पहाड़ी औषधियों में तमाम रोगों का उपचार: आयुर्वेद

एक ओर कोरोना दूसरी ओर वायु प्रदूषण का कहर लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर डाल रहा है। जिसके कारण लोगों को बेवजह सूखी खांसी हो रही है। सरिता विहार स्थित अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) के आयुर्वेद विशेषज्ञों का कहना है कि पहाड़ी इलाके में मिलने वाली जूफा औषधि प्रदूषण या फिर प्रदूषित कणों के बचाव में काफी बेहत्तर काम करती है।

जूफा के साथ तुलसी, लौंग, वासा, पिपलि, गोजिहा, दालचीनी, कटेली, बहेडा, अंजीर, उनाब इत्यादि के मिश्रण का सेवन करने से खांसी और कफ से आराम मिलता है। इन्ही औषधियों को मिलाकर एमिल फार्मास्युटिकल्स ने ज्यूफेक्स फोर्ट सीरप बनाया है। जिसका सेवन गुनगुने पानी के साथ किया जा सकता है।

एआईआईए के सीनियर डॉ शांतनु कुमार का कहना है कि इस समय दिल्ली–एनसीआर में प्रदूषण से लोग एंटी एलर्जी के शिकार हो रहे है। जिससे खांसी, कफ, बुखार, सिरदर्द इत्यादि के लक्षण होते है। अगर समय रहते इसका उपचार न कराया जाये तो संक्रमण में तब्दील हो सकते है।

दिल्ली नगर निगम के सीनियर आयुर्वेद चिकित्सा अधीक्षक डाँ आर पी पाराशर का कहना है कि जूफा,तुलसी, भृंगराज इत्यादि औषधि कफ को बाहर निकालने में मदद करती है। साथ ही इन औषधियों से रोग प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत होती है।

बताते चलें, इन्ही आयुर्वेद औषधियों का सेवन लोगों ने कोरोना काल में किया था जिसका लोगों को काफी लाभ भी मिला था।आयुर्वेद डाक्टरों का दावा है कि जहरीली हवा में सूखी खांसी को जूफा रोक सकती है। डाँ शांतनु का कहना है कि घर हो या दफ्तर लोगों को प्रदूषण तामाम बीमारियोंकी चपेट में ले रहा है।