नागरिकता बिल संविधान पर हमला : राहुल गांधी

नीतीश के बिल का समर्थन करने पर जेडीयू में उठने लगे विरोध के स्वर

नागरिकता संशोधन बिल के लोक सभा में पास होते ही विरोध के स्वर भी तेज हो गए हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस बिल का कड़ा विरोध करते हुए इसे ‘संविधान पर हमला’ बताया है। उधर बिल का समर्थन करने पर बिहार जेडीयू नेता और सीएम नीतीश कुमार का पार्टी में ही जबरदस्त विरोध हो गया है।

राहुल गांधी ने ट्वीट करके कहा – ‘सिटिजनशीप बिल भारतीय संविधान पर हमला है।  जो भी इसका समर्थन करता है वह हमारे राष्ट्र की नींव को नष्ट करने का प्रयास कर रहा है।” याद रहे सोमवार देर रात १२ घंटे चली बहस के बाद यह बिल लोकसभा में पास हो गया है। अब मोदी सरकार की इसे राज्यसभा में रखने की तैयारी है।

कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने भी ट्वीट करके इसका विरोध किया है। प्रियंका ने  ट्वीट में कहा – ”बीती रात लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल पारित होने के साथ भारत कट्टरता और संकीर्ण सोच वाले अलगाव से भारत के वादे की पुष्टि हुई है।  हमारा संविधान, हमारी नागरिकता एक मजबूत और एकजुट भारत के हमारे सपने से हम सभी से जुड़े हुए हैं।” प्रियंका गांधी ने कहा कि सरकार के उस एजेंडे के खिलाफ लड़ेंगे जो हमारे संविधान को सिस्टमैटिकली तरीके से खत्म कर रहा है।

उधर भाजपा की बिहार और एनडीए में सहयोगी जनता दल (यू) के प्रमुख और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस बिल का समर्थन करने के बाद पार्टी दो फाड़ होती नजर आ रही है। पार्टी के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर के आलावा वरिष्ठ नेता पवन वर्मा ने भी इस बिल के खिलाफ आवाज उठा दी है। इन नेताओं ने नीतीश कुमार से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की है।

पवन कुमार वर्मा, जो जदयू के प्रवक्ता हैं, ने ट्वीट में कहा – ”मैं नीतीश कुमार से अपील करता हूं कि राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल पर समर्थन पर दोबारा विचार करें। ये बिल पूरी तरह से असंवैधानिक है और देश की एकता के खिलाफ है। ये बिल जदयू के मूल विचारों के भी खिलाफ हैं, गांधी जी इसका पूरी तरह से विरोध करते।”

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी कैब का विरोध किया है और विपक्षी दलों का आह्वान किया है कि ”देश के एक भी नागरिक को शरणार्थी नहीं बनने दिया जाएगा। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सत्ता में रहते बंगाल में कभी एनआरसी और कैब की इजाजत नहीं दी जाएगी ”

समाजवादी पार्टी नेता और पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भी नागरिकता संशोधन बिल का विरोध किया है। अखिलेश ने ट्वीट कर भाजपा सरकार पर वादाखिलाफी और संविधान के अपमान करने का आरोप लगाया है – ”न किसान की आय दुगनी हुई, न गंगा साफ़ हुई, न अर्थव्यवस्था में सुधार लाए, न काला धन वापस लाए, न नौकरियाँ लाए, न बेटियों को बचा पाए, न विकास कर पाए… मैंने पहले कहा था: इनकी राजनीति ध्यान हटाने और समाज बाँटने की है. #CitizenshipBill….”