नशे में उड़ते रायपुर के रसूखदार

लॉकडाउन के समय रात में वीआईपी रोड स्थित क्वींस क्लब में रसूखदारों की जन्मदिन पार्टी चल रही थी, जिसकी किसी को कानोकान खबर नहीं थी। अचानक गोली चली। इस गोलीकण्ड ने सरकारी तंत्र को हिलाकर रख दिया। जब मामले की पर्तें खुलीं, तो ड्रग्स का बड़ा रैकेट सामने आया; जिसमें राजनीतिक-परिवारों, बिल्डर्स, उद्योगपति, उनके कुछ रिश्तेदारों और मॉडल युवतियों को गिरफ्तार किया गया। राज्य में अवैध गाँजा और हुक्का बार चलाने वाले ड्रग्स तस्करी में अब तक छोटी मछलियाँ ही पकड़ में आती थीं; लेकिन क्वींस क्लब में हुई इस घटना ने रईसज़ादों के चेहरे पर पड़ी नकाब हटा दी है। वरिष्ठ पत्रकार अनिल द्विवेदी की रिपोर्ट :-

27 सितंबर की लॉकडाउन की रात थी। लाखों की आबादी घरों के अन्दर थी और शहर में सिर्फ पुलिस की पेट्रोलिंग गाड़ी का सायरन ही एकमात्र कोलाहल था। लोग सोने की तैयारी कर थे। वीआईपी रोड पर स्थित शहर के सबसे विशालकाय राम मंदिर के कपाट भी बन्द पड़े थे। लेकिन ठीक उसी के सामने स्थित क्वींस क्लब में एक दर्जन से अधिक लोग लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की धज्जियाँ उड़ाते हुए जन्मदिन का जश्न मना रहे थे। सभी सुर-सुरा-सुन्दरी के रंग रंगे हुए थे। अचानक किसी बात को लेकर गोली चली। नियम-कानून को ताक पर रखकर जश्न मनाने का खुलासा हो गया। पुलिस प्रशासन से लेकर सरकार से भी कई सवाल पूछे गये; मसलन- लॉकडाउन में भी क्लब कैसे  और किसकी इजाज़त से खुला था? जन्मदिन की पार्टी आयोजित करने की अनुमति किसने दी? शराब कहाँ से आयी? वगैरह-वगैरह। वैसे तो क्वींस क्लब में पहले भी लॉकडाउन की धज्जियाँ उड़ायी जाती रही हैं, लेकिन यह मामला कुछ ज़्यादा ही संगीन है। तीन सप्ताह पहले ही शहर के एक होटल में डिस्को डांस होने का वीडियो खासा वायरल हुआ था। पर उसमें हुआ कुछ नहीं। होटल ओलंपिक संघ के एक पदाधिकारी का बताया जाता है; जिसमें एक रिटायर्ड आईएएस का पैसा लगा है।

मगर क्वींस क्लब मामले में खुलासे के बाद सरकार और प्रशासन की खासी किरकिरी हुई; इसलिए कार्रवाई भी तेज़ी के साथ शुरू हुई। चूँकि मामला रसूखदारों से जुड़ा हुआ था, इसलिए पहले राज्य के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, पुलिस महानिदेशक डी.एम. अवस्थी ने राजधानी के एसएसपी अजय यादव को कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिये; जिसके बाद नवोदित आईपीएस अजय यादव और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अंकिता शर्मा के नेतृत्व में गठित टीम ने तेज़ी से कार्रवाई की और धारा-188, 269, एवं 270 के तहत शहर के व्यापारी नमित जैन, जाने-माने बिल्डर के बेटे हर्षित सिंघानिया, चंपालाल जैन, नेहा जैन, मिनाली सिंघानिया, सूरज शर्मा, संस्कार पाचे, करण सोनवानी, अभिजीत कौर निरंकारी, ट्विंकल सिंह, अमित धवल, मिनल, राजवीर सिंह और हितेश पटेल को आरोपी बनाया। अधिकांश की गिरफ्तारी होने के तुरन्त बाद जमानत भी हो चुकी है।

तेलीबांधा पुलिस थाना प्रभारी रमाकांत साहू के मुताबिक, आरोपी आफताब कुरैशी ने हवाई फायरिंग करने वाले हितेश पटेल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवायी है। आफताब के मुताबिक, खाने का पार्सल लेने के लिए वह क्वींस क्लब गया हुआ था, तभी अभिजीत कौर निरंकारी नाम की युवती नशे में धुत होकर बाहर आयी। उसने कार को लात मारी। इतने में अधेड़़ हितेश पटेल आ धमका और गोली चला दी; यहीं से बवाल शुरू हुआ। इस घटना के बाद पुलिस ने हितेश पटेल को हत्या का प्रयास और लॉकडाउन उल्लंघन करने के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पुलिस ने हितेश पटेल पर हत्या की कोशिश का केस दर्ज करने के साथ क्लब संचालक, मैनेजर समेत पार्टी के आयोजक और शामिल होने वाले कुल 19 लोगों के खिलाफ महामारी एक्ट का अपराध कायम किया है। वैशालीनगर भिलाई की ट्विंकल सिंह कौर (25) को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहाँ से उसे जमानत मिल गयी। ट्विंकल पूर्व में गिरफ्तार एनएसयूआई की पूर्व पदाधिकारी अभिजीत कौर निरंकारी के साथ पार्टी में शामिल हुई थी। वह उसकी रिश्तेदार भी बतायी जाती है।

इस मामले में पुलिस ने क्लब के तीन डायरेक्टर्स- चंपा लाल जैन, नेहा जैन और मिनाली सिंघानिया को भी गिरफ्तार किया। मिनाली राजधानी के रसूखदार बिल्डर सुबोध सिंघानिया की पत्नी हैं, जबकि नेहा जैन क्लब के डायरेक्टर चंपालाल जैन की बहू। तेलीबांधा थाना प्रभारी रमाकांत साहू ने बताया कि घटना के बाद पुलिस ने क्लब के तीनों फरार डायरेक्टर्स को थाने में उपस्थित होने का नोटिस जारी किया था; लेकिन वे हाज़िर नहीं हुए। तब पुलिस ने घर पर दबिश दी। मौके पर तीनों डायरेक्टर मिले। लॉकडाउन के दौरान क्वींस क्लब में बिना अनुमति के जन्मदिन पार्टी के लिए दो कमरे बुक करने के सम्बन्ध में नोटिस दिया गया था। पूछताछ में तीनों ने इसके लिए कोई अनुमति लेना नहीं बताया। इसके बाद तीनों ने थाने में लॉकडाउन के उल्लंघन के दर्ज प्रकरण में कोर्ट से अग्रिम जमानत लेने की जानकारी दी और अग्रिम जमानत के दस्तावेज़ भी पेश किये। इसके आधार पर पुलिस ने तीनों की गिरफ्तारी की कार्रवाई की औपचारिकता पूरी कर जमानत मुचलके पर रिहा कर दिया।

जाँच आगे बढ़ी तो एक नया रैकेट भी पकड़ाया। आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि क्लब में नशा भी परोसा जाता था, जिसमें शराब और गाँजा शामिल है। आईपीएस अंकिता शर्मा के नेतृत्व में पुलिस की टीम ने इस दिशा में जाँच आगे बढ़ायी, तो ड्रग तस्कर के बड़े रैकेट का भंडाफोड़ हुआ। हुक्का बार संचालित करने के आरोपी रहे रसूखदार सम्भव पारख और हर्षदीप जुनेजा की गिरफ्तारी हो जाने के बाद अब इनके साथ जुड़े लोगों की सूची तैयार की जा रही है। नामों का खुलासा फिलहाल पुलिस नहीं कर रही है; लेकिन माना जाता है कि इसमें आठ से ज़्यादा रसूखदारों हैं। इनमें दो राजनीतिक दल से जुड़े नेताओं के पुत्र हैं। फिलहाल बिलासपुर से गिरफ्तार अभिषेक शुक्ला, भिलाई से गिरफ्तार आरोपी आशीष जोशी, निकिता पांचाल सहित दो अय युवाओं से पूछताछ जारी है।

रसूखदार हैं ड्रग्स तस्कर

होटल कारोबारी- हर्षदीप जुनेजा और सम्भव पारख पर ड्रग्स के रैकेट से जुड़े होने का आरोप है। पुलिस के मुताबिक, आरोपी अपने होटल में हर सप्ताह ड्रग्स पार्टियाँ आयोजित करते थे। इसमें रायपुर-भिलाई, बिलासपुर, रायगढ़, राजनांदगाँव जैसे शहरों से हाई प्रोफाइल युवक-युवतियाँ आते थे। सुबह 4 बजे तक यहाँ पार्टी होती थी।

एसएसपी अजय यादव ने बताया कि देवेंद्र नगर का हर्षदीप जुनेजा (36) वीआईपी रोड में मोका रेस्टोरेंट चलाता है। गुढियारी का सम्भव पारख (28) क्वींस क्लब में बार-रेस्टोरेंट का काम देखता है। दोनों कारोबारियों का पूर्व में पकड़ गये तस्करों- आशीष जोशी और निकिता पंचाल से सीधा सम्पर्क है। दोनों कारोबारी खुद भी ड्रग्स लेते हैं और सप्लाई भी करते हैं। दोनों का मोबाइल ज़ब्त कर लिया है। उसके चैट से लेकर कॉल डिटेल की जाँच की जा रही है। इस मामले में कुछ और कारोबारियों का नाम सामने आये हैं, जिनकी तलाश की जा रही है।

उधर भिलाई से गिरफ्तार मुख्य ड्रग्स तस्कर अभिषेक शुक्ला यह कुबूल कर चुका है कि वह विधानसभा रोड में स्थित एक होटल में कमरे लेकर 5-6 लोगों की क्लोज़ सर्कल पार्टी आयोजित करता था; ताकि वहाँ पहुँचने वाले लडक़े-लड़कियों को ड्रग्स का चस्का लग जाए। भिलाई से गिरफ्तार आरोपी आशीष जोशी और उसकी महिला मित्र, जो डीजे टॉक्सिक के नाम से जानी जाती है; दोनों प्राइवेट पार्टियाँ करके युवाओं को नशाखोरी के मकडज़ाल में उलझाते थे।

मॉडल और राजनीतिक नेत्री का खेल

हाई प्रोफाइल पार्टी में ड्रग्स सप्लाई करने वाली एक मॉडल निकिता पंचाल को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। मॉडल के तार सेक्स रैकेट से भी जुड़े बताये जाते हैं। वह बड़े होटलों की पार्टियों में जाती थी और अमीर घरों के लडक़े-लड़कियों को वह ड्रग्स सप्लाई करती थी। पुलिस ड्रग्स मामले में 12 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। एसएसपी अजय यादव ने बताया कि जाँच के लिए पुलिस ने 15 मोबाइल बरामद कर फॉरेंसिक लैब भेजे हैं। ड्रग्स मामले में गिरफ्तार युवकों ने ड्रग्स के साथ सेक्स रैकेट चलाने की बात कुबूल की है, जिसे युवतियाँ लीड कर रहीं थीं। ऐसी 11 और युवतियों के मोबाइल नम्बर पुलिस को मिले हैं, जिन्हें तस्कर बुलवाते थे। सभी राजधानी की ही हैं। दूसरी ओर इस काण्ड के आरोपियों में शामिल एक 28 वर्षीय युवती का एक फोटो एक मंत्री के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। सुना है कि इस युवती ने डेढ़ साल पहले एनएसयूआई के एक राष्ट्रीय पदाधिकारी पर यौन शोषण का आरोप लगाया था, जिससे उसकी नौकरी चली गयी।

आरक्षित ज़मीन पर बना है क्लब

 गोलीकांड के बाद हाउसिंग बोर्ड ने क्वींस क्लब के वास्तविक संचालक हरबक्श सिंह बत्रा की कम्पनी एमिनेट इफ्रास्ट्रक्चर प्रा. लि. को नोटिस जारी करके पूछा है कि बिना अनुमति के उसने दूसरे लोगों को क्वींस क्लब कैसे हस्तांतरित कर दिया?

हाउसिंग बोर्ड के कार्य पालक अभियंता ने नोटिस में कहा है कि सांसदों और विधायकों के लिए विशेष आवासीय योजना की ज़मीन को 2008 में बीओटी के माध्यम से क्वींस क्लब के संचालन हेतु दिया गया था। इसके लिए प्रारम्भिक राशि के रूप में एक करोड़ 70 लाख और प्रत्येक वर्ष 12 लाख रुपये हाउसिंग बोर्ड को देने थे। इसी शर्त के तहत बत्रा की उक्त कम्पनी के साथ अनुबंध हुआ था; लेकिन राशि जमा नही की जा रही थी। बत्रा इसलिए भी दोषी हैं, क्योंकि उन्होंने हाउसिंग बोर्ड से अनुमति लिए बगैर सब-लीज पर क्लब दूसरों को सौंपा है, जिसमें एक मंत्री के बेटे की अघोषित साझेदारी बतायी जाती है।

‘क्वींस क्लब गोलीकाण्ड में पुलिस निष्पक्षता के साथ तेज़ी से आगे बढ़ी है। छोटा हो या बड़ा, सभी आरोपियों की गिरफ्तारियाँ हुई हैं। ड्रग तस्कर भी पकड़ाये हैं। पूछताछ के आधार पर पुलिस आगे बढ़ रही है।’

अजय यादव, पुलिस अधीक्षक, रायपुर

‘लॉकडाउन में नियम और कानून तोडक़र शहर की शान्ति भंग करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जा रही है। पुलिस पर कोई राजनीतिक दबाव नहीं है। रसूखदार लोग भी गिरफ्तार हुए हैं। जहाँ तक राजधानी के हुक्का बारों का सवाल है, पुलिस छापामार अभियान चलाकर कार्यवाही कर रही है। राज्य भर में नशाखोरी के खिलाफ कई प्रकरण बनाये गये हैं।’

डी.एम. अवस्थी, पुलिस महानिदेशक, छत्तीसगढ़