नागरिकता बिल के खिलाफ असम में हिंसा, सेना अलर्ट पर

छात्रों पर लाठीचार्ज, कई ट्रेनें रद्द, मोदी-शाह के पुतले फूंके

नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) के विरोध में असम में आंदोलन अब तेज हो गया है। पुलिस और छात्रों की झड़प के बीच छात्रों पर लाठीचार्ज किया गया है। महिलाओं से लेकर बच्चे तक इस प्रदर्शन में शामिल दिख रहे हैं। कई जगह से हिंसा की भी खबर है। सेना को अलर्ट पर रखा गया है।

पूरे राज्य में बिल का जबरदस्त विरोध हो रहा है। बुधवार को प्रदर्शन के दौरान राज्य सचिवालय के पास छात्रों और पुलिस की झड़प हो गयी। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागे। प्रदर्शन को बढ़ता देख डिब्रूगढ़ में सेना को पुलिस की मदद के लिए बुलाया गया है। कम से कम १४ ट्रेनों को या तो रद्द कर दिया गया है या गंतव्य स्थान से पहले ही रोक दिया गया है।

असम के गुवाहाटी में प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के पुतले फूंके। स्थानीय लोग बिल को लेकर जोरदार प्रदर्शन कर रहे हैं और इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं।

दिल्ली में भी नागरिकता बिल के विरोध में प्रदर्शन हुए हैं। लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पास होते ही नॉर्थ ईस्ट समेत देश के कई हिस्सों में इसका विरोध शुरू हो गया है। पूर्वोत्तर के राज्यों के साथ-साथ गुजरात में भी इस बिल का विरोध किया गया। बिल को असंवैधानिक बताते हुए लोगों ने इसके खिलाफ नारेबाजी की और पोस्टर लेकर सड़क पर उतरे।

गुवाहाटी में ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन के नेतृत्व में मशाल जुलूस निकाला गया। तमाम छात्र संगठन इस बिल के विरोध में उतर आए हैं। गुवाहाटी में हजारों की संख्या में प्रदर्शन करने उतरे छात्रों ने पारंपरिक ढोल बजाकर बिल का विरोध किया। बता दें कि असम के ९० प्रतिशत से ज्यादा क्षेत्रों पर यह बिल लागू होगा। गुवाहाटी में ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन के नेतृत्व में मशाल जुलूस निकाला गया। तमाम छात्र संगठन इस बिल के विरोध में उतर आए हैं।

बिल का विरोध कर रहे ऑल असम स्टूडेंट यूनियन (एएएसयू) ने कहा है कि वह इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा। एएएसयू के मुख्य सलाहकार समुज्जल भट्टाचार्य ने केंद्र की भाजपा सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि उत्तर पूर्व के लोग इस विधेयक को किसी भी हालत में स्वीकार नहीं करेंगे।

छात्रों ने बताया कि उनमें से कई लाठीचार्ज में घायल हो गए। उन्होंने कहा, ”सर्बानंद सोनोवाल के नेतृत्व में बर्बर सरकार है। जब तक सीएबी वापस नहीं लिया जाता है, तब तक हम किसी दबाव में नहीं आएंगे।” गुवाहाटी के अलावा डिब्रूगढ़ जिले में प्रदर्शनकारियों की झड़प पुलिस से हुई और पत्थरबाजी में एक पत्रकार भी घायल हो गया।