नोटबंदी ‘बीमार’ फैसला था : मनमोहन

कांग्रेस ने कहा, यह 'खुद बुलाई आपदा' जैसा था

कांग्रेस ने मोदी सरकार की ”नोटबंदी” के दो साल होने पर इस फैसले को ”खुद बुलाई आपदा” करार दिया है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इसे ”बीमार फैसला” बताया वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने कहा कि यह दुनिया के इतिहास में अकेला ऐसा फैसला था जिसमें लोगों को अपने ही पैसे बैंकों से निकालने के लिए कतार में खड़े होना पड़ा और १५३ लोगों को तो अपनी जान गंवानी पड़ी। उधर सरकार की तरफ से वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसे सही फैसला बताते हुए कहा देश को इस फैसले का लाभ हुआ है।

कांग्रेस ने नोटबंदी के खिलाफ देश भर में लोगों को इसके नुक्सान बताने के लिए गुरूवार को मुहिम शुरू कर दी। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी नोटबंदी का विरोध करते हुए आज के दिन को काला दिवस करार दिया है।

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार के इस फैसले को ”बीमार सोच वाला और मनहूस” कदम करार दिया है। गौरतलब है कि दो साल पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रव्यापी टीवी ब्रॉडकास्ट में  ८ नवंबर, २०१६ को देश में नोटबंदी का ऐलान करते हुए ५०० और १००० रुपये के नोट बंद करते हुए ऐलान किया था कि यह नॉट अब ”लीगल टेंडर” नहीं रहेंगे।

आज नोटबंदी के दो साल होने पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि इस फैसले से भारतीय अर्थव्यवस्था पर कहर बरपा और देश भर के लोगों ने इसे महसूस किया। ”नोटबंदी ने हर व्यक्ति को प्रभावित किया, चाहे वह किसी भी धर्म, जाति, पेशा या संप्रदाय का हो। अक्सर कहा जाता है कि वक्त सभी जख्मों को भर देता है लेकिन नोटबंदी के जख्म-दिन-ब दिन और गहराते जा रहे हैं”।

पूर्व प्रधानमंत्री और आर्थिक जानकार मनमोहन सिंह ने कहा कि नोटबंदी से जीडीपी में तो गिरावट आई ही, छोटे और मंझोले धंधे, जो भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं,  को भी नोटबंदी ने पूरी तरह बर्बाद कर दिया। ”अर्थव्यवस्था लगातार बुरे दिनों से गुजर रही है जिसका खराब असर रोजगार पर पड़ रहा है और युवा रोजगार के लिए भटकने को मजबूर हो गए हैं”।

मनमोहन ने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए दिए जाने वाले कर्ज और बैंकों की गैर-वित्तीय सेवाओं पर भी काफी बुरा असर पड़ा है। नोटबंदी के कारण रुपए का स्तर गिरा है जिससे मैक्रो-इकोनॉमी भी काफी प्रभावित हुई है।

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी एक ट्वीट के जरिये नोटबंदी की देश को उठाने वाली कीमत समझाई है। थरूर ने इस दिन को आपदा बताते हुए #DemonetisationDisasterDay के नाम से ट्वीट किया है। थरूर ने कहा – ”नोटबंदी के कारण नए नोट छापने पर ८ हजार करोड़ रुपए का खर्च आया, १५ लाख लोगों की नौकरी गई, १०० लोग जान से हाथ धो बैठे और जीडीपी में डेढ़ फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।

उधर तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नोटबंदी के दिन को ‘काला दिवस’ करार दिया है। इस बीच कांग्रेस ने देश भर में नोटबंदी के खिलाफ मुहीम शुरू की जिसमें जनता को इस के नुकसानों के बारे में बताया जाएगा।