पर्यटन को नयी ऊँचाई देने के लिए िफल्म इंडस्ट्री को बढ़ाने की तैयारी

हिमाचल को उत्तर क्षेत्र में कश्मीर के बाद सबसे खूबसूरत पहाड़ी पर्यटन स्थल माना जाता है। कश्मीर में जब आतंकवाद चर्म पर था, सैलानियों ने तब हिमाचल के कुल्लू, मनाली, रोहतांग, धर्मशाला, शिमला और नारकंडा जैसे मनमोहक प्राकृतिक स्थलों का ही रुख किया था। हालाँकि, अभी भी प्रदेश में ऐसे दर्जनों अनछुए पर्यटक स्थल हैं, जिन्हें विकसित करके प्रदेश में पर्यटन को नये मुकाम पर ले जाया जा सकता है। ऐसे में हिमाचल सरकार ने मुम्बई की िफल्म इंडस्ट्री को प्रदेश के पर्यटन से जोडक़र नया मुकाम हासिल करने की नीति तैयार की है।

प्रदेश सरकार ने िफल्म नीति-2019 को एक अनुकूल वातावरण सृजित करने के लिए तैयार किया गया है, जो न केवल हिमाचल प्रदेश में बड़े पैमाने पर िफल्मों की शूटिंग की सुविधा प्रदान करेगी, बल्कि िफल्म निर्माण के विभिन्न पहलुओं से सम्बन्धित गतिविधियों के चहुँमुखी विकास को भी सुनिश्चित करेगी। प्रदेश के मनमोहक स्थलों ने सदैव विख्यात िफल्म निर्माताओं को आकर्षित किया है। इसके बावजूद प्रदेश में अभी भी कई ऐसे अनछुए स्थल हैं, जो मनमोहक, प्राकृतिक, सांस्कृतिक, धरोहर और आध्यात्मिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है। प्रदेश के कई कलाकारों और रचनाकारों ने िफल्म निर्माण के विभिन्न क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनायी है। िफल्म नीति-2019 के तहत हिमाचल प्रदेश को िफल्म निर्माण के लिए एक महत्त्वपूर्ण गंतव्य के रूप में विकसित तथा िफल्मों के माध्यम से प्रदेश की सांस्कृतिक, पौराणिक, ऐतिहासिक विरासत और गौरवशाली परम्पराओं को प्रचारित और प्रसारित कर पर्यटकों को आकर्षित किया जाएगा। प्रदेश की प्रतिभाओं को िफल्म निर्माण के सभी क्षेत्रों में प्रगति के अवसर उपलब्ध करवाए जाएँगे। प्रदेश में रोज़गार सृजन के अवसर उपलब्ध करवाए जाएँगे तथा िफल्म उद्योग के माध्यम से अतिरिक्त पूँजी निवेश आकर्षित किया जाएगा।

प्रदेश में िफल्म क्षेत्र के दीर्घकालिक और अर्थपूर्ण विकास के लिए हिमाचल प्रदेश िफल्म विकास परिषद् की स्थापना की जाएगी। परिषद् अपनी वित्तीय शक्तियों को कार्यकारी समिति के माध्यम से उपयोग कर सकता है। कार्यकारी समिति द्वारा िफल्म निर्माताओं को वित्तीय और अन्य प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए मानदण्ड तय किये जाएँगे और योग्यता की जाँच की जाएगी।

प्रदेश सरकार के सूचना और जन सम्पर्क  विभाग में िफल्मों और िफल्म सम्बन्धी  अधोसंरचना के विकास के लिए वित्तीय योजनाओं के लिए िफल्म विकास निधि सृजित की जाएगी। इस निधि के लिए प्रदेश में शराब की प्रत्येक बोतल पर 50 पैसे सैस लगाया जाएगा।

प्रदेश सरकार की तरफ से निजी क्षेत्र में िफल्म निर्माण के लिए आवश्यक अधोसंरचना के सृजन को बढ़ावा दिया जाएगा। निजी क्षेत्र में इस तरह की अधोसंरचना के उपलब्ध होने तक प्रदेश सरकार द्वारा वर्तमान अधोसंरचना की कमियों को दूर किया जाएगा। सूचना और जन-सम्पर्क  विभाग में स्थापित िफल्म सुविधा इकाई चंडीगढ़ और दिल्ली में स्थित निजी िफल्म निर्माताओं के पास उपलब्ध पेशवर उपकरणों की एक सूची तैयार करेगा तथा यह सूची िफल्म निर्माताओं की सुविधा के लिए सृजित किये जाने वाले वेब पोर्टल पर ऑनलाइन उपलब्ध करवायी जाएगी।

प्रदेश में िफल्म सिटी स्थापित करने का प्रयास किया जाएगा, ताकि एक स्थान पर सम्पूर्ण आवश्यक अधोसंरचना उपलब्ध करवायी जा सके। प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में िफल्म सिटी स्थापित करने के लिए पट्टे पर भूमि भी प्रदान की जाएगी तथा सहायक अधोसंरचना के सृजन में सक्रिय भूमिका निभायी जाएगी।

जब तक प्रदेश में पूर्ण रूप से क्रियाशील िफल्म सिटी की स्थापना नहीं हो जाती, तब तक प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में िफल्म स्टूडियो तथा लैब की स्थापना के लिए बढ़ावा दिया जाएगा। प्रदेश सरकार द्वारा आउटडोर शूटिंग करने वाली इकाइयों के लिए राज्य के विभिन्न भागों में स्थित हवाई पट्टियों तथा हेलिपैड के प्रयोग की सुविधा स्वीकृत की जाएगी। सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग में स्थापित िफल्म सुविधा इकाई राज्य में िफल्मों की शूटिंग से सम्बन्धित सभी स्वीकृतियाँ प्रदान करने के लिए एकल खिडक़ी तंत्र के रूप में कार्य करेगी तथा प्रदेश में िफल्मों में निर्माण और निर्माण-उपरान्त सम्बन्धित उपलब्ध सुविधाओं के साथ-साथ शूटिंग स्थलों की जानकारी का प्रसार करेगी। राज्य की संस्कृति और यहाँ प्रचलित भाषाओं में विद्यमान सम्भावनाओं और शक्ति से भलीभाँति परिचित है, इसलिए क्षेत्रीय भाषाओं में िफल्म निर्माण को प्रभावशाली रूप से बढ़ावा दिया जाएगा। प्रदेश सरकार गुणात्मक िफल्में बनाने वाले व्यक्तियों को सम्मानित करने के लिए िफल्म विकास निधि से पोषित वार्षिक िफल्म पुरस्कार शुरू करेगी। इसके तहत प्रदेश में 50 प्रतिशत शूटिंग वाली हिन्दी और स्थानीय भाषाओं की िफल्मों पर पुरस्कार के लिए विचार किया जाएगा। प्रदेश में आउटडोर शूटिंग करने वाली िफल्म इकाइयों को हिमाचल प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम के होटलों में रहने पर कमरों के किराये में 30 प्रतिशत छूट प्रदान करने का प्रस्ताव भी रखा गया है।

राज्य में बन्द पड़े सिनेमाघरों को पुन: खोलने के लिए बढ़ावा दिया जाएगा, जिसके लिए हिमाचल प्रदेश िफल्म विकास परिषद् की सलाह पर ऐसे सिनेमा घरों को अधिकतम 25 लाख रुपये की राशि वित्तीय प्रोत्साहन के रूप में प्रदान की जाएगी। सिनेमा घरों को प्रदेश में उद्योग का दर्जा दिया जाएगा। प्रदेश सरकार द्वारा सिनेमाघरों में जन सुविधाओं के विस्तार तथा सिनेमा घरों को लोकप्रिय बनाने के लिए एक नयी योजना आरम्भ की जाएगी।

योजना के तहत आधुनिक साउंड सिस्टम, एयर कंडीशनिंग, जेनरेटर सेट, फॉल्स सिलिंग, फर्नीचर बदलने तथा व्यापक तौर पर नवीनीकरण से सम्बन्धित कार्य करने के लिए राज्य माल और सेवा कर पर 50 प्रतिशत प्रतिपूर्ति प्रदान की जाएगी। हिमाचल प्रदेश में एक या एक से अधिक सिनेमा सक्रीन वाले मल्टीपलैक्सों की स्थापना को बढ़ावा देने के लिए सात वर्षों तक राज्य माल एवं सेवा कर पर 75 प्रतिशत प्रतिपूर्ति प्रदान की जाएगी। इसी प्रकार नये सिनेमाघरों को पाँच वर्षों तक राज्य माल एवं सेवा कर पर 75 प्रतिशत प्रतिपूर्ति प्रदान की जाएगी। प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में मल्टीपलैक्स तथा सिनेमा घर से वंचित स्थानों पर यदि भूमि उपलब्ध हो, तो मल्टीपलैक्स तथा सिनेमा घर स्थापित करने के लिए पट्टे पर भूमि प्रदान की जाएगी। ‘कलाकार प्रोत्साहन योजना’ के तहत देश के प्रतिष्ठित संस्थान में ललित कलाओं तथा इससे सम्बन्धित अन्य कोर्सेज में चयनित होने वाले प्रदेश के प्रतिभावान बच्चों तथा युवाओं को बढ़ावा दिया जाएगा। इन बच्चों तथा युवाओं को िफल्म विकास निधि द्वारा 75 हजार रुपये का एक मुश्त अनुदान प्रदान किया जाएगा।

हिमाचल में पर्यटन की अपार सम्भावनाएँ हैं और हमारा लक्ष्य इन्हें सामने लाकर सैलानियों को यहाँ खींचना है। देश-भर में हिमाचल ही एक ऐसा राज्य है, जहाँ साल-भर में इसकी आबादी से भी •यादा सैलानी आते हैं। अनछुए प्राकृतिक स्थलों को बिना पर्यावरण को नुकसान पहुँचाये सैलानियों तक लाने में िफल्म इंडस्ट्री बहुत बड़ा रोल अदा कर सकती है। इसलिए यह योजना तैयार की गयी है।

जयराम ठाकुर, मुख्यमंत्री, हिमाचल प्रदेश

क्या है योजना?

हिमाचल में िफल्म का 75 प्रतिशत भाग शूट करने पर िफल्म निर्माताओं और निर्माण घरानों को हिमाचल प्रदेश िफल्म विकास परिषद् की सलाह के अनुसार अधिकतम 50 लाख रुपये का अनुदान प्रदान किया जाएगा। प्रदेश की किसी भाषा में सामाजिक मुद्दों पर लघु िफल्म बनाने पर भी हिमाचल प्रदेश िफल्म विकास परिषद् की सलाह के अनुसार अधिकतम 10 लाख रुपये का अनुदान प्रदान किया जाएगा; बशर्ते िफल्म का 75 प्रतिशत भाग हिमाचल प्रदेश में शूट किया गया हो। देश में व्यापक तौर पर दर्शकों के लिए न्यूनतम तीन िफल्मों का निर्माण करने वाले हिन्दी और अंग्रेजी िफल्म निर्माताओं को िफल्म का 50 प्रतिशत भाग प्रदेश में शूट करने पर हिमाचल प्रदेश िफल्म विकास परिषद् की सलाह के अनुसार अधिकतम 2 करोड़ रुपये का अनुदान प्रदान किया जाएगा। िफल्म में उपयोग की गयी सम्पूर्ण आउटडोर शूटिंग के 50 प्रतिशत भाग का हिमाचल प्रदेश में शूट किया जाना िफल्म की आभार सूची में प्रदर्शित होना अनिवार्य है। यदि हिन्दी और अंग्रेजी िफल्म में उपयोग की गयी सम्पूर्ण आउटडोर शूटिंग का 50 प्रतिशत भाग हिमाचल प्रदेश में शूट किया गया हो और िफल्म के प्रमुख कलाकारों में न्यूनतम तीन कलाकार प्रदेश से हो तो हिन्दी और अंग्रेजी िफल्म निर्माण के लिए िफल्म निर्माता और िफल्म निर्माण घरानों को 25 लाख रुपये की अतिरिक्त सहायता या हिमाचली कलाकारों को दिये गये वास्तविक वेतन में से जो भी कम हो, प्रदान किया जाएगा। इसके अतिरिक्त हिन्दी और अंग्रेजी भाषा में सामाजिक मुद्दों पर लघु िफल्म बनाने पर भी हिमाचल प्रदेश िफल्म विकास परिषद् की सलाह के अनुसार अधिकतम 10 लाख रुपये का अनुदान प्रदान किया जाएगा, बशर्ते िफल्म का 75 प्रतिशत भाग हिमाचल प्रदेश में शूट किया गया हो।