देश को नई दिशा दिखाएगा महाराष्ट्र – सीएम उद्धव ठाकरे

एंग्लो इंडियन समाज को बडा़ दिलासा, महाराष्ट्र में एससी, एसटी रिजर्वेशन अगले 10 साल के लिए बढ़ा। विधान मंडल के संयुक्त विशेष अधिवेशन में विधेयक मंजूर

महाराष्ट्र विधानसभा के एक दिवसीय विशेष अधिवेशन में अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति के लिए लोकसभा और राज्य के विधानसभा में रिजर्वेशन को बनाए रखने और एंग्लो इंडियन समाज विशेष तौर पर प्रतिनिधित्व देने विधेयक को अगले 10 सालों के लिए सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी गई। याद रहे उत्तर प्रदेश व अन्य कुछ राज्यों ने संविधान के (126 वें संशोधन) अनुमोदन के तहत एंग्लो इंडियन को मिल रहे आरक्षण को खत्म कर दिया।

यह विधेयक पिछले साल 11 दिसंबर को संसद में पारित हो चुका है।

विधानसभा में यह प्रस्ताव महाराष्ट्र के चीफ मिनिस्टर उद्धव ठाकरे ने पेश किया और नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने इसे अपना समर्थन दिया।

यक्ह 25 जनवरी 2020 से 10 साल यानी 2030 तक प्रभावी रहेगा। ज्ञात हो कि संविधान के अनुच्छेद 168 के अंतर्गत देश के आधे से अधिक विधानसभाओं का अनु समर्थन दिया जाना है।

अपना प्रस्ताव रखते हुए चीफ मिनिस्टर उद्धव ठाकरे ने कहा कि इस आरक्षण की कालावधी बढ़ाई नहीं गई तो पिछले 70 साल से चला आ रहा आरक्षण बंद हो जाएगा। ठाकरे ने कहा कि संसद की तरफ से पारित विधेयक सभी स्तरों पर समान अवसर देता है चुनाव में जो लोग किन्ही कारणवश परिस्थिति वश लोकतंत्र के सर्वोच्च मंदिर में नहीं आ सकते ऐसे लोगों को यह विधायक अवसर देता है।

चीफ मिनिस्टर ठाकरे के प्रस्ताव का समर्थन करते हुए देवेंद्र फडणवीस नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जब तक विषमता दूर नहीं हो जाती तब तक इसे लागू करना चाहिए उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया के अधिकतर देशों में इस तरह के आरक्षण की व्यवस्था पहले से ही है। एकमत से यह विधेयक विधानसभा में मंजूर कर दिया।

संविधान संशोधन विधेयक केअनुमोदन के लिए विधानसभा के इस एक दिवसीय अधिवेशन में नेहरू और कांग्रेस को आरक्षण विरोधी कहते हुए विरोधी पक्ष नेता प्रवीण दरेकर ने विवाद शुरु कर दिया जिसका कांग्रेस सदस्यों ने विरोध किया। कांग्रेस सदस्य शरद रणपिसे ने प्रवीण दरेकर के बयान को सदन की कार्रवाई से निकालने की मांग की। दरेकर ने कहा था कि जब संविधान सभा में डॉ बाबासाहेब आंबेडकर ने एससी और एसटी का मुद्दा उठाया था तब नेहरू और कांग्रेस ने आरक्षण की नीति का विरोध किया था।