परिसीमन आयोग की सिफारिशों का विरोध कर रहे जम्मू कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्री नजरबन्द

जम्मू-कश्मीर में परिसीमन आयोग की जम्मू में 6 नए विधानसभा क्षेत्र और कश्मीर में एक विधानसभा क्षेत्र बनाने सिफारिशों का जबरदस्त विरोध कर रहे जम्मू कश्मीर में मुख्यधारा की पार्टियों नैशनल कांफ्रेंस और पीडीपी के मुख्य नेताओं पूर्व मुख्यमंत्रियों फ़ारूक़ अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को नजरबन्द कर दिया गया है।

जानकारी के मुताबिक परिसीमन आयोग के प्रस्तावों के खिलाफ गुपकर घोषणापत्र गठबंधन (पीएजीडी) मार्च निकालने की तैयारी में था जब इन तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों और अन्य नेताओं को नजरबंद कर दिया गया। पूर्व मुख्यमंत्री और एनसी नेता उमर अब्दुल्ला ने एक ट्वीट में कहा – ”गुड मॉर्निंग एन्ड वेलकम 2022.”

उमर ने आगे लिखा – ”उसी जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ एक नए साल की शुरुआत जो अवैध रूप से लोगों को उनके घरों में बंद कर रही है। और प्रशासन सामान्य लोकतांत्रिक गतिविधि से इतना डरा हुआ है। गुपकार गठबंधन के शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन को रोकने के लिए ट्रक हमारे गेट के बाहर खड़े हैं। कुछ चीजें कभी नहीं बदलतीं।”

अब्दुल्ला ने कहा कि एक अराजक पुलिस राज्य की बात करें, तो पुलिस ने मेरे पिता के घर को मेरी बहन के घर से जोड़ने वाले आंतरिक द्वार को भी बंद कर दिया है।  फिर भी हमारे नेताओं के पास दुनिया को यह बताने की हिम्मत है कि भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र है।

उधर पूर्व मुख्यमंत्री पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती को प्रशासन ने नजरबंद कर दिया है।  उन्होंने कहा – ‘मेरे घर के बाहर एक ट्रक खड़ा है।’

याद रहे पीएजीडी ने परिसीमन आयोग के प्रस्तावों के खिलाफ शनिवार को श्रीनगर में प्रदर्शन की बात कही थी। आयोग की सिफारिशों के बाद जम्मू में विधानसभा सीटों की संख्या 43 और कश्मीर में 47 हो सकती है। पीएजीडी जम्मू संभाग में विधानसभा की छह और कश्मीर में एक सीट बढ़ाने के परिसीमन आयोग के प्रस्ताव के खिलाफ है।

इस बीच वरिष्ठ माकपा नेता और गुपकार गठबंधन प्रवक्ता मोहम्मद युसूफ तारिगामी ने कहा – ‘यह दुखद है कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन इतना डरा हुआ है कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अनुमति नहीं दे पा रहा है। यही स्थिति तब और भी खराब हो जाती है जब लोगों को जनता के सामने अपनी राय रखने की भी अनुमति नहीं होती है।’