तेलंगाना लौट रहे श्रमिक, स्पेशल ट्रेन रवाना

कोरोना वायरस के चलते अचानक हुए लॉकडाउन से दूसरे राज्यों में फँसे श्रमिकों को अब वहीं छटपटाहट होने लगी है, जहाँ वे कमा खा रहे थे। कारण, काम-धन्धा बन्द होने के साथ-साथ मकान का किराया भरने का बोझ और खाने के लिए दाने-दाने को तरसना है। हालाँकि कुछ राज्यों ने प्रवासी श्रमिकों, जिनमें अधिकतर मज़दूर हैं; के खाने की व्यवस्थाएँ की हैं। इसी बीच तेलंगाना सरकार ने प्रवासी श्रमिकों की घरवापसी की व्यवस्था करने में सफलता पायी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय से अनुमित मिलने के बाद तेलंगाना सरकार ने अपने यहाँ फँसे श्रमिकों को ट्रेन के द्वारा भेजना शुरू कर दिया है। इस पहल में तेलंगाना से एक 24 कोच वाली ट्रेन झारखंड के लिए रवाना कर दी गयी है। यह श्रमिक तेलंगाना के लिंगमपेल्ली में फँसे थे, जिन्हें उनके घर पहुँचाने के लिए यह स्पेशल ट्रेन चलायी गयी है। बताया जा रहा है कि यह ट्रेन आज रात यानी 01 मई को झारखण्ड पहुँच जाएगी।
इस ट्रेन को आज ही यानी 01 मई की सुबह 5 बजे तेलंगाना के लिंगमपेल्ली से रवाना किया गया था और यह आज ही रात क़रीब 11 बजे झारखण्ड के हतिया स्टेशन पहुँचेगी। इस स्पेशल ट्रेन को राज्य सरकार की केंद्र से विशेष अपील पर चलाया गया है। राज्य के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि ट्रेन में प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा से लेकर कोरोना वायरस की महामारी को ध्यान में रखते हुए सभी तरह के नियमों का पालन किया गया है। अगर अन्य किसी ट्रेन को चलाने की ज़रूरत पड़ी तो राज्य सरकार और रेल मंत्रालय के निर्देश के बाद ही सेवा शुरू की जाएगी। वहीं झारखण्ड सरकार का कहना है कि राज्य के लगभग 9 लाख लोग दूसरे राज्यों में फँसे हैं। इनमें क़रीब 6 लाख 43 हज़ार मज़दूर हैं और शेष लोग नौकरीपेशा तथा व्यवसायी आदि हैं।
बता दें कि यह ट्रेन केवल तेलंगाना सरकार के प्रयास से ही नहीं चली है, बल्कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने राज्य के श्रमिकों की वापसी के लिए स्पेशल ट्रेन चलाने की माँग रेलमंत्री पीयूष गोयल से की थी।