरिए भारत करेगा विश्व का नेतृत्व। घटेगा प्रदूषण, देश की कच्चे तेल पर निर्भरता कम होगी और वह आत्मनिर्भर बनेगा, कालाधन रोधी उपायों के चलते 3.38 लाख मुखौटा कंपनियों का पंजीकरण समाप्त किया गया। बेनामी कानून के तहत 6,900 करोड़ रुपये की घरेलू संपत्ति जब्त की गई जबकि 1,600 करोड़ रुपये की विदेशी संपत्ति जब्त की गई, सरकार के कालाधन रोधी उपायों और कदमों से 1,30,000 करोड़ रुपये की काला धन पकड़ा गया, जीएसटी के तहत पांच करोड़ से कम का कारोबार करने वाले कारोबारियों को तीन महीने में एक बार ही रिटर्न भरना पड़ेगा, एक करोड़ से अधिक लोगों ने नोटबंदी के बाद इनकम टैक्स रिटर्न भरा, पिछले वर्ष जितने भी आयकर रिटर्न दाखिल हुए। उनमें 99.54 प्रतिशत रिटर्न फाइल करते ही बिना जांच के स्वीकृत किए गए। आयकर विभाग को ऑनलाइन किया गया। आयकरदाता/अधिकारी का आमना-सामना नहीं होगा, घर खरीदने वालों को टैक्स का भार कम हो, इसके लिए सरकार ने जीएसटी काउंसिल को रिक्वेस्ट करके ग्रुप ऑफ मिनिस्टर से कहा है, टैक्स मूल्यांकन के लिए दफ्तर नहीं जाना पड़ेगा, 80 फीसदी करदाताओं की संख्या बढ़ी, अगले पांच सालों में एक लाख डिजिटल गांव बनाए जाएंगे, पिछले पांच सालों में सौर्य ऊर्जा सेक्टर में दस गुना बढ़ोतरी हुई, राष्ट्रीय गोकुल योजना के लिए 2019-20 के बजट में 750 करोड़ रुपये का आवंटन, मेक इन इंडिया के कारण मोबाइल कंपनियों की संख्या बढ़ी, इससे रोजगार की संभवनाएं बढ़ेगी, पूरी दुनिया में रोजगार की कल्पना बदल रही है। अब जॉब सीकर जॉब क्रिएटर बन गया है। भारत स्टार्टअप का दूसरा सबसे बड़ा हब बन चुका है, उज्जवला योजना के तहत अगले साल तक आठ करोड़ गैस कनेक्शन और देगी सरकार, ग्रेच्युटी की सीमा को दस लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये की, पीएम श्रम योगी मान धन को मंजूरी दी गई,  श्रमिकों का बोनस बढ़ाकर सात हजार रुपये किया गया, श्रमिक की मौत पर मिलेगा छह लाख का मुआवजा, 21 हजार रुपये तक का वेतन मिलने वालों को मिलेगा बोनस, पशुपालन के लिए भी किसान क्रेडिट कार्ड देगी सरकार,  सरकार शुरू करेगी कामधेनु योजना, खर्च होंगे 750 करोड़ रुपये, पशुपालन और मत्स्य पालन के लिए कर्ज में 2 फीसदी ब्याज की छूट, इस योजना से 12 करोड़ किसानों को फायदा पहुंचेगा। एक दिसबंर 2018 से किसानों के खाते में पैसे आएंगे, बजट में किसानों के लिए योजनाओं का ऐलान, 2 हेक्टेयर जमीन वाले किसानों के खाते में जाएंगे 6000 रूपए, सस्ते अनाज पर 1.07 लाख करोड़ रूपये दिए, सरकार स्वच्छता के लिए प्रतिबद्ध, स्वच्छ भारत राष्ट्रीय आंदोलन बना, गांवों को खुले में शौच से मुक्ति मिली।