नीति आयोग की बैठक में नहीं जाएंगी ममता

कहा, कोइ वित्तीय अधिकार नहीं होने से इसकी बैठकें बेमतलब

केंद्र से लगातार नाराजगी वाले रुख को कायम करते हुए अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नीति आयोग तो बिना वित्तीय अधिकार वाली संस्था बताते हुए इसकी बैठक में जाने से मना कर दिया है। यह बैठक पीएम मोदी ने ५ जून को बुलाई है।
नीति आयोग की १५ जून को होने वाली बैठक में न आने की सूचना देने के लिए पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर अवगत करवाया है।ममता ने इस पत्र में नीति आयोग के अधिकारों पर सवाल खड़ा किया है और कहा है कि इसके पास कोइ वित्तीय अधिकार नहीं जिससे इसकी बैठकें बेमतलब की कवायद से ज्यादा कुछ नहीं।
अपने पत्र में ममता ने लिखा – ”नीति आयोग के पास वित्तीय अधिकार नहीं और न ही राज्य की मदद करने का आयोग के पास किसी तरह का अधिकार है। ऐसे में बैठक में शामिल होने का कोई मतलब नहीं रह जाता।”
सीएम ममता का लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान से ही भाजपा और मोदी-शाह से टकराव दिखा है। चुनाव के बाद भी जब पीएम मोदी के शपथ ग्रहण में ”बंगाल में हिंसा का शिकार” भाजपा कार्यकर्ताओं के परिजनों को बुलाने के फैसला हुआ तो ममता इससे बेहद खफा हुईं। उनके मुताबिक ऐसी कोइ राजनीतिक हिंसा बंगाल में नहीं हुई है जैसे भाजपा पेश कर रही है। चुनाव के नतीजे आने के बाद यह कटुता तब और बढ़ गयी जब ममता की टीएमसी के कई विधायक-नेता भाजपा में शामिल हो गए।