दिल्ली हिंसा के प्रभावितों को मुआवजे का केजरीवाल का ऐलान

नागरिकता क़ानून के खिलाफ और समर्थन में प्रदर्शनों के हिंसा में बदलने से मौत का शिकार लोगों के परिजनों या घायल हुए लोगों के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने गुरूवार को मुआवजे का ऐलान किया है। केजरीवाल ने कहा कि हिंसा में हिंदू और मुसलमान दोनों का नुकसान हुआ है।

एक प्रेस कांफ्रेंस करके केजरीवाल ने बताया कि हिंसा के बाद अस्पताल में घायलों का इलाज मुफ्त में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि घायलों पर दिल्ली सरकार की ”फरिश्ते योजना” लागू होगी। सीएम केजरीवाल ने यह भी बताया कि मृतकों के िक्त परिजनों को १०-१० लाख रूपये का मुआवजा दिया जाएगा जबकि नाबालिग की मौत पर परिजनों को ५-५ लाख रुपये की राशि दी जाएगी।

उन्होंने बतया कि घटनाओं में कम घायलों को २०-२० हजार रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। इसके अलावा हिंसा में जिनके रिक्शे को नुकसान हुआ उन्हें २५ हजार,
ई-रिक्शा के लिए ५० हजार, जिनका घर जला है उन्हें पांच लाख रूपये का मुआवजा दिया जाएगा। उनके मुताबिक जिन लोगों की दूकान जाली है उन्हें भी ५-५- लाख की सहायता राशि दी जाएगी।

केजरीवाल ने कहा कि जिन लोगों के पशु आग में जल गये उन्हें पांच हजार प्रति पशु दिया जाएगा। इसके अलावा जिनके आधार कार्ड और वोटर आईडी कार्ड जले हैं उनके नए दस्तावेज बनाए जाएंगे। यह कार्ड बनाने के लिए बाकायदा विशेष शिविर लगाए जायेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा – ”सरकार दंगा पीड़ितों को मुफ्त में खाना पहुंचाएगी। हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए जा रहे हैं। मोहल्लों में शांति और अमन कमेटियां सक्रिय की जा रही हैं।” उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार की तरफ से जो कदम उठाया जा सकता था वो हमने उठाया है। ”कल से हिंसा की वारदात कम हुई है और आज हमने कई बैठकें की हैं।”

उनके प्रेस कांफ्रेंस में पत्रकारों ने आप पार्षद ताहिर हुसैन को लेकर सवाल पूछा तो केजरीवाल ने कहा कि ”दंगों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। मेरे पास पुलिस नहीं है।  मैं कैसे एक्शन ले सकता हूं। ताहिर हुसैन हो या कोई भी सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।” उन्होंने साफ़ तौर पर कहा कि यदि कोई आप नेता भी पकड़ा जाता है तो जो सजा बनती है उससे दोगुनी सजा दो। हमें इसमें कोइ ऐतराज नहीं, लेकिन इस तरह की घटनाओं का किसी भी सूरत में राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए।