पहली बारिश में ही दिल्ली हो गई जलमग्न

दिल्ली में सावन और मानसून की पहली झमाझम बारिश के कुछ ही घंटों बाद ही जगह-जगह जलभराव हो गया। रविवार सुबह मिंटो ब्रिज पर पानी भरने से एक तिपहिया चालक की मौत हो गई। अब दिल्ली सरकार ने स्वीकार किया कि कोरोना के कारण इस बार नालों की साफ-सफाई मुस्तैदी से नहीं हो सकी है।
राजधानी के जलमग्न होने के हालात पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, इस साल सभी एजेंसियां, चाहे वो दिल्ली सरकार की हो या नगर निगम की, कोरोना नियंत्रण में लगी हुई थी। करोना की वजह से उन्हें कई कठिनाइयां आयीं। ये वक्त एक दूसरे पर दोषारोपण का नहीं है। सबको मिल कर अपनी जिम्मेदारियां निभानी है। जहां जहां पानी भरेगा, हम उसे तुरंत निकालने का प्रयास करेंगे।

दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने कहा, ‘हम लोग काम करने में विश्वास रखते हैं लेकिन भाजपा के नेता उल्टी सीधी बयान बाजी कर रहे हैं। मिंटो ब्रिज इलाका एनडीएमसी के अंतर्गत आता है और एनडीएमसी केंद्र सरकार के अंतर्गत काम करती है।’ कुछ घंटों की बारिश के बाद मिंटो ब्रिज, जखीरा फ्लाईओवर, दक्षिण दिल्ली के पुल प्रह्लादपुर, उत्तरी दिल्ली के जहांगीरपुरी समेत कई इलाकों में पानी भर गया जिससे लोगों को परेशानी हुई। इस दौरान मिंटो ब्रिज के समीप तिलक ब्रिज इलाके में तेज बहाव के कारण कुछ कच्चे मकान और झुग्गियां ताश के पत्तों की तरह ढहकर बह गईं।

मिंटो ब्रिज पर ड्राइवर डूब गया, लोग देखते रहे

दिल्ली का मिंटो रोड ब्रिज हर साल पानी भरने और डूबती हुई बसों का गवाह बनता है, लेकिन इसका स्थायी समाधान नहीं निकाला जा सका है। इस साल भी यहां रविवार सुबह हुई बारिश में कई गाड़िया डूब गईं। इसमें एक टेंपो चालक भी डूब गया। ध्यान देने वाली बात ये है कि इस दौरान लोग उसे डूबता देखते रहे, पर कोई कुछ कर नहीं सका। वीडियो बनाते रहे, फोटो खींचते रहे पर बचाने को कोई नहीं उतरा।

असम के 33 में 30 जिले बाढ़ से प्रभावित

पूर्वोत्तर राज्य असम इस साल भी बाढ़ की चपेट में है। यहां के 33 में से 30 जिले बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं। 22 मई से लेकर 15 जुलाई के बीच यहां के 4 हजार 766 गांव बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। 48.07 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। 1.28 लाख से ज्यादा लोग अपना घर छोड़कर रिलीफ कैम्प में रहने को मजबूर हैं। इस दौरान 92 लोगों की जान जा चुकी है। हजारों पशु प्रभावित हुए हैं।