धर्म के ठेकेदारों ने दिवंगत सैनिक की विधवा के बाल काटे, मुंह काला किया, जूते पहनाकर देव रथ के सामने घसीटा

क्रूरता की हदें पार करने वाली घटना हिमाचल की, १६ गिरफ्तार

एक बेहद शर्मनाक घटना में हिमाचल के मंडी जिले में करीब ८१ साल की एक बुजुर्ग महिला, जो दिवंगत पूर्व सैनिक की पत्नी है, को धर्म के ठेकेदारों ने गले में जूतों की माला पहनाकर और उनके चेहरे पर कालिख पोत कर सड़क पर देवता के रथ के आगे घसीटा। यही नहीं क्रूरता की तमाम हदों को लांघते हुए बुजुर्ग महिला के केश भी काट डाले गए। घटना से बुरी तरह आहत और सहमी महिला बीमार पड़ गयी है। महिला का सड़क पर घसीटे जाने का वीडियो वायरल हो गया है और लोगों ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

घटना मंडी जिले के उपमंडल सरकाघाट की गोहर पंचायत की है। वहां के समाहल गांव में इस बुजुर्ग महिला के साथ हुई क्रूरता के मामले में पुलिस ने १६ लोगों को गिरफ्तार किया है। मंडी के एसपी ने डीएसपी सरकाघाट चंद्रपाल सिंह को इस शर्मनाक घटना की जांच का जिम्मा सौंपा है। महिला का नाम राजदेई बताया गया है।

‘तहलका’ की जानकारी के मुताबिक यह घटना अंधविश्वास और गुंडागर्दी से जुड़ी है जिसमें धरम के ठेकेदारों ने इस बुजुर्ग महिला पर कथित जादू-टोने का आरोप लगा उससे अमानुषिक व्यवहार किया। हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कड़ा संज्ञान लेते हुए एसपी मंडी को त्वरित कार्रवाई के आदेश दिए हैं।

सरफिरों की हैवानियत का शिकार बुजुर्ग महिला के दामाद ने सरकाघाट थाने में शिकायत दर्ज करवाई है। पुलिस को दी गयी शिकायत में २० लोगों के नाम लिखवाए थे, जिन्होंने बुजुर्ग के साथ यह क्रूरता की। शिकायत के मुताबिक जादूटोना का आरोप लगाने वाले बहशियों ने बुजुर्ग महिला के बाल काटे, उनके चेहरे पर कालिख पोती गई और गले में जूतों की माला पहनाकर देवता के रथ के आगे उन्हें घसीटा गया।

बुजुर्ग महिला ने उसे छोड़ने की बार-बार गुहार लगाई लेकिन किसी ने उनकी न सुनी।    धर्म के ठेकेदार अपनी मनमानी करते रहे। यही नहीं, गांव वालों ने इस बहशी घटना का वीडियो भी बना डाला और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।

भी तक की जानकारी के मुताबिक यही बुजुर्ग महिला विधवा हैं और उनकी दो विवाहित बेटियां हैं। यहां तक कि कोइ उनकी देखभाल करने वाला भी नहीं। जानकारी के मुताबिक समाहल गांव में स्थानीय देवता का मंदिर है जिनकी ग्रामीणों में खूब आस्था है। देव पुजारी (गुर) की तीन साल पहले मृत्यु हो गई जिसके बाद कोई पुजारी तय नहीं हुआ। हालांकि कुछ असामजिक तत्वों ने इसका फायदा उठाकर खुद को देवता का सेवक बताकर लोगों को धर्म के नाम पर डराना-धमकाना शुरू कर दिया। माना जाता है कि यही लोग इस घटना के पीछे हैं।

‘तहलका’ को मिली जानकारी के मुताबिक कोइ हफ्ता भर पहले देवरथ के साथ यह लोग बुजुर्ग महिला के घर गए और उसपर कथित जादू-टोना का आरोप लगाया। यही नहीं उसके घर में तोड़ फोड़ भी की गयी। इसकी जानकारी बुजुर्ग महिला को मिली तो उसके गांव आकर पंचायत में इसकी शिकायत की। आरोप है कि पंचायत के सामने भी इन लोगों ने महिला को देवता के नाम पारदराय-धमकाया और शिकायत वापस लेने की मांग की।

बुरी तरह डरी बुजुर्ग महिला ने भारी दाव में शिकायत वापस ले ली और अपनी बेटी के  घर लौट गई। लेकिन जब वह फिर अपने गांव आई तो इन समाज विरोधी तत्वों ने  महिला के सिर के बाल काटे, उनका मुंह काला किया और उनके गले में जूतों की माला पहनाकर देवटा के रथ के साथ पूरी गांव में घसीटा।

रविवार को उसकी बेटी महिला को मीडिया के सामने भी लाई जहाँ उसकी हालत खराब दिख रही थी और बेटी भी रो रही थी। आरोप है कि इतनी शर्मनाक घटना के बाद भी प्रशासन का कोइ अधिकारी महिला को सांत्वना देने नहीं गया। यह बुजुर्ग महिला एक पूर्व सैनिक की पत्नी है। उनकी एक बेटी तृप्ता भरेड़ी में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं और दूसरी बेटी नर्स हैं। तृप्ता के पति हमीरपुर में एडवोकेट हैं।

तृप्ता के मुताबिक सीएम जयराम के आदेश के बाद उनकी मां के बयान दर्ज किए गए हैं। और १६ लोगों की गिऱफ्तारी भी हुई है। गिरफ्तारी के बाद गांव में तनाव होने से एसडीएम ने सरकाघाट में धारा १४४ लगा दी। स्थिति से निपटने के लिए पुलिस तैनात की गयी है। उनके मुताबिक सरकाघाट के विधायक इंद्र सिंह ने उनकी मान से मिलने का भरोसा दिया है।