दिल्ली में कोरोना की दहशत से, अब अपने घर गांव जाने को मजबूर है लोग

देश में बढ़ते कोरोना के बीच लोगों में इस बात की दहशत हो रही है। कि आने वाले दिनों में कोरोना का कहर ना रूका तो, वो कहां जायेगे और क्या करेगें। देश के सरकारी और निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिये बिस्तरों की कमी पड़ रही है। कई अस्पतालों में तो आँक्सीजन के अभाव में मरीज दम तोड़ रहे है। बताते चलें दिल्ली में आज तीस हजार के आस –पास मरीजों की संख्या पहुंचने पर, दिल्ली में रह रहे बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश सहित अन्य राज्यों के लोगों में दहशत है।

उत्तर प्रदेश के जिला बलिया निवासी तेजेन्द्र कुमार ने बताया कि दिल्ली में कोरोना के मामलों में इजाफों हो रहा है और मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा है। ऐसे में वे अपने घर- गांव जाने को मजबूर है। मध्य प्रदेश के जिला छतरपुर के नौगांव तहसील के निवासी जगदीश का कहना है कि देश में कोरोना की कहर लोगों में डर पैदा कर रही है। जगदीश के परिजनों का कहना है कि जो भी शुभ और अशुभ हो अपने घर गांव में हो । इस लिये वे अब अपना काम धंधा बंद कर हमेशा के लिये नौगांव जा रहे है। जगदीश 5 साल से दिल्ली में गन्ना का रस बेचतें थे। अब धंधा भी चौपट हो रहा है। मकान का किराया निकालना मुश्किल हो रहा था।
बिहार निवासी प्रभु रंजन का कहना है कि कोरोना का कहर अब महीनों तक का नहीं है । बल्कि सालों साल का है। दिल्ली में ऐसे तामाम लोग है जिन्होंने तहलका संवाददाता को बताया कि वे सालों साल से रेहड़ी पटरी लगाकर काम करके अपने घर परिवार का अच्छे से पालन पोषण करते रहे है। लेकिन पिछले साल 2020 में कोरोना काल के लाँकडाउन को तो सहन कर गये थे। लेकिन इस बार का कोरोना तो पूरी तरह से धंधा पानी को चौपट कर रहा है और स्वास्थ्य से खेल रहा है। इसलिये मजबूरी में वे दिल्ली को छोड़ कर अपने घर –गांव जाने को मजबूर है।